SATNA : जो गृह जिले की व्यवस्था नहीं सुधार सका वह दूसरे जिले की क्या व्यवस्था बनाएगा, सतना में एक वेंटीलेटर के सहारे लाखों की आबादी

सतना। इसे सतना जिले की जनता का दुर्भाग्य कहें या कुछ और। इस कोरोना महामारी से देश भर की आम जनता परेशान हो चुकी है। लाखों-लाख लोग प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं। जहां मरीजों को वेंटीलेटर और आक्सीजन की आवश्यकता होती है। लेकिन मध्यप्रदेश के सतना जिले की हकीकत कुछ और है। यहां जिला अस्पताल में पूर्व से चार वेंटीलेटर की व्यवस्था थी जो कोरोना काल में बढ़ने की बजाय घट गए। अब यहां मात्र एक वेंटीलेटर के सहारे लाखों की आबादी का उपचार टिका है। जबकि मध्यप्रदेश सरकार में सतना को पूरा प्रतिनिधित्व मिला है और मंत्री बने हुए हैं।

Update: 2021-04-25 16:19 GMT

सतना। इसे सतना जिले की जनता का दुर्भाग्य कहें या कुछ और। इस कोरोना महामारी से देश भर की आम जनता परेशान हो चुकी है। लाखों-लाख लोग प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं। जहां मरीजों को वेंटीलेटर और आक्सीजन की आवश्यकता होती है। लेकिन मध्यप्रदेश के सतना जिले की हकीकत कुछ और है। यहां जिला अस्पताल में पूर्व से चार वेंटीलेटर की व्यवस्था थी जो कोरोना काल में बढ़ने की बजाय घट गए। अब यहां मात्र एक वेंटीलेटर के सहारे लाखों की आबादी का उपचार टिका है। जबकि मध्यप्रदेश सरकार में सतना को पूरा प्रतिनिधित्व मिला है और मंत्री बने हुए हैं।

इतना ही नहीं कोरोना में व्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कई अन्य जिलों का कोविड प्रभारी मंत्री बनाया है। अब सवाल यह उठता है कि जो मंत्री अपने गृह जिले में कोई व्यवस्था नहीं बना सका वह दूसरे जिले में क्या व्यवस्था करेगा भगवान ही जाने।  

जाने सतना जिले के अस्पताल का हाल

वर्तमान में जिला अस्पताल में चार वेंटीलेटर हैं इनमें से दो अनुपयोगी हैं जबकि एक वेंटीलेटर खराब हालत में पहले से पड़ा है। बचा हुआ एक वेंटीलेटर भगवान भरोसे काम कर रहा है जो कि 15 लीटर से कम आक्सीजन फ्लो पर बंद हो जाता है। वहीं प्रशासन का दावा है कि छह वेंटीलेटर और मंगाए गए हैं लेकिन वह कब तक आएंगे इसके बारे में कोई नहीं कहना चाहता।

कोई पूछे, सांसद-मंत्री निरीक्षण कर रहे तो क्या देखा

आपको बता दें कि कोरोना रोकथाम प्रभारी व राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद गणेश सिंह सहित कलेक्टर अजय कटेसरिया, सीएमएचओ डॉ. अशोक अवधिया भी रोजाना निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं लेकिन उनसे कोई पूछे कि क्या देखने जाते हैं ? यहां सब भगवान भरोसे चल रहा है। करोड़ों रुपये की संपत्ति और विधायक व सांसद निधि होने के बाद भी जिले के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना काल के दौरान एक वेंटीलेटर से काम चलाना कथनी और करनी में फर्क दिखा रहा है।

उपकरण की कमी से नहीं शुरू हो सका वार्ड

सतना के जीएनएम कॉलेज में ह्यूमिडिफायर एवं फ्लो मीटर की उपलब्धता नही होने कारण वार्ड प्रारम्भ करने में विलंब हुआ है। इसके कारण संकट और गहरा रहा है। वहीं जिला अस्पताल में डाउन ट्रांसफर और डिस्चार्ज समिति को भी क्रियान्वित किया जा रहा है। दरअसल कई मरीज ऐसे सामने आ रहे हैं जो भयवश ठीक होने बाद भी अस्पताल से बिस्तर नही छोड़ रहे हैं। बताया गया है कि रविवार से वार्ड शुरू हो सकता है।

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