SATNA : इतिहास में पहली बार मां शारदा के कपाट लगातार दूसरी बार बंद, निराश हैं भक्त

सतना (Satna News)। इतिहास में पहली बार देवी के 52 शक्तिपीठों में शुमार मां शारदा के कपाट लगातार दूसरी बार बंद हैं। मैहर में पहले दिन से ही मां शारदा के गर्भ गृह तक पहुंचने के तीनों रास्ते सील कर दिए गए हैं। लेकिन भक्तों के लिए राहत की बात यह है कि वे मां की सुबह और शाम होने वाली महाआरती और मां के दर्शन ऑनलाइन कर सकते हैं। कोरोना के कहर के चलते भक्तों को निराश होना पड़ा है।

Update: 2021-04-15 09:14 GMT

सतना (Satna News)। इतिहास में पहली बार देवी के 52 शक्तिपीठों में शुमार मां शारदा के कपाट लगातार दूसरी बार बंद हैं। मैहर में पहले दिन से ही मां शारदा के गर्भ गृह तक पहुंचने के तीनों रास्ते सील कर दिए गए हैं। लेकिन भक्तों के लिए राहत की बात यह है कि वे मां की सुबह और शाम होने वाली महाआरती और मां के दर्शन ऑनलाइन कर सकते हैं। कोरोना के कहर के चलते भक्तों को निराश होना पड़ा है।

मां के दर्शन से वंचित हुए भक्त

कोरोना संक्रमण क्या आया भक्तों से भगवान तक दूर चले गए हैं। लगातार दूसरे वर्ष भी चैत्र नवरात्र में श्रद्धालु अपनी मां के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। मां शारदा के मंदिर में कोरोना का असर साफ देखने मिल रहा है। यही वहीं नवरात्र मेले में दुकान लगाने वाले अब रोजी रोटी के लाले पड़ गए है। उनका कहना है कि इस संकट में सरकार की ओर से कोई मदद भी नहीं मिल रही। चैत्र नवरात्र की मंगलवार से शुरुआत चुकी है। सुबह महाआरती मंदिर के प्रधान पुजारी पवन महाराज ने की और मां को भोग लगाया। मगर पिछले साल की तरह इस बार भी मैहर में मां शारदा के कपाट बंद है। नवरात्र में भक्तों से गुलजार रहने वाली मां शारदा की नगरी भक्तों की मनाही के बाद वीरान है।

हर कोई मनाता है नवरात्रि

बता दें कि नवरात्रि एक ऐसा त्योहार है जिस हर कोई मनाता है। इस दौरान मंदिरों में अच्छी भीड़ हुआ करती थी। मैहर के शारदा मां के धाम में देश भर से श्रद्धालु और भक्त पहुंचते हैं। यहां रोजाना 10 हजार के करीब श्रद्धालु आम दिनों में पहुंचते हैं जबकि नवरात्र के अवसर पर नौ दिनों में 18 से 20 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच जाते हैं। बीत शारदेय नवरात्र में जब मंदिर कोरोना के बाद खुला था तो यहां 13 लाख श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए थे। यही नहीं यहां के दुकानदारों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए हैं।

दुकानदारों का कहना है कि दोनों सीजन में मां शारदा के दर्शन के लिए पहुंचने वाले भक्तों के कारण उनका व्यवसाय अच्छा हो जाता था जिससे वह पूरे साल उनका खाना-पीना अच्छा से चलता रहता था लेकिन कोरोना के कारण हुए लाॅकडाउन से उनके सामने समस्या पैदा हो गई है।

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