Satna: गांवों में कोरोना रोकने झोलाछाप डाक्टरों ने की मदत, इन्हे मिले देवदूत का दर्जा: नारायण

सतना। कोरोना की दूसरी लहर अत्यंत भयावह थी। कोरोना रोगी शहरों के साथ ही गांवों में निकलने लगे। गांवों में सक्रमण बढने लगा।

Update: 2021-06-02 08:48 GMT

सतना। कोरोना की दूसरी लहर अत्यंत भयावह थी। कोरोना रोगी शहरों के साथ ही गांवों में निकलने लगे। गांवों में सक्रमण बढने लगा।

ऐसे में सरकार के साथ ही स्थानीय प्रशासन के भी हाथ पैर फूलने लगे थे। कई बार सरकारों को बयान आया कि अगर कोरोना की दूसरी लहर गांवो में प्रवेश कर गई तेा संक्रमण तेजी से फैल सकता है। लेकिन गाव में मौजूद जिन्हे झोलाछाप डाक्टर कहते हैं वह बहुत काम आये।

गावों में साधार संक्रमण होने पर यही झोलाछाप डाक्टर इलाज कर स्वस्थ कर दिये। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक भी किया। 

कोरोना वॉरियर्स का मिले दर्जा

मैहर के विधायक नारयण त्रिपाठी (MLA Narayan Tripathi) ने सीएम को पत्र लिखकर झोलाछाप डाक्टरों को कोरोना वारियर्स का दर्जा देने की मांग की है।

साथ ही कहा कि इनके काम को देखते हुए इन्हे देवदूत बताया जाय। इन्होने गांव में आम लोगों का इलाज कर कोरोना को काबू करने में सहयोग किया है। सरकार को इनका काम ध्यान रखना चाहिए।

नारायण ने पत्र में लिखी यह बात

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम शिवराज को 31 मई को लिखे पत्र में कहा कि हम सब गांव के परिवेश से परिचित हैं। गांवों में शासकीय स्वास्थ्य सेवा बेहतर नही है।

गांव के लोगों का प्राथमिक इलाज झोलाछाप डाक्टर कर रहे हैं। गांव के लोग पैसे की समस्या से शहर जाने से कतराते हैं। झोलाछाप डाॅक्टर को इंजेक्शन लगाने, डिप लगाने और सामान्य दवाइयों को देने का अनुभव होता है। 

झोलाछाप डॉक्टरों का सर्वे कराया जाए, उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाए। फिर इनको स्वास्थ्य विभाग के तंत्र से जोड़ा जाए। इसके बाद सही दिशा में काम लिया जा सकता है।

बस आपरेटरों के लिए लिखा दूसरा पत्र

विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम शिवराज सिंह चैहान को दूसरा पत्र भी लिखा है। जिसमे उनका कहना है कि लाकडाउन के दौरान बसें बंद थी।

ऐसे में बस आपरेटरों की परेशानी को ध्यान मंे रखते हुए बसें का टैक्स आदि माफ किया जाये। जिससे बस आपरेटरों पर अतिरिक्त भार न पडे।

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