बर्बाद हुआ 'स्मार्ट सिटी सतना का स्मार्ट फंड': सिर्फ 3 साल में उधड़ गया 5.50 करोड़ का साइकिल ट्रैक, गारंटी भी खत्म
सतना में 5.50 करोड़ की लागत से बना साइकिल ट्रैक तीन साल में ही टूटने लगा। जनवरी 2024 में गारंटी खत्म। नगर निगम के कामकाज पर सवाल।;
- सतना शहर में 5.50 करोड़ की लागत से बना साइकिल ट्रैक 3 साल में ही क्षतिग्रस्त।
- स्मार्ट फंड से तैयार हुआ 10 किमी लंबा ट्रैक अब जगह-जगह उखड़ चुका है।
- जनवरी 2024 में निर्माण कंपनी की गारंटी अवधि खत्म हुई।
- स्थानीय लोगों ने नगर निगम और ठेकेदार पर लापरवाही के आरोप लगाए।
मध्यप्रदेश के सतना शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 5.50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया साइकिल ट्रैक अब खराब अवस्था में दिखाई देने लगा है। ट्रैक के निर्माण को अभी तीन साल भी पूरे नहीं हुए, लेकिन इसकी सतह जगह-जगह से उखड़ चुकी है, बोर्ड टूटे पड़े हैं और कई हिस्सों में गड्ढे बन गए हैं।
साइकिल ट्रैक का उद्देश्य शहरवासियों को सुरक्षित, स्वच्छ और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराना था, लेकिन कम समय में ही ट्रैक की बिगड़ी हालत ने पूरे प्रोजेक्ट को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। खासतौर पर तब, जब निर्माण कार्य की गारंटी अवधि जनवरी 2024 में ही समाप्त हो चुकी है।
10 किमी लंबा ट्रैक, स्मार्ट सिटी के तीन हिस्सों में बना
सतना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल यह साइकिल ट्रैक शहर की तीन अलग-अलग लोकेशन पर बनाया गया था। इसकी चौड़ाई लगभग 3 से 4 मीटर रखी गई थी, ताकि रोजाना सैकड़ों लोग इसका उपयोग कर सकें।
नई सड़क, औद्योगिक क्षेत्र और कैम्पसाईट रोड को जोड़ने वाले इस ट्रैक से लोगों को एक हरा-भरा और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प मिलने की उम्मीद थी। शुरुआती दिनों में शहरवासी इसे काफी इस्तेमाल भी करते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। कई हिस्सों में ट्रैक पूरी तरह से टूट चुका है और आवागमन असंभव हो गया है।
स्मार्ट फंड की बर्बादी?—3 साल में ही उखड़ गया कॉरिडोर
शहरवासियों में नाराज़गी का सबसे बड़ा कारण यह है कि सिर्फ तीन साल में ही यह ट्रैक खराब हो गया है। स्मार्ट सिटी फंड से किए गए विकास कार्यों में क्वालिटी और मॉनिटरिंग का दावा किया जाता है, लेकिन इस उदाहरण ने सारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, ट्रैक में इस्तेमाल की गई सामग्री कमज़ोर थी और निर्माण के दौरान गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके अलावा कई जगह ड्रेनेज की सही व्यवस्था न होने से पानी भरता रहा, जिससे सतह और जल्दी खराब हो गई।
फैक्ट फाइल — साइकिल ट्रैक प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी
प्रोजेक्ट नाम: साइकिल ट्रैक
एजेंसी: एसपीएसडीपीएल सतना
लागत: 5.50 करोड़ रुपये
लंबाई: 10 किलोमीटर
लोकेशन: कैम्पसाईट रोड, नई सड़क, औद्योगिक क्षेत्र
काम शुरू: नवंबर 2020
काम पूरा: जनवरी 2022
गारंटी अवधि: जनवरी 2024
जनवरी 2024 में खत्म हुई गारंटी—अब कौन करेगा मरम्मत?
सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रोजेक्ट की गारंटी अवधि जनवरी 2024 में पूर्ण हो गई थी। यानी निर्माण कंपनी अब मरम्मत के लिए बाध्य नहीं है। नगरपालिका और स्मार्ट सिटी टीम अब नए प्रस्ताव के तहत इसकी मरम्मत करवाने की योजना बना रही है, लेकिन इसके लिए दोबारा लाखों रुपये खर्च होने का अनुमान है।
शहरवासियों का कहना है कि जब 5.50 करोड़ रुपये में बना ट्रैक केवल तीन साल में ही टूट गया, तो यह साफ दर्शाता है कि निर्माण की गुणवत्ता बेहद कमजोर थी। ऐसे में दोबारा मरम्मत पर पैसा खर्च करना टैक्सदाताओं के साथ अन्याय है।
कई जगह उखड़ी सतह, टूटे संकेतक, बना खतरा
ट्रैक पर चलना अब सुरक्षित नहीं रहा। कई जगह सतह पूरी तरह उखड़ चुकी है, जहाँ साइकिल चलाना तो दूर, पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। टूटे हुए संकेतक और गड्ढे ट्रैक की दुर्दशा को साफ दिखाते हैं।
साइकिल ट्रैक का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और लोगों को स्वस्थ रखने की ओर प्रेरित करना था, लेकिन अब यह रास्ता खुद दुर्घटनाओं को निमंत्रण देने लगा है। कई नागरिकों ने शिकायत की है कि उखड़ी सतह पर फिसलने का खतरा बना रहता है।
नगर निगम की तकनीकी टीम पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम की तकनीकी टीम ने निर्माण कंपनी द्वारा किए गए कार्य की समय पर जांच नहीं की। यदि निरीक्षण सही समय पर होता, तो ट्रैक की खराबी जल्दी सामने आ सकती थी।
समय पर कार्रवाई न होने के कारण, अब मरम्मत की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम पर आ गई है, क्योंकि गारंटी के बाद निर्माण कंपनी की जवाबदेही समाप्त हो जाती है।
अगले चरण में मरम्मत का प्रस्ताव—लेकिन फिर खर्च होगा पैसा
स्मार्ट सिटी अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक को दुरुस्त करने के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। लेकिन इसके लिए पुनः सार्वजनिक धन खर्च होगा, जिससे नागरिकों में नाराज़गी बढ़ी है। लोगों का कहना है कि दोषियों पर कार्रवाई की बजाय दोबारा पैसा लगाने की योजना बनाना गलत है।
शहरवासी पूछ रहे सवाल—कुशासन या भ्रष्टाचार?
सतना के निवासियों में इस प्रोजेक्ट को लेकर लगातार बहस चल रही है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या यह खराब मॉनिटरिंग का परिणाम है या फिर निर्माण के दौरान अनियमितताओं की अनदेखी की गई? 5.50 करोड़ रुपये की परियोजना का इस तरह टूट जाना एक गंभीर मामला है, जिसकी निष्पक्ष जांच की मांग बढ़ गई है।
FAQs – Satna Cycle Track 5.50 Crore Project
1. सतना साइकिल ट्रैक की कुल लागत कितनी थी?
इस प्रोजेक्ट पर कुल 5.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
2. ट्रैक खराब क्यों हो रहा है?
स्थानीय लोगों का मानना है कि निर्माण गुणवत्ता कमज़ोर थी और पानी भरने की वजह से सतह जल्द उखड़ गई।
3. क्या निर्माण कंपनी ट्रैक की मरम्मत करेगी?
नहीं, क्योंकि प्रोजेक्ट की गारंटी अवधि जनवरी 2024 में खत्म हो चुकी है।
4. क्या नगर निगम मरम्मत करवाएगा?
नगर निगम नया प्रस्ताव तैयार कर रहा है, लेकिन इसके लिए फिर से सार्वजनिक धन खर्च होगा।