Railway News: एमपी के सतना में रेलवे बनाएगा ग्रेड सेपरेटर, रेल ट्रैफिक होगा कंट्रोल और व्यवस्थित

MP News: एमपी के सतना में रेलवे द्वारा ग्रेड सेपरेटर प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की तैयारी में जुट गया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए रेलवे ट्रैफिक को कंट्रोल और व्यवस्थित किया जा सकेगा।

Update: 2023-05-14 08:00 GMT

एमपी के सतना में रेलवे द्वारा ग्रेड सेपरेटर प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की तैयारी में जुट गया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए रेलवे ट्रैफिक को कंट्रोल और व्यवस्थित किया जा सकेगा। जिससे रेल यात्रियों को भी काफी राहत मिलेगी। रेलवे ने रेल लाइनों के विस्तार, माल ढुलाई और यात्री किराए से आमदनी बढ़ाने के साथ ही ट्रेनों की टाइमिंग को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

10 किलोमीटर होगी लंबाई

ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन से सतना-रीवा रेल ट्रैक को जोड़ने के लिए रेलवे द्वारा ग्रेड सेपरेशन का प्लान बनाया जा रहा है। जिसके तहत सतना के करही हरमल्ला से कैमा के बीच लगभग 10 किलोमीटर लंबाई का ग्रेड सेपरेटर यानी कि फ्लाई ओवर बनाया जाएगा। यहां पर यह बता दें कि कैमा सतना और रीवा रेल मार्ग के बीच में है। जबकि करही हरमल्ला सतना-पन्ना रेल लाइन का हिस्सा है। इन दोनों ट्रैक की कनेक्टिविटी ग्रेड सेपरेशन के माध्यम से किए जाने की तैयारी है। सतना-पन्ना रेल लाइन का अभी कार्य चल रहा है। रेलवे सूत्रों की मानें तो रेलवे ने कटनी के बाद अब सतना में भी ग्रेड सेपरेटर प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की तैयारी में जुट गया है।

जल्द शुरू होगा सर्वे

रेलवे के मुताबिक ग्रेड सेपरेशन प्रोजेक्ट पर कार्य अभी कटनी में चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए सतना में कंसल्टेंसी एजेंसी के माध्यम से जल्द ही सर्वे शुरू कराया जाएगा। कैमा स्टेशन को भी विकसित किए जाने की कोशिश लगातार रेलवे द्वारा की जा रही हैं। कैमा में सतना शहर से माल गोदाम को भी शिफ्ट किया जाना है। ग्रेड सेपरेशन के बाद कैमा से करही हरमल्ला तक बनने वाले फ्लाई ओवर के माध्यम से सतना-रीवा और ललितपुर-सिंगरौली का रेल ट्रैक जुड़ जाएगा। हावड़ा-मुंबई मेन रेल ट्रैक भी इससे कनेक्ट कर दिया जाएगा। जिसके कारण क्रासिंग के चलते ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या हल हो जाएगी। इसके साथ ही ट्रेनों को डायवर्टेड रूट से भी निकाला जा सकेगा।

यह है ग्रेड सेपरेशन

ट्रेनों के आवागमन में वहां पर बाधा उत्पन्न होती है जहां दो अलग-अलग रूट के ट्रैक एक-दूसरे को क्रॉस करते हैं। क्रॉसिंग के कारण ट्रेनों को खड़ा करवा दिया जाता है जिससे वह विलम्ब का शिकार होती हैं। इससे निपटने के लिए ग्रेड सेपरेटर तैयार किया जाता है। इसमें यह व्यवस्था रहती है कि दो ट्रैक एक-दूसरे को क्रॉस नहीं करें। जिसके लिए रेल ओवर ब्रिज, फ्लाईओवर आदि तैयार कर रेलव लाइन बिछाने का कार्य किया जाता है। जिससे ट्रेनों की क्रॉसिंग और लेटलतीफी की समस्या से निजात मिल जाती है।

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