सतना: 1 करोड़ 16 लाख के पेच वर्क में अनियमितता, कमिश्नर ने ठेकेदार-इंजीनियर को थमाया नोटिस

Satna MP News: शहर की सड़को के गड्ढों को भरने भ्रष्ट्राचार किए जाने का मामला सामने आया है।

Update: 2022-11-06 07:43 GMT

Satna MP News: शहर की सड़को के गड्ढों को भरने भ्रष्ट्राचार किए जाने का मामला सामने आया है। गड्ढों को भरने के लिए 1 करोड़ 16 लाख का टेंडर तो किया गया, लेकिन काम मानक के अनुसार नहीं किया गया। मामला जैसे ही नगर निगम कमिश्नर के संज्ञान में आया उन्होने ठेकेदार और इंजीनियर को नोटिस भेज कर जवाब तलब किया है। कमिश्नर से भेजे नोटिस में टेंडर टर्मिनेशन और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किए जाने की चेतावनी भी दी है।

क्या है मामला

बताया गया है कि शहर के वार्ड क्रमांक 1 से 45 तक की सड़कों के गड्ढों को भरने के लिए 1 करोड़ 16 लाख का टेंडर निकाला गया था। इस टेंडर को तेजभान सिंह की काव्या कंस्ट्रक्शन ने 16 फीसदी कम दर पर हासिल किया था। इस काम की निगरानी का जिम्मा सब इंजीनियर दीपक बागरी को सौंपा गया था। देखने में आया है कि ठेकेदार ने तय मानकां के अनुरूप ही काम किया।

परिणाम यह निकला कि काव्या कंस्ट्रक्शन ने गड्ढे भरने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। जिसके कारण सड़कां डामर सड़कों में उखड़ कर गिट्टी फैल गई। गड्ढे फिर से नजर आने लगे। इस मामले में ठेकेदार तेजभान के साथ ही इंजीनियर दीपक की मिलीभगत का मामला भी सामने आ रहा है।

काम का किया मुआयना

नगर निम आयुक्त राजेश साही की नजर में जैसे ही घटिया काम किए जाने का मामला सामने आया उन्होने काव्या कंस्ट्रक्शन के कार्य का मुआयना करना शुरू कर दिया। उन्होन पेच उखड़वा कर देखा। निरीक्षण करने पर कमिश्नर ने पाया कि पेच वर्क के पहले न तो खुदाई कर मिट्टी हटाई गई और न ही लेवलिंग-ड्रेसिंग की गई थी।

डामर प्लांट का कचरा फैला कर उसके ऊपर सील कोट किया गया था। अपने सामने ही कमिश्नर ने खुदाई करवा कर जब यह देखा तो उन्हें गुणवत्ताविहीन कार्य का पता चला। टेंडर की शर्तां और एस्अीमेट के अनुसार कहीं भी काम नजर नहीं आया।

कैसे करना था काम

नगर निगम के अधिकारियों की माने तो एस्टीमेट के अनुसार पेचवर्क के लिए एक फिट गहरा गड्ढा गहरा और न्यूनतम डेढ़ वर्ग मीटर चौड़ाई में खुदाई करनी थी। ओवर बर्डर हटाना था। इसके बाद 15 सेमी, डब्ल्यूएमएम वर्क करना था, फिर प्राइम कोट इमल्शन लगाना था। इसके बाद 4 फीसदी डामर मिक्स से 50 से 75 एमएम तक डीबीएम फिर 6 फीसदी डामर मिक्स से बीसी कोट करना था। यह सब करने के बाद सीट कोट किया जाना था। लेकिन काव्या कंस्ट्रक्शन ने डामर प्लांट का कचना गड्ढों में डाल कर सीधे सील कोट कर दिया।

Tags:    

Similar News