इस बड़ी ख़ामी की वजह से बार-बार कांग्रेस को पटखनी दे देता है यह भाजपा विधायक

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Update: 2021-02-16 05:54 GMT

सागर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस आपसी गुटबाजी से हारती रही है। यहां से भाजपा ने लगातार 6 चुनाव जीते। इस बार भाजपा के किले को भेदने के लिए यदि कांग्रेस जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवार को मैदान में उतारती है, तभी बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण पूर्व प्रत्याशी रहे डॉ. सुशील तिवारी ने भाजपा का दामन थाम लिया। उनके अलावा और भी नेताओं ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है।

कांग्रेस की फूट का फायदा भाजपा नेताओं ने हर चुनाव में उठाया और वे चुनाव जीतने में सफल भी रहे। संभागीय मुख्यालय होने के बाद भी यहां का जो अपेक्षित विकास होना था, नहीं हो पाया। कारण, सागर से सक्षम नेतृत्व को दोनों ही दलों में गुटबाजी के चलते उभरने की मौका ही नहीं दिया गया। सुधा जैन तीन बार विधायक रहीं, चौथी बार उनका टिकट कट गया। कांग्रेस के प्रकाश जैन को मंत्री बनने का मौका मिला, लेकिन वे सागर के विकास के लिए कुछ ज्यादा कर नहीं पाए। यही कारण विधायक शैलेंद्र जैन के साथ भी रहे। उनकी यह दूसरी पारी है, लेकिन वे सागर को कोई बड़ी सौगात नहीं दे पाए। हालांकि उन्होंने योजनाओं के तहत विकास के बहुत काम करवाए।

वर्तमान में मैदानी स्थिति -

चुनाव को देखते हुए विधायक शैलेंद्र जैन ने क्षेत्र में सक्रियता और भी बढ़ा दी है, लेकिन कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस भी एकदम से सक्रिय हुई है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से अभी तक ऐसा कोई नाम नहीं आया है, जो चुनाव जिताने की गारंटी देता हो। शहर की पेयजल और यातायात समस्या के कारण भाजपा को कुछ नुकसान जरूर हो सकता है, लेकिन प्रत्याशी चयन के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

संभावित दावेदार -

भाजपा - विधायक शैलेंद्र जैन, डॉ. सुशील तिवारी, मुकेश जैन ढाना।

कांग्रेस - संतोष पांडे, अमित रामजी दुबे, नरेश जैन, नेवी जैन, मुन्ना पुरुषोत्तम चौबे, मुकुल पुरोहित।

जातीय समीकरण -

सागर में जैन समाज 25 हजार, ब्राह्मण समाज 30 हजार, अजा वर्ग 30 हजार, अन्य पिछड़ा वर्ग 70 हजार और अल्प संख्यक समुदाय के 15 हजार वोटर हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर दोनों ही दलों में आधे-आधे बटे हैं, जो कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार की हार-जीत का कारण बनते हैं।

पांच बड़े वादे और स्थिति -

एक हजार करोड़ के विकास कार्य करवाने का वादा किया गया था। पेयजल समस्या दूर करने, सीवरेज सिस्टम तैयार कराने, बेरोजगारी दूर करने और झील की सफाई कराने के वादे किए गए थे। इनमें से ज्यादातर वादे पूरे हो गए हैं या फिर उनका काम चल रहा है। हालांकि पेयजल समस्या दूर करने के संबंध में धरातल पर कोई विशेष काम नहीं दिख रहा है।

क्षेत्र के मुख्य मुद्दे -

झील संरक्षण, सीवरेज सिस्टम, शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था, अतिक्रमण, ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना, युवाओं में बेरोजगारी की समस्या, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल होने के बाद भी शहर के 70 प्रतिशत लोग भोपाल, इंदौर और नागपुर इलाज कराने जाते हैं। बड़े उद्योग न होने से दिनों-दिन युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है।

आमने-सामने -

विधायक से सीधी बात -

मैंने चुनाव से पहले जनता से जो वादे किए थे, वे या तो पूरे हो गए या होने की स्थिति में हैं। जैसे एक हजार करोड़ के विकास कार्यों की बजाय इन पांच सालों में 5 हजार करोड़ के काम कराए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में 5 हजार मकान बनाए गए। 2500 मकानों का आवंटन कराया। झील की सफाई, मोंगा बंधान का काम कराया। सीवरेज सिस्टम का काम शुरू हो गया है। शहर की नलजल योजना के सुचारू संचालन के लिए सालों पुरानी पाइन लाइनों को बदले जाने की प्रक्रिया जारी है।

- शैलेंद्र जैन, विधायक

विरोधी दल के नेता का मद -

चुनाव के बाद मैंने भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। कांग्रेस संगठन दिनों दिन कमजोर होता जा रहा है। यह बात सही है कि सागर शहर का जो विकास होना चाहिए, वह नहीं हो पाया है। 2003 और 2013 का चुनाव कांग्रेस सागर से मात्र 8-8 हजार वोटों से हारी थी, जबकि 2008 में हार का अंतर 20 हजार था।

- डॉ. सुशील तिवारी, पराजित कांग्रेस प्रत्याशी, वर्तमान में भाजपा में

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 41

सागर -

कुल मतदाता - 2005863

मतदान केंद्र - 245

पुरूष - 1006751

महिला - 999104

थर्ड जेंडर मतदाता - 8

फैक्ट फाइल -

2013 का परिणाम -

शैलेंद्र जैन,भाजपा - 64351

सुशील तिवारी, कांग्रेस - 56128

इंतकाम हुसैन बट,भाकपा - 1046

पिछले चुनावों में मिले वोट -

पार्टी - 2003 2008

भाजपा - 50148 46000

कांग्रेस - 41604 25149

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