रीवा में मवेशियों को आवारा छोड़ना पड़ेगा मंहगा, कलेक्टर ने दिए ये जरूरी निर्देश

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Update: 2021-02-16 06:10 GMT

रीवा. जिला दण्डाधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने रीवा जिले में आवारा पशुओं से फसलों की क्षति व सार्वजनिक स्थलों में पशुओं के यत्र तत्र घूमने के कारण होने वाले नुकसान की रोकथाम के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में कहा है कि जिले के सीमा में मवेशियों को बिना चरवाहे के छोड़ने की ऐरा प्रथा के कारण पशुओं के यहां-वहां घूमने व किसानों की फसलों को नष्ट होने से पशुओं के साथ क्रूरता की जाती है। सड़क मार्ग में पशु दुर्घटनाग्रस्त होकर मृत अथवा घायल हो जाते हैं। इससे लोगों की आस्था पर चोट पड़ती है और कानून व्यवस्था की समस्या बनती है।

इसके अलावा दुर्घटनाओं में वाहन चालक भी घायल और मृत हो रहे हैं। ऐसी दुर्घटनाओं के बाद आसपास के सैकड़ों लोग हाइवे जाम कर देते हैं और परिवहन व आवागमन प्रभावित होता है। उपरोक्त स्थित के मद्देनजर जिला दण्डाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पशु पालक के घर-घर जाकर पशुओं की टैगिंग करेंगे। जिससे यह पता चलेगा कि संबंधित पशु का मालिक कौन है।

भूसा बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमः ग्रामों में पराली जलाने तथा हार्वेस्टर से कटाई कराने के कारण भूसे की कमी हो रही है और पशु भूखे भटक रहे हैं। जिला दण्डाधिकारी ने पराली जलाने को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिए है। साथ ही हार्वेस्टर की अनुमति उसी शर्त पर दी जायेगी जब उसके साथ भूसा कटाई की मशीन जैसे रीपर का प्रयोग किया गया ।

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