रीवा के TRS कॉलेज में हिन्दी पखवाड़ा 2025: विद्यार्थियों ने कविताओं, निबंध, और संगोष्ठी में अपनी प्रतिभा दिखाया

रीवा के शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय में 14 से 20 सितंबर 2025 तक हिन्दी पखवाड़ा आयोजित, विद्यार्थियों ने कविताओं, निबंध, और संगोष्ठी में अपनी प्रतिभा दिखाई।;

Update: 2025-09-20 10:46 GMT

रीवा के शासकीय ठाकुर रणमत सिंह स्वसाशी महाविद्यालय (TRS College) में 14 से 20 सितंबर 2025 तक हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी और भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. निवेदिता टेम्बरे के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विद्यार्थियों ने कविताओं, निबंध, स्लोगन प्रतियोगिता और संगोष्ठियों में अपनी प्रतिभा दिखाई।

प्रथम दिवस: कविता पाठ और स्लोगन प्रतियोगिता

15 सितंबर को हिन्दी के प्रतिष्ठित कवियों पर केंद्रित कवि पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गई। M.Sc. (BT) प्रथम वर्ष के अभय कुमार चौरासिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 'हिन्दी का महत्व' पर स्लोगन प्रतियोगिता में B.A. प्रथम वर्ष की आयौश्री वास्‍तव ने प्रथम स्थान हासिल किया।

द्वितीय दिवस: निबंध प्रतियोगिता और पुस्तक प्रदर्शनी

16 सितंबर को 'भारतीय ज्ञान परम्परा में हिन्दी साहित्य की भूमिका' विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। B.A. V सेमेस्टर की राशि त्रिपाठी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। साथ ही, पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने हिन्दी साहित्य की विविध रचनाओं का अवलोकन किया।

तृतीय दिवस: प्रश्न मंच प्रतियोगिता

18 सितंबर को 'हिन्दी भाषा एवं साहित्य' विषय पर प्रश्न मंच प्रतियोगिता आयोजित की गई। विद्यार्थियों को चार ग्रुपों में बाँटकर सवाल-जवाब कराया गया। ग्रुप (B) के अंशिका ओझा और उनके साथियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

चतुर्थ दिवस: हिन्दी का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य

19 सितंबर को हिन्दी का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य विषय पर संगोष्ठी और परिचर्चा आयोजित की गई। दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। डॉ. रामेश्वर पांडेय ने राजभाषा हिन्दी की दशा और दिशा पर विस्तृत व्याख्यान दिया। डॉ. वन्दना त्रिपाठी और डॉ. शिप्रा द्विवेदी ने हिन्दी की वैश्विक लोकप्रियता और महत्व पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण - भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ की प्रभारी एवं संयोजक डॉ. निवेदिता टेम्बरे ने दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. महानंद द्विवेदी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भाषा का भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ एवं हिन्दी दिवस की शुभ को मानते हुए हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डाला।

मुख्य अतिथि डॉ. रामेश्वर पांडेय सेवा नि० प्राध्यापक-हिन्दी ठा.ठाकुर रघुराज सिंह महाविद्यालय, रीवा ने राज भाषा हिन्दी की दशा एवं दिशा, अपना पर राजभाषा, राष्ट्रभाषा व सम्पर्क भाषा पर विस्तृत व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. वन्दना त्रिपाठी, प्राध्यापक, हिन्दी ने अपने व्यक्त में 'हिन्दी का अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य' पर प्रकाश डालते हुए उसके महत्व एवं विश्व स्तर पर हिन्दी की लोक प्रियता पर प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ता डॉ. शिप्रा द्विवेदी, हिन्दी-विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापक ने अपने उद्बोधन में हिन्दी का अन्तर्राष्ट्रीय को रेखांकित करते हुए कहा कि हिन्दी भाव एवं मन, की भाषा है, एवं हिन्दी भाषा अपनी लहजा बनाती है। और विश्व अपने आप अलग स्थान बना चुकी है। हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे बोली और समझने वाली भाषा है।

समापन और विशिष्ट योगदान

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. ब्रह्मेश्र मिश्र द्वारा किया गया एवं आभार संस्कार पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर सुमित तिवारी व विवेक पाण्डेय द्वारा शोध-पत्र का वाचन किया गया। इस अवसर प्रमुख रूप से डॉ. प्रदीप विश्वकर्मा डॉ. बृजेन्द्र कुशवाहा, डॉ. ब्रहमेन्द्र मिश्र, डॉ. असुला मिश्रा, डॉ. तरन्नुम खान, डॉ. सोनी सिंह, डॉ. पूजा शुक्ला, डॉ. शशि त्रिपाठी, डॉ. आरती सोनी, डॉ. आशुतोष शुक्ला, डॉ. ज्योति पाण्डेय, डॉ. अल्पना मिश्रा, डॉ. प्रियंका पाण्डेय, महा० के प्राध्यापक, अतिथि विद्वान, स्वावित्तीय शिक्षक, जनभागीदारी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ. बृजेन्द्र कुशवाहा डॉ. ब्रहमेन्द्र मिश्र, डॉ. सोनी सिंह, डॉ. तरन्नुम खान एवं पूजा शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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