रीवा के विकास को फिर लगेंगे पंख, फिर मंत्री बन कर आ रहें हैं 'Rajendra Shukla'?

रीवा. कमलनाथ सरकार के 15 माह बाद धराशायी हो जाने के बाद आज भाजपा से शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहें है.

Update: 2021-02-16 06:17 GMT

रीवा. कमलनाथ सरकार के 15 माह बाद धराशायी हो जाने के बाद आज भाजपा से शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहें है. शिवराज सिंह के शपथ लेने के एक हफ्ते बाद उनका मंत्रिमंडल तय होगा। इसके साथ ही उनके मंत्रिमंडल में शिवराज के सबसे चहते एवं रीवा के विकास पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र शुक्ल एक बार फिर शामिल होने जा रहें है. राजेंद्र शुक्ल के मंत्री बनने के बाद फिर एक बार रीवा में विकास के पंख लग जाएंगे। बजट में कमी होने के कारण 15 माह की कांग्रेस सरकार में रीवा के अधिकाँश काम बंद करा दिए गए थें अब वे सभी काम फिर शुरू होने की संभावना है. 

आइये जानते हैं राजेंद्र शुक्ला के बारे में राजेन्द्र शुक्ला (Rajendra Shukla) का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा अंतर्गत ढेरा गांव में हुआ था। हर राजनेता अपने हिसाब से क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देता है। जनता के बीच सुर्खियों में बने रहे विवाद कमेंट देने की भी कुछ नेताओं में आदत होती है। इन सबसे अलग राजनीति की नई दिशा तय करते हुए मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने रीवा शहर को महानगरों की दौड़ में शामिल करने का प्रयास किया है। यहां आवश्यकता के अनुसार जो भी मांगा सरकार ने भी पूरा किया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद राजनीति में आए शुक्ला विवादित बयानों से भी दूर रहते हैं। इनकी इस आदत को जनता ने पसंद किया और लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे हैं और सरकार में मंत्री भी रहें हैं।

कांग्रेस पार्टी से शुरू की थी राजनीति राजनीति की शुरुआत राजेन्द्र ने युवा कांग्रेस से शुरू की थी। कई वर्षों तक अलग-अलग पदों पर रहे लेकिन पार्टी से मोह भंग हुआ और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा की टिकट पर वर्ष 2003 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। 

छात्र राजनीति में भी रहे सक्रिय वर्ष 1986 में इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही नेतृत्व की ओर रुझान बढ़ा था। 1992 में वृहद युवा सम्मेलन आयोजित कर सबको आकर्षित किया। छात्र राजनीति के दौरान कई बड़े आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे।

इन पदों पर भी रहे छात्र राजनीति के बाद लायंस क्लब रीवा के सदस्य चुने गए, भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, एमपी हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर रहने के बाद पहली बार 2003 में विधायक चुने गए। तैराकी है विशेष शौक खेलों में रुचि तो रखते हैं लेकिन तैराकी ऐसा शौक है जिस पर नियमित अभ्यास भी करते हैं। कार्यों की व्यस्तता के बावजूद योगा करना भी नहीं भूलते। अध्यात्म पर भी पूरी आस्था रखते हैं। रीवा प्रवास के दौरान रानी तालाब के काली मंदिर और चिरहुला के हनुमान मंदिर जाना नहीं भूलते।

2003 से अजेय हैं राजेंद्र शुक्ल भाजपा के चुनाव चिन्ह पर 2003 में राजेंद्र शुक्ला ने कांग्रेस के प्रत्याशी एवं रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह को शिकस्त दी. युवा चेहरा एवं काबिलियत को देखकर उन्हें जल्द ही मंत्रिमंडल में भी जगह मिल गई, पहली बार उन्हें वानिकी, जैव विविधता / जैव प्रौद्योगिकी, खनिज संसाधन और कानून और विधायी मामलों के मंत्रालय मिले। इसके बाद 2008 के इलेक्शन में उन्होंने कांग्रेस प्रत्यासी मुजीब खान को शिकस्त दी एवं शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए. उनका विजय रथ वहीँ नहीं थमा 2013 में भारी जीत के बाद सरकार में भी उनका ओहदा बढ़ता गया.

2018 के चुनाव में उन्हें विंध्य में भाजपा का परचम लहराने का दायित्व सौंपा गया था, जिसे भी उन्होंने बाखूबी 32 में से 28 सीट भाजपा के झोली में डालकर अपना रुतबा प्रदेश भर में और मजबूत कर लिया, जबकि 2018 के चुनाव में विंध्य फतह करने के बाद भी भाजपा बहुमत के आंकड़े से चूक गई और कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सरकार बना ली. 2018 में श्री शुक्ल ने रीवा विधानसभा सीट से भाजपा के बागी नेता अभय मिश्रा (कांग्रेस) को पराजित  किया था. इस तरह श्री शुक्ल लगातार 2003 से अजेय रहें है. 

पिता थे प्रदेश के बड़े संविदाकार मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के पिता भैयालाल प्रदेश के प्रमुख संविदाकारों में शामिल थे। कार्य में गुणवत्ता ही उनकी पहचान थी। सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले भैयालाल ने स्वयं बड़े कारोबार का नेटवर्क स्थापित किया। वह राजेन्द्र शुक्ला को भी उसी क्षेत्र में ले जाना चाहते थे लेकिन इन्होंने राजनीति का क्षेत्र अपनाया और दूसरे भाई विनोद शुक्ला पिता की विरासत को संभाल रहे हैं।

विंध्य को दिलाया अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रोजेक्ट सरकार में रहते हुए क्षेत्र के लिए कई अहम योजनाएं लेकर आए। दुनिया का पहला ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर (सतना) में स्थापित कराया। सोलर के क्षेत्र में बड़ा प्रोजेक्ट तैयार कराया और बदवार पहाड़ में 750 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित होने जा रहा है। यह सोलर एनर्जी का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है। रीवा शहर में भी निर्माण के कई कार्य हुए हैं।

तीन संतानों के हैं पिता तीन अगस्त 1964 को जन्मे राजेन्द्र शुक्ला की शादी सुनीता शुक्ला से हुई है। इनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। पत्नी राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर रहती हैं लेकिन सामाजिक कार्यक्रमों में पति के साथ जनता के बीच पहुंचती हैं। बड़ी पुत्री ऐश्वर्या की शादी इसी वर्ष संपन्न हुई है।

Similar News