REWA: RTO के दलालों से परेशान हैं वाहन मालिक व आमजन

हर जगह आमजन RTO के दलालो से परेशान हैं।

Update: 2021-11-25 10:37 GMT

रीवा। कोई एक जिला नहीं बल्कि संभाग भर में आरटीओ के दलालों से वाहन मालिक सहित आमजन परेशान हो चुके हैं। मनमानी वसूली इनका उसूल बन चुका है। छोटे-मोटे कार्यो के लिये मनमानी रकम ली जाती है। आरटीओ आफिस के हर एक सेक्शन में एक दलाल की कुर्सी लगी हुई है और बिना उसके इशारा कोई काम होने वाला नहीं है। दलालों की जबरिया वसूली के कई बार आडियो वीडियो वायरल हो चुके हैं जिनसे अधिकारी भी वाकिफ हैं लेकिन कोई कदम उठाना उचित नहीं समझते।

यदि रीवा में नजर दौड़ाई जाय तो शहर से निकलने वाले बाइपास में दिन रात जगह-जगह वसूली का खेल चलता है। यही कारण है कि रात में अनुभवी भारी वाहन चालक बाइपास छोड़कर शहर के बीचों बीच गुजरने वाली सड़कों से निकलना ज्यादा मुनासिव समझते हैं। हालांकि यहां भी उन्हें कुछ न कुछ दक्षिणा करनी पड़ती है लेकिन मनमानी वसूली से बच जाते हैं।

फैक्ट्रियों में चलने वाले वाहनों के चालक परेशान

आपको बता दें कि सतना जिले के मैहर में कुछ दिनों से ओवर लोड वाहनों के संचालन में आरटीओ की सह से दलाल सामने आ रहे हैं। इस मामले में समाजसेवी व आमजनों द्वारा प्रशासन से शिकायत की गई है। दलालों के कारण वाहन दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। समाजसेवियों सहित आम जनों का कहना है यदि आरटीओ और दलालों के बीच चल खेल बंद नहीं होता तो वह आंदोलन प्रदर्शन करने के लिये बाध्य होंगे।

भाड़ा वृद्धि और अवैध वसूली

हम बताना चाहते हैं कि वाहनों द्वारा की जाने वाली भाड़ा वृद्धि में अवैध वसूली का भी ख्याल रखा जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में को ध्यान रखते हुए वाहन चालक अपना भाड़ा तय करते हैं। कारण कि उन्हें जगह-जगह टोल टैक्स और आरटीओ के दलालों व पुलिस को टैक्स देना पड़ता है। तो आखिरकार वह पैसा कहां से आएगा, वाहन चालक अपनी जेब थोड़ी देगा, वह भी भाड़ा बढ़ाकर लेगा और सबको देगा। अब इसका पूरा भार आम आदमी पर पड़ता है। व्यापारी कभी अपने ऊपर कोई भार नहीं लेता, सबकुछ आम जनता सहती है। चाहे अवैध हो या फिर लीगल।

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