REWA : रिश्वत के 11 लाख रुपये लेते एमपीआरडीसी के कार्यकारी डायरेक्टर की करतूत आई सामने

रीवा। सरकारी आहदे पद पर बैठे अधिकारी किस तरह से भ्रष्टाचार का नंगा नाच करते हैं इसका नमूना वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है। कलेक्ट्रेट भवन की छत तले संचालित औद्योगिक विकास केंद्र के अधिकारी की करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एमपीआईडीसी के कार्यकारी डायरेक्टर एपी सिंह परिहार 11 लाख रुपये रिश्वत लेते हुये नजर आ रहे हैं। इस संबंध में प्रबंध संचालक एमपीआईसी भोपाल सहित कलेक्टर से शिकायत की गई है। बताया जा रहा है कि औद्योगिक क्षेत्र गुढ़ एवं बैढ़न में अधोसरंचना रोड, नाली, सड़क, टैंक आदि निर्माण कार्य में निविदाकार धर्मपाल एंड कंपनी रोहतक हरियाणा से बतौर कमीशन मोटी रकम ली जा रही थी।

Update: 2021-06-03 23:47 GMT

रीवा। सरकारी आहदे पद पर बैठे अधिकारी किस तरह से भ्रष्टाचार का नंगा नाच करते हैं इसका नमूना वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है। कलेक्ट्रेट भवन की छत तले संचालित औद्योगिक विकास केंद्र के अधिकारी की करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एमपीआईडीसी के कार्यकारी डायरेक्टर एपी सिंह परिहार 11 लाख रुपये रिश्वत लेते हुये नजर आ रहे हैं। इस संबंध में प्रबंध संचालक एमपीआईसी भोपाल सहित कलेक्टर से शिकायत की गई है। बताया जा रहा है कि औद्योगिक क्षेत्र गुढ़ एवं बैढ़न में अधोसरंचना रोड, नाली, सड़क, टैंक आदि निर्माण कार्य में निविदाकार धर्मपाल एंड कंपनी रोहतक हरियाणा से बतौर कमीशन मोटी रकम ली जा रही थी।

आपको बता दें कि संभागीय मुख्यालय में संचालित एकेवीएन के प्रभारी प्रबंधक एपी सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया में दिखाए जा रहे हैं वीडियो में एक व्यक्ति द्वारा झोले में 500 तथा 2000 की गड्डी कुल कीमत ग्यारह लाख रुपए देता हुआ दिखाई दे रहा हैं। जिसमें आरोप लगाया गया था कि हरियाणा की थर्मल एंड कंपनी द्वारा किए गए कार्य में कमीशन के तौर पर यह रुपए लिए जा रहे हैं उक्त वीडियो सोशल मीडिया में काफी तेजी से ट्रेड करने लगा और लोग अपनी राय रखने लगे। सोशल मीडिया में चल रहे वीडियो की सत्यता को रीवा रियासत पोर्टल प्रमाणित नहीं करता है।

ऐसी बात भी आ रही सामने

मामले की सच्चाई उस समय सामने आई जब थर्मल एंड कंपनी हरियाणा में काम करने वाले ठेकेदार विनोद कुमार रोहतक ने बताया कि वह एमपीआरडीसी का काम कर रहा था उसी दौरान उसे रेत की आवश्यकता पड़ी थी, रेत न मिलने की स्थिति में उसने प्रभारी प्रबंधक एपी सिंह के द्वारा श्रीकांत चतुर्वेदी निवासी शहडोल से रेत उधार ली थी समय पर भुगतान न होने के कारण श्रीकांत चतुर्वेदी ने उसे रेत देना बंद कर दिया था जबकि पूरे मामले की मध्यस्थता प्रभारी प्रबंधक एपी सिंह द्वारा की गई थी लिहाजा रेत के भुगतान के एवज में उसके द्वारा यह भुकतान एपी सिंह को किया गया था।

 

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