पूर्व विस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना पर विवाद: रीवा पुलिस और नगर निगम आमने सामने, कांग्रेस नेताओं ने जताई नाराजगी; हाई कोर्ट ने लगा रखी है रोक

रीवा में पुलिस लाइन के पास श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना पर रोक, कांग्रेस नेताओं ने जताई नाराजगी, राजनीतिक विवाद गहराया।;

Update: 2025-09-11 12:02 GMT
Table of Contents
  1. रीवा में पंडित श्रीनिवास तिवारी प्रतिमा स्थापना पर विवाद
  2. पुलिस और नगर निगम के बीच टकराव
  3. महापौर अजय मिश्रा और कांग्रेस का विरोध
  4. 2018 में पारित हुआ था प्रस्ताव
  5. हाई कोर्ट की रोक और कानूनी स्थिति
  6. आगे क्या होगा?
  7. FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

रीवा में प्रतिमा स्थापना पर विवाद

रीवा शहर में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नगर निगम की ओर से पुलिस लाइन चौराहे के पास प्रतिमा स्थापित करने का काम चल रहा था, लेकिन बुधवार को पुलिस टीम ने अचानक पहुंचकर काम रोक दिया। पुलिस ने यहां सुरक्षा बल भी तैनात कर दिए, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

पुलिस और नगर निगम के बीच टकराव

पुलिस का कहना है कि नगर निगम ने NOC के लिए आवेदन एसएएफ चौराहे के लिए किया था, जबकि प्रतिमा का काम पुलिस लाइन चौराहे पर चल रहा था। पुलिस लाइन की भूमि पर भविष्य में आवासीय कॉलोनी प्रस्तावित है, इसलिए यहां प्रतिमा स्थापना को लेकर रोक लगा दी गई। इस मुद्दे पर नगर निगम और पुलिस विभाग आमने-सामने आ गए हैं।

महापौर अजय मिश्रा और कांग्रेस का विरोध

रीवा महापौर अजय मिश्रा समेत कांग्रेस के कई नेता मौके पर पहुंचे और पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। महापौर ने कहा कि पंडित श्रीनिवास तिवारी किसी एक पार्टी के नहीं थे, बल्कि गरीबों और शोषित वर्ग की आवाज थे। उनकी प्रतिमा पर रोक लगाना राजनीतिक साजिश है और जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

2018 में पारित हुआ था प्रस्ताव

नगर निगम परिषद ने वर्ष 2018 में सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि रीवा में महाराजा मार्तंड सिंह और श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमाएं स्थापित की जाएं। उस समय भाजपा की परिषद थी और सभी पार्षदों ने इसे मंजूरी दी थी। 2022 में इसका टेंडर जारी हुआ और 2023 में 41 लाख रुपये की लागत से प्रतिमा निर्माण का कार्य आदेश जारी किया गया। श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा बनकर तैयार भी हो चुकी है।

नई प्रतिमाओं की स्थापना पर हाई कोर्ट की रोक 

हाई कोर्ट ने 2023 में आदेश दिया था कि सड़कों और चौराहों पर महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित न की जाएं, ताकि यातायात बाधित न हो। जुलाई 2025 में इंदौर खंडपीठ ने भी इस आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि सभी विभाग सुनिश्चित करें कि इस पर अमल हो। हालांकि, मुख्यपीठ के आदेश दिनांक के पहले से स्थापित प्रतिमाओं पर इस आदेश का असर नहीं पड़ेगा। इसी कानूनी जटिलता की वजह से भी विवाद गहरा गया है।

आगे क्या होगा?

17 सितंबर को श्रीनिवास तिवारी की 100वीं जयंती पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित होने वाला है। रीवा कांग्रेस का दावा है की इस कार्यक्रम में प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कई नेता शामिल होंगे। ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की तैयारी कर रही है। प्रशासन फिलहाल दस्तावेजों की जांच कर रहा है और देखना होगा कि प्रतिमा स्थापना पर अंतिम निर्णय क्या निकलता है।

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FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. रीवा में किसकी प्रतिमा स्थापना पर विवाद हुआ?
Ans: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद हुआ है।

Q2. पुलिस ने काम क्यों रोका?
Ans: पुलिस का कहना है कि प्रतिमा पुलिस लाइन की उस भूमि पर लगाई जा रही थी जहां आवासीय कॉलोनी प्रस्तावित है।

Q3. क्या नगर निगम ने प्रतिमा लगाने का निर्णय पहले ही लिया था?
Ans: हां, नगर निगम ने 2018 में सर्वसम्मति से प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित किया था।

Q4. हाई कोर्ट का क्या आदेश है?
Ans: हाई कोर्ट ने सड़कों और चौराहों पर प्रतिमाएं स्थापित करने पर रोक लगा रखी है।

Q5. आगे क्या हो सकता है?
Ans: प्रशासन दस्तावेजों की जांच कर रहा है और कांग्रेस इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना सकती है।

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