Rewa News: वेतन न मिलने पर संजय गांधी अस्पताल के 1200 आउटसोर्स कर्मचारियों का धरना — 2 महीने से सैलरी रोक, बढ़ा हंगामा
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारियों ने दो महीने से वेतन न मिलने पर धरना दिया। 1200 से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित, कंपनी ने जल्द सैलरी देने का आश्वासन दिया।
- रीवा के संजय गांधी अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारियों का धरना
- दो महीने से वेतन भुगतान बंद, कर्मचारियों में नाराजगी
- 1200 से अधिक स्टाफ प्रभावित — वार्ड बॉय, सफाईकर्मी और सिक्योरिटी शामिल
- कंपनी का दावा — जल्द सैलरी खाते में जारी की जाएगी
रीवा. संजय गांधी अस्पताल में मंगलवार को उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया, जब लंबे समय से वेतन का इंतजार कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी विरोध पर उतर आए। दो महीने से सैलरी न मिलने के कारण कर्मचारियों ने अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर बैठकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया और प्रबंधन से तुरंत कार्रवाई की मांग उठाई।
कर्मचारियों का आरोप — “वेतन रोका, कटौती भी मनमानी” | Staff Allegations
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने आउटसोर्स एजेंसी इजायल कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि कई महीनों से वेतन में देरी की जा रही है। कभी बिना कारण भुगतान रोक दिया जाता है, तो कभी मनमानी कटौती कर दी जाती है। कर्मचारियों के मुताबिक कंपनी के रवैये से उनका भरोसा टूटता जा रहा है।
आर्थिक संकट गहराया — घर चलाना मुश्किल | Financial Pressure
कर्मचारियों ने बताया कि लगातार दो महीने से पगार न मिलने के कारण परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। घर का खर्च, बच्चों की फीस, किराया, बिजली-पानी के बिल और दवाइयां तक खरीदना मुश्किल हो गया है। कई कर्मचारी कर्ज लेकर खर्च चला रहे हैं और अब हालात नियंत्रण से बाहर होते दिखाई दे रहे हैं।
1200 से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित | Scale of Protest
प्रदर्शनकारियों के अनुसार इस संकट का असर करीब 1200 आउटसोर्स कर्मचारियों पर पड़ा है। इनमें वार्ड बॉय, सफाईकर्मी, सिक्योरिटी गार्ड और अन्य सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो काम बंद करने पर भी विचार होगा।
अस्पताल सेवाओं पर असर | Impact on Services
अस्पताल में बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मियों पर रोजाना का कामकाज निर्भर रहता है। सफाई, मरीजों को स्ट्रेचर-व्हीलचेयर पर शिफ्ट करना, सुरक्षा और कई जरूरी व्यवस्थाएं इन्हीं के माध्यम से संचालित होती हैं। इसलिए लंबे समय तक विरोध जारी रहने से अस्पताल की सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
कंपनी बोली — “जल्द खाते में आएगी सैलरी” | Company’s Stand
विरोध के बीच कंपनी की ओर से कहा गया कि कर्मचारियों की सैलरी जल्द ही जारी कर दी जाएगी। भुगतान में देरी की वजह बताई नहीं गई, लेकिन आश्वासन दिया गया कि कुछ ही दिनों में राशी कर्मचारियों के खातों में पहुंच जाएगी। हालांकि अस्पताल प्रशासन की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
कर्मचारियों की मांग — “समय पर वेतन और पारदर्शिता” | Workers’ Demands
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें सिर्फ बकाया नहीं चाहिए, बल्कि आगे से समय पर वेतन मिलना चाहिए। इसके साथ-साथ मनमानी कटौती और देरी पर जवाबदेही तय करने की मांग भी उठाई गई। उनका कहना है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर काम करने वालों को ऐसी परेशानियों से नहीं गुजरना चाहिए।
प्रशासन से उम्मीद — जल्दी मिले समाधान | What Next
कर्मचारियों का कहना है कि वे चाहते हैं कि जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन आगे आए और मामले का समाधान निकाले। उनका विश्वास है कि यदि अधिकारियों ने दखल दिया, तो वेतन भुगतान की समस्या जल्द दूर हो सकती है और कामकाज सामान्य हो जाएगा।
FAQs | संजय गांधी अस्पताल प्रदर्शन
कर्मचारी क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?
कर्मचारियों का कहना है कि दो महीने से वेतन नहीं मिला और मनमानी कटौती की जा रही है।
कितने कर्मचारी प्रभावित हैं?
करीब 1200 आउटसोर्स कर्मचारी इस समस्या से प्रभावित बताए जा रहे हैं।
क्या अस्पताल की सेवाएं प्रभावित होंगी?
लंबे समय तक विरोध जारी रहा तो सफाई, वार्ड और सुरक्षा जैसी सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी का कहना है कि जल्द भुगतान कर दिया जाएगा, हालांकि समयसीमा साफ नहीं की गई।
आगे क्या हो सकता है?
यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो कर्मचारी आंदोलन तेज कर सकते हैं और प्रशासन को दखल देना पड़ेगा।