रीवा: रक्षा बंधन पर खदान हादसा, दो बच्चों की डूबकर मौत | Rewa News
रीवा जिले के दबौरा में रक्षा बंधन पर दर्दनाक हादसा, पानी से भरी खदान में डूबने से दो मासूमों की मौत, गांव में मातम | Rewa Daboura Accident News;
रीवा जिले के दबौरा थाना क्षेत्र के घुमन गांव में रक्षा बंधन के दिन एक दर्दनाक हादसा हो गया। इस हादसे में पानी से भरी खदान में डूबने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है और परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं।
हादसा कैसे हुआ?
दोपहर में 10 वर्षीय शिव अवतार और 12 वर्षीय सुनील गांव के पास स्थित पानी से भरी खदान में नहाने के लिए गए थे। यह खदान कई साल पहले मिट्टी निकालने के लिए बनाई गई थी, लेकिन बारिश के कारण इसमें पानी भर गया था।
नहाने के दौरान गहरे पानी में जाने से दोनों बच्चों का संतुलन बिगड़ गया और वे डूबने लगे। आसपास कोई मौजूद न होने के कारण उनकी मदद नहीं हो सकी।
गांववालों ने शुरू की तलाश
जब दोनों बच्चे काफी देर तक घर नहीं लौटे, तो परिवार ने उन्हें ढूंढना शुरू किया। गांववालों को शक हुआ कि वे खदान की ओर गए होंगे। ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पानी में तलाश शुरू की।
शव मिलने में लगी कई घंटे
काफी खोजबीन के बाद रात करीब 8 बजे गांववालों ने दोनों बच्चों के शव पानी में तैरते हुए देखे। तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी गई।
लेकिन, गांव से अस्पताल तक की खराब सड़कों के कारण पुलिस और स्वास्थ्य टीम को पहुंचने में देरी हुई।
पुलिस की कार्रवाई
दबौरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए दबौरा अस्पताल भेजा। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
गांव में मातम का माहौल
घटना के बाद से घुमन गांव में गहरा मातम है। रक्षा बंधन का त्योहार जहां भाई-बहन के रिश्ते की खुशी का प्रतीक है, वहीं इस गांव में यह दिन हमेशा के लिए दर्द की याद छोड़ गया।
पानी से भरी खदान क्यों खतरनाक है?
बारिश के मौसम में छोड़ी गई खदानों में पानी भर जाता है, जिसकी गहराई कई फीट होती है। कई बार यह पानी खतरनाक हो जाता है क्योंकि इसमें फिसलन, दलदल और तेज ढलान होती है। ऐसे में नहाने गए लोग फंस सकते हैं और डूबने की आशंका बढ़ जाती है।
प्रशासन की जिम्मेदारी
गांव के लोगों का कहना है कि ऐसी खदानों को सुरक्षित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर समय रहते चेतावनी बोर्ड लगाए जाते या खदान को बंद कर दिया जाता, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
परिवार की पीड़ा
दोनों मृतक बच्चों के परिवार पूरी तरह टूट चुके हैं। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।