रीवा परियोजना अधिकारी रिश्वत मामला: 50 हजार मांगने पर हटाया गया | Rewa Project Officer Bribery Case, 50k Demand
मध्यप्रदेश के रीवा में आंगनबाड़ी परियोजना अधिकारी ने ज्वाइनिंग के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, लोकायुक्त ने कार्रवाई कर गिरफ्तार किया था। अब अधिकारी को हटाया।;
मुख्य समाचार बिंदु | Key Highlights
- रीवा में परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी ज्वाइनिंग के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
- लोकायुक्त की टीम ने 18 सितंबर को अधिकारी को गिरफ्तार किया।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज।
- अधिकारी को रीवा से हटाकर सीधी जिले भेजा गया।
मध्यप्रदेश के रीवा जिले में आंगनबाड़ी परियोजना अधिकारी शेष नारायण मिश्रा की भ्रष्टाचार की घटना ने सुर्खियां बटोरी हैं। अधिकारी ने ज्वाइनिंग कराने के बदले सहायिका से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। मामले की शिकायत मिलने पर लोकायुक्त रीवा की टीम ने 18 सितंबर को अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत मांगने का पूरा मामला | Full Bribery Case Details
सिरमौर तहसील के सगरा निवासी राहुल सेन ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी पत्नी सोनम का चयन आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर हुआ है, लेकिन परियोजना अधिकारी ने नियुक्ति के बदले 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। सत्यापन में रिश्वत की मांग की पुष्टि होने पर अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया।
रंगे हाथों पकड़ने की कोशिश | Attempt to Catch Red-Handed
शिकायतकर्ता जब पैसे देने पहुंचे तो अधिकारी ने अपनी भ्रष्ट गतिविधि का अंदाजा लगा लिया। अधिकारी ने पैसे लेने से इंकार किया और गाली-गलौज शुरू कर दी। मौके पर अन्य लोग भी मौजूद थे, जिससे अधिकारी ने सामने से रिश्वत लेना टाल दिया। हालांकि, रिश्वत लेते हुए अधिकारी को पकड़ना संभव नहीं हो पाया।
अधिकारी को हटाया और जिला बदल दिया गया | Officer Transferred
इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की। अधिकारी शेष नारायण मिश्रा को रीवा से हटाकर सीधी जिले भेजा गया है। रीवा लोकायुक्त ने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है ताकि अन्य अधिकारियों में भी सतर्कता बनी रहे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम | Strict Action Against Corruption
मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। लोकायुक्त रीवा ने स्पष्ट किया कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिलते ही जांच शुरू कर दी जाती है और उचित कार्रवाई की जाती है। इससे जनता का विश्वास बनाए रखने में मदद मिलती है।
FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: रीवा में रिश्वत लेने वाले अधिकारी का नाम क्या है?
A1: अधिकारी का नाम शेष नारायण मिश्रा है, जो आंगनबाड़ी परियोजना अधिकारी हैं।
Q2: रिश्वत की रकम कितनी मांगी गई थी?
A2: अधिकारी ने 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
Q3: अधिकारी को कैसे पकड़ा गया?
A3: अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा नहीं जा सका, लेकिन लोकायुक्त ने रिश्वत मांगने का मामला पहले ही दर्ज कर लिया।
Q4: अधिकारी को क्या कार्रवाई हुई?
A4: अधिकारी को रीवा से हटाकर सीधी जिले भेजा गया और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
Q5: इस मामले में लोकायुक्त की भूमिका क्या रही?
A5: लोकायुक्त रीवा ने जांच कर अधिकारी को गिरफ्तार किया और मामले की पुष्टि होने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की।