रीवा के चोरहटा थाना में सियासी हंगामा: सेमरिया विधायक ने कर्मचारी को पीटा, FIR दर्ज कराने थाना पहुंचे पूर्व MLA ने CSP को 'असंवेदनशील औरत' कह डाला; TI को हांथ जोड़ने पड़े

रीवा के चोरहटा थाने में भाजपा नेता और पूर्व विधायक के समर्थकों ने CSP रितु उपाध्याय पर हमला करने की कोशिश की. एक वीडियो सामने आया है. यह हंगामा कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा पर FIR की मांग को लेकर हुआ.;

Update: 2025-07-26 06:46 GMT

रीवा के चोरहटा थाने में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. एक चौंकाने वाली घटना में, भाजपा नेता और पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी के समर्थकों ने थाना परिसर में सिटी पुलिस अधीक्षक (CSP) रितु उपाध्याय पर कथित तौर पर हमला करने की कोशिश की. विवाद तब शुरू हुआ जब पूर्व विधायक ने थाने के भीतर ही CSP को 'असंवेदनशील औरत' कहकर फटकारा और उन्हें अपनी नजरों के सामने से हटने को कहा. यह बहस इतनी बढ़ गई कि समर्थक थाने में घुस आए और सीएसपी की ओर बढ़ने लगे. हालात बिगड़ते देख TI आशीष मिश्रा ने हाथ जोड़कर सभी से शांत रहने की अपील की.

थाना प्रभारी ने हाथ जोड़कर संभाली स्थिति: कहा-'दादा शांत रहिए'

रीवा में थाने में क्यों हुआ हंगामा? सीएसपी और पूर्व विधायक के बीच बहस के बाद जब विधायक के समर्थकों ने सीएसपी पर 'धावा' बोल दिया, तो आनन-फानन में थाना प्रभारी आशीष मिश्रा ने सीएसपी रितु उपाध्याय को थाने के अंदर मेन गेट से सुरक्षित किया. इसके बावजूद भीड़ थाने में घुस आई और हंगामा जारी रहा. घटना के दौरान थाना प्रभारी आशीष मिश्रा कई बार हाथ जोड़ते नजर आए. वे भाजपा नेताओं को बार-बार 'दादा-दादा' कहते हुए शांत रहने की अपील करते रहे, लेकिन इसके बावजूद बहस थमी नहीं. सीएसपी रितु उपाध्याय भी थाने के भीतर से लगातार अपनी बात रखती रहीं, जिससे तनाव और बढ़ गया. इस पूरी घटना का वीडियो शनिवार को सामने आया है, जिसने रीवा में सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है.

कांग्रेस विधायक पर FIR की मांग को लेकर हुआ हंगामा

रीवा में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा पर क्या आरोप है? यह पूरा विवाद कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग को लेकर हुआ था. भाजपा नेता और उनके समर्थक इसी मांग को लेकर थाने में प्रदर्शन कर रहे थे. देर रात हुए इस हंगामे के बाद शुक्रवार देर रात कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा पर मामूली मारपीट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई. एडिशनल एसपी आरती सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि दोपहर से ही प्रदर्शन चल रहा था, जिसके बाद देर रात यह एफआईआर दर्ज की गई है.

युवक का आरोप: विधायक ने दी थर्ड डिग्री और पिटवाया

यह पूरा मामला तब सामने आया जब अभिषेक तिवारी नाम के एक युवक ने कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का गंभीर आरोप लगाया. अभिषेक ने आरोप लगाया कि वह अभय मिश्रा के फार्म हाउस पर कुछ पैसे मांगने गया था. वहां विधायक ने पहले उसे गालियां दीं, फिर खुद 30 लाठियां मारीं और अपने गुर्गों से पिटवाया. अभिषेक का आरोप है कि जब वह चोरहटा थाने में रिपोर्ट कराने गया, तो पुलिस ने उसकी शिकायत लेने से मना कर दिया और विधायक को इसकी सूचना दे दी.

अशोक तिवारी की कटी उंगली और गाली-गलौज का मामला

हालांकि, इस विवाद से पहले से ही एक और मामला दर्ज था. अशोक तिवारी नाम के एक अन्य व्यक्ति की उंगली अपने दांतों से काटने का मामला सिविल लाइन थाने में अभिषेक तिवारी के खिलाफ दर्ज है. अशोक तिवारी ने बताया कि 24 जुलाई को जब वह ढेकहा तिराहा गया था, तब अभिषेक ने उससे शराब के लिए ₹500 मांगे. पैसे न देने पर अभिषेक ने उसे गालियां दीं, मारपीट की और उसकी दाहिनी हाथ की तर्जनी उंगली दांतों से काट दी. खून निकलने लगा और आसपास के लोगों ने आकर उसे बचाया. पुलिस ने मेडिकल कराया था और अशोक अपनी कटी हुई उंगली डिब्बी में लेकर पुलिस के पास पहुंचा था. इस मामले में उसी दिन एफआईआर दर्ज की गई थी.

'मैं सिंगापुर से लौटा, आरोप बेबुनियाद हैं' - विधायक अभय मिश्रा

अभय मिश्रा ने आरोपों पर क्या कहा है? कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "मैं सिंगापुर से लौटा हूं. जिसने आरोप लगाए, वह शराबी है." विधायक ने आगे कहा कि अभिषेक तिवारी ने उनके कर्मचारियों से झगड़ा किया और उनमें से एक की उंगली काट ली थी. उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

पुलिस ने दोनों पक्षों पर दर्ज किए केस

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसपी विवेक सिंह ने बताया कि पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों पर केस दर्ज किए हैं. पहले अशोक तिवारी की रिपोर्ट पर अभिषेक तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. बाद में, अभिषेक तिवारी की शिकायत पर चोरहटा थाने में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा और चार अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस अब दोनों मामलों की जांच कर रही है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. यह घटना रीवा में कानून-व्यवस्था और राजनीतिक दबाव के मुद्दों को उजागर करती है.

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