रीवा में पीएम आवास योजना में बड़ा घोटाला: 648 हितग्राहियों को नोटिस, कार्रवाई और मकान वापस लेने की तैयारी
रीवा में पीएम आवास योजना में नियमों का उल्लंघन, 648 हितग्राहियों को नोटिस, नगर निगम ने की भौतिक जांच और आगे कार्रवाई की तैयारी।;
मध्य प्रदेश के रीवा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हुए आवंटन में आरोप-प्रत्यारोप के बीच नगर निगम ने जांच कराई है और अब बड़े कदम उठाने की तैयारी की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम आयुक्त ने 648 हितग्राहियों को नोटिस भेजकर नियमों का उल्लंघन करने पर जवाब मांगा है। सबसे अधिक मामले ऐसे पाए गए हैं, जिन लोगों ने आवास तो ले लिया लेकिन स्वयं नहीं रहकर किराए पर दे दिया। नियम यह स्पष्ट करता है कि आवास को किराए पर देना, बेच देना या स्वरूप बदलना मना है। उल्लंघन होने पर आवंटन निरस्त माना जाएगा।
भौतिक सत्यापन और रिपोर्ट
कुछ दिन पहले नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना (एएचपी घटक) के अंतर्गत शहर में निर्मित भवनों का भौतिक सत्यापन कराया। गोल क्वार्टर, कृष्णा नगर, सुंदर नगर, ललपा और एसएएफ साइट्स में कुल 1386 भवनों का सर्वे किया गया। इसमें 366 भवनों में ताले पाए गए और 197 भवनों में किराएदार निवासरत मिले। 738 भवनों में हितग्राही स्वयं निवासरत पाए गए। 85 भवनों में दुकानें, ढांचा परिवर्तन या रिश्तेदारों के कब्जे की स्थिति मिली। सभी उल्लंघन करने वाले हितग्राहियों को नोटिस जारी किया गया है।
अधिकारियों और पार्षदों की प्रतिक्रिया
नगर निगम परिषद की हालिया बैठक में कई पार्षदों ने कहा कि पीएम आवास योजना में मनमानी आवंटन किया गया। कुछ आवंटन कमीशन लेकर किए जा रहे हैं, जबकि योग्य हितग्राही वंचित रह जाते हैं। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और शिकायत मिलने पर जांच होगी।
साइट वार रिपोर्ट
- गोल क्वार्टर बिछिया: 504 भवन, 120 ताले, 82 किराए पर, 274 स्वयं निवास, 28 अन्य कारण।
- सुंदर नगर: 392 भवन, 84 ताले, 63 किराए पर, 229 स्वयं निवास, 11 अन्य कारण, 5 निगम ताला।
- ललपा: 140 भवन, 29 ताले, 13 किराए पर, 91 स्वयं निवास, 7 अन्य कारण।
- एसएएफ साइट: 266 भवन, 106 ताले, 34 किराए पर, 108 स्वयं निवास, 9 निगम ताला, 9 अन्य कारण।
- कृष्णा नगर: 84 भवन, 27 ताले, 5 किराए पर, 36 स्वयं निवास, 16 भुगतान न होने से खाली।
आगे की कार्रवाई
जांच में किराए पर देने और स्वरूप बदलने जैसे उल्लंघन सामने आए हैं। सभी उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं। अपात्र आवंटन की शिकायत मिलने पर नियमित जांच की जा रही है। आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवणे और महापौर अजय मिश्रा ने कहा कि दस्तावेजी रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।