रीवा जिला पंचायत सीईओ का सख्त कदम: पंचायत सचिव के वित्तीय अधिकार छीने, ₹31 लाख की वसूली

रीवा जिला पंचायत सीईओ ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए मऊगंज जिले की मटियरा ग्राम पंचायत के सचिव राजेंद्र तिवारी के वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिए हैं।;

Update: 2025-07-10 05:29 GMT

रीवा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में कई पंचायतों पर कार्रवाई करने के बाद, अब मऊगंज जिले की मटियरा ग्राम पंचायत के सचिव राजेंद्र तिवारी पर गाज गिरी है। सीईओ ने उनके वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए हैं, जिससे पंचायत के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता लाने की उम्मीद है।

भ्रष्टाचार की शिकायत और जांच में खुलासा

यह कार्रवाई तब हुई जब ईस्टदेव तिवारी और ग्रामीणों ने मटियरा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद एक पांच सदस्यीय दल ने मामले की गहन जांच की। जांच में यह पाया गया कि सरपंच पार्वती द्विवेदी और सचिव राजेंद्र तिवारी भ्रष्टाचार के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में ₹63.49 लाख की राशि अनाधिकृत रूप से निकालने की पुष्टि की है, जो सरकारी नियमों का उल्लंघन है।

सचिव से ₹31.74 लाख की वसूली प्रस्तावित, अन्य कार्य जारी रहेंगे

जांच रिपोर्ट के आधार पर, जनपद सीईओ ने जिला पंचायत को एक प्रतिवेदन भेजा था। इस प्रतिवेदन में पंचायत सचिव राजेंद्र तिवारी से ₹31.74 लाख की वसूली प्रस्तावित की गई है। शासन के निर्देशों के अनुसार, जिन सचिवों पर वसूली की प्रक्रिया चल रही हो, उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए। इसी निर्देश का पालन करते हुए, जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी कर मटियरा पंचायत के सचिव राजेंद्र तिवारी से उनके वित्तीय अधिकार वापस ले लिए हैं। हालांकि, उन्हें अन्य सचिवीय कार्य जारी रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, उन्हें जल्द से जल्द वसूली की राशि जमा कराने को भी कहा गया है।

सीईओ का सख्त रुख: "ऐसे कई मामलों पर लगातार कार्रवाई जारी"

जिला पंचायत सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर ने इस मामले पर बात करते हुए बताया कि इस तरह के कई मामले हैं, जिन पर लगातार समीक्षा की जा रही है और उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम ग्रामीण विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। जिला पंचायत सीईओ का यह सख्त रुख अन्य पंचायतों में भी भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

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