रीवा में देश का पहला कॉलेज, बिना डेंटल कॉलेज के होगी PG: डिप्टी सीएम ने कहा- प्रक्रिया पूरी कर जल्द ही डेंटल डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाएंगे
रीवा का श्यामशाह मेडिकल कॉलेज डेंटल कॉलेज के बिना ही सीधे पीजी शुरू करने जा रहा है, शासन से अनुमति मिल चुकी, एनडीसी की हरी झंडी का इंतजार।;
Contents
- रीवा मेडिकल कॉलेज को मिली अनुमति
- देश का पहला कॉलेज बिना डेंटल कॉलेज के पीजी
- निरीक्षण और विवि की रिपोर्ट
- रीवा में मरीजों की संख्या और जरूरत
- पीजी कोर्स से क्या होंगे फायदे?
- FAQ
रीवा मेडिकल कॉलेज को मिली अनुमति
रीवा का श्यामशाह मेडिकल कॉलेज अब डेंटल कॉलेज के बिना ही सीधे पीजी कोर्स शुरू करने जा रहा है। इसके लिए शासन से अनुमति मिल गई है और नेशनल डेंटल काउंसिल (NDC) की अंतिम स्वीकृति का इंतजार है। उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।
देश का पहला कॉलेज बिना डेंटल कॉलेज के पीजी
इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब कोई मेडिकल कॉलेज बिना डेंटल कॉलेज के सीधे पीजी कोर्स कराएगा। इससे पहले केवल एम्स में यह व्यवस्था रही है। श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में अभी केवल एमबीबीएस और अन्य मेडिकल विषयों में ही पीजी की पढ़ाई होती है। डेंटल विभाग जरूर है, लेकिन वहां डिग्री कोर्स नहीं चल रहा। अब यही विभाग नए अध्याय की शुरुआत करेगा।
निरीक्षण और विवि की रिपोर्ट
श्यामशाह मेडिकल कॉलेज ने इस प्रस्ताव को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर को भेजा था। विश्वविद्यालय की टीम ने निरीक्षण किया और किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं की। टीम ने सुझाव दिया कि एनडीसी से नियमों की पुष्टि कर ली जाए। इसी कारण कॉलेज प्रबंधन ने एनडीसी को पत्र भेजा है और अब हरी झंडी का इंतजार है।
रीवा में मरीजों की संख्या और जरूरत
रीवा में संजय गांधी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के डेंटल विभाग में हर साल विंध्य क्षेत्र से बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं। यहां दांत संबंधी बीमारियों के केस ज्यादा होते हैं। इस वजह से विशेषज्ञ डॉक्टर्स की आवश्यकता महसूस की जाती है। यदि पीजी कोर्स शुरू हो जाता है तो मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा और अधिक डॉक्टर्स भी तैयार होंगे।
पीजी कोर्स से क्या होंगे फायदे?
डेंटल पीजी कोर्स की शुरुआत से रीवा को कई फायदे होंगे।
- ब्लॉक स्तर पर खाली डेंटल डॉक्टर्स की सीटें भर सकेंगी।
- रीवा और विंध्य क्षेत्र के मरीजों को विशेषज्ञ इलाज मिलेगा।
- मेडिकल कॉलेज को नया शैक्षणिक दर्जा मिलेगा।
- प्रदेश में डेंटल शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार का मानना है कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में इजाफा होगा और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
FAQ
Q1: क्या रीवा मेडिकल कॉलेज बिना डेंटल कॉलेज के पीजी करा पाएगा?
A1: हाँ, शासन से अनुमति मिल चुकी है, अब केवल नेशनल डेंटल काउंसिल की स्वीकृति का इंतजार है।
Q2: यह व्यवस्था देश में कहाँ और है?
A2: अभी तक केवल एम्स में ऐसी व्यवस्था है, अब रीवा मेडिकल कॉलेज भी ऐसा करने वाला पहला कॉलेज होगा।
Q3: इस कोर्स से प्रदेश को क्या लाभ होगा?
A3: ब्लॉक स्तर पर डेंटल डॉक्टर्स की कमी पूरी होगी और रीवा समेत पूरे विंध्य क्षेत्र को विशेषज्ञ इलाज मिलेगा।