रीवा में खतरनाक भवन हटाए गए: दो इमारतें ध्वस्त, पार्षद ने उठाया सवाल
रीवा में नगर निगम ने दो खतरनाक जर्जर भवनों को ध्वस्त किया. इनमें से एक 10 साल पहले ही जर्जर घोषित हो चुका था. हालांकि, एक पार्षद ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.;
नगर निगम ने किला रोड में एक जर्जर मकान को ध्वस्त कर दिया.
रीवा में जर्जर भवनों पर नगर निगम की कार्रवाई शुरू: रीवा शहर में लोगों के लिए खतरा बन चुकीं पुरानी और बेहद जर्जर इमारतों को हटाने के लिए नगर निगम ने अभियान शुरू कर दिया है. मंगलवार को नगर निगम की टीम ने दो ऐसी ही खतरनाक इमारतों को ध्वस्त कर दिया. यह कार्रवाई शहर को सुरक्षित बनाने और संभावित हादसों को टालने के मकसद से की जा रही है.
फोर्ट रोड पर ध्वस्त हुआ पुराना मकान, बारिश में फंसे थे लोग
वार्ड 36 के किला रोड पर स्थित भागवत प्रसाद चौरसिया के मालिकाना हक वाले एक पुराने मकान को नगर निगम ने गिरा दिया. यह इमारत लंबे समय से कमजोर हालत में थी और स्थानीय निवासियों के लिए खतरा बनी हुई थी. हाल ही में हुई बारिश के दौरान इस मकान की सीढ़ी टूटकर गिर गई थी, जिससे ऊपरी मंजिल पर रह रहे तीन लोग अंदर फंस गए थे. तब एसडीआरएफ (SDRF) और नगर निगम की टीम ने मिलकर इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था. बताया गया कि इस भवन को दस साल पहले ही जर्जर घोषित कर दिया गया था और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इसके नए निर्माण की मंजूरी भी मिल चुकी थी. बारिश की घटना के बाद, निगम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस मकान को पूरी तरह गिरा दिया.
मछरिया गेट के पास पीडब्ल्यूडी का भवन भी गिरा
इसी कड़ी में, वार्ड 37 में मछरिया गेट के पास लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक बेहद जर्जर भवन को भी नगर निगम की टीम ने ध्वस्त कर दिया. यह कार्रवाई नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की मौजूदगी में, पूरे सुरक्षा इंतजामों के साथ की गई. निगम आयुक्त सौरभ सोनवणे ने साफ किया कि शहर में ऐसे सभी जर्जर और खतरनाक भवनों को हटाने का अभियान लगातार जारी रहेगा, ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस दौरान कार्यपालन यंत्री राजेश सिंह, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला, सहायक यंत्री राजेश मिश्रा, अभिनव चतुर्वेदी और स्वास्थ्य अधिकारी बालगोविंद चतुर्वेदी जैसे अधिकारी मौजूद रहे.
पार्षद ने उठाया सवाल: 'पूरा भवन गिराना अनुचित था'
नगर निगम की इस कार्रवाई पर वार्ड 13 की पार्षद नम्रता सिंह ने निगम आयुक्त से शिकायत दर्ज कराई है. पार्षद का कहना है कि वार्ड 36 में चौरसिया परिवार का जो मकान गिराया गया, वह तरीका ठीक नहीं था. उनका तर्क है कि इस भवन का सिर्फ एक हिस्सा जर्जर था. परिवार के लोग, जिन्हें हाल ही में रेस्क्यू किया गया था, अब राहत शिविर में रह रहे हैं. पार्षद नम्रता सिंह ने चिंता जताई है कि बारिश के मौसम में इस परिवार के सामने आवास का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने प्रशासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है.
आगे क्या होगा?
नगर निगम का कहना है कि शहर में मौजूद सभी खतरनाक इमारतों की पहचान कर उन्हें हटाया जाएगा. हालांकि, पार्षदों और प्रभावित परिवारों की चिंता यह है कि ऐसे में जिन लोगों के घर गिराए जा रहे हैं, उनके रहने का क्या इंतजाम होगा, खासकर इस बारिश के मौसम में. प्रशासन को इस दिशा में भी उचित कदम उठाने होंगे ताकि लोगों को बेघर न होना पड़े और उन्हें सुरक्षित आवास मिल सके.