रीवा के सुपर स्पेशलिटी और संजय गांधी अस्पताल से 3 डॉक्टरों का इस्तीफा, स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहराया संकट

रीवा के सुपर स्पेशलिटी और संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के 3 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है, जहां पहले से ही डॉक्टरों की कमी है.;

Update: 2025-08-01 16:23 GMT

रीवा के अस्पतालों से 3 डॉक्टरों का इस्तीफा: मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वस्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के गृह जिले रीवा की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक बड़ा झटका लगा है. शहर के दो प्रमुख सरकारी अस्पतालों - सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (SGMH) - के तीन डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ने का फैसला किया है. इन डॉक्टरों ने डीन को एक महीने का अल्टीमेटम नोटिस सौंप दिया है, जिससे इन अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है. 

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से यूरोलॉजी के दो डॉक्टरों का इस्तीफा

जानकारी के मुताबिक, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के दो डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं. इनमें से एक, डॉ. विवेक शर्मा ने पारिवारिक समस्याओं, खासकर अपने पिता की स्वास्थ्य स्थिति के कारण नौकरी छोड़ने का फैसला किया है. वहीं, दूसरे डॉक्टर, डॉ. विजय शुक्ला के इस्तीफे के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. इन दोनों डॉक्टरों के इस्तीफे से यूरोलॉजी विभाग में सेवाओं पर सीधा असर पड़ेगा, जो पहले से ही चिकित्सकों की कमी का सामना कर रहा है.

संजय गांधी अस्पताल की गायनोलॉजिस्ट भी छोड़ रही हैं नौकरी

दूसरी ओर, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल की गायनोलॉजिस्ट डॉ. कल्पना यादव भी अपनी नौकरी छोड़ रही हैं. डॉ. यादव ने हाल ही में अपना खुद का एक नया अस्पताल शुरू किया है, और अब वह वहीं पूर्णकालिक सेवाएं देने का फैसला कर चुकी हैं. 

पहले से ही डॉक्टरों की कमी, अब स्थिति और भी गंभीर

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पहले से ही चिकित्सकों की कमी थी, और अब इन तीन डॉक्टरों के इस्तीफे से स्थिति और भी गंभीर होने की आशंका है. श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध इन अस्पतालों से डॉक्टरों का पलायन लगातार जारी है, जो स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है. इससे पहले भी एक और डॉक्टर, डॉ. राकेश सोनी ने इस्तीफा दे दिया था, हालांकि डिप्टी सीएम के प्रयासों के बाद उन्हें रोक लिया गया था. 

अधिकारियों का दावा और डिप्टी सीएम के प्रयासों पर सवाल

अधिकारियों का कहना है कि तीनों डॉक्टरों के इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत कारण हैं. उनका दावा है कि यूरोलॉजी विभाग में अभी भी अन्य चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता है, जिससे सेवाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. हालांकि, इन लगातार हो रहे इस्तीफों से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और डिप्टी सीएम के दावों पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि रीवा को मेडिकल हब बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इन इस्तीफों से पता चलता है कि डॉक्टरों को रोकने और उन्हें बेहतर कार्य माहौल प्रदान करने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है.

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