रीवा शहर का स्वरुप बदलने मेगा प्लान तैयार: हजारों दुकान-मकान हटाए जाएंगे, अस्पताल चौराहे, सिरमौर चौराहा से लेकर जय स्तम्भ तक बदलेगी शहर की तस्वीर; ये एरिया होंगे प्रभावित
रीवा शहर में एक बड़े बदलाव की तैयारी है. हजारों की संख्या में दुकान और मकान हटाए जाएंगे. शहर का चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण और यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए यह मेगा प्लान तैयार किया गया है.;
रीवा शहर में बड़े बदलाव की तैयारी: रीवा शहर में जल्द ही एक बड़े बदलाव की बयार चलने वाली है. शहर के चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण और यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के उद्देश्य से नगर निगम और प्रशासन ने एक मेगा प्लान तैयार किया है, जिसके तहत हजारों की संख्या में दुकान और मकान हटाए जाएंगे. इस पहल से जहां एक ओर प्रभावित लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा, वहीं दूसरी ओर भविष्य में एक सुव्यवस्थित और आधुनिक रीवा की तस्वीर उभरकर सामने आएगी. शहर के कई प्रमुख स्थानों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू हो चुका, जिससे शहर का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा. निगम और जिला प्रशासन ने चरणबद्ध तरीके से इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.
सिरमौर चौराहा से अस्पताल चौराहा सड़क का चौड़ीकरण
शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक, सिरमौर चौराहा से अस्पताल चौराहा तक (अमहिया रोड) की सड़क का चौड़ीकरण का काम जल्द शुरू होगा. यह सड़क वर्तमान में काफी संकरी है, जिससे संजय गांधी अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज आने वाली एम्बुलेंस को आवागमन में भारी परेशानी होती है और आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. इस समस्या को दूर करने के लिए, सड़क को 18 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा, जिसके लिए 200 से अधिक मकान और दुकानें हटाई जाएंगी. नगर निगम ने इस संबंध में मकान एवं दुकान के मालिकों को नोटिस जारी कर दिए हैं, और जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी.
अमहिया रोड रीवा के मास्टर प्लान में पहले से ही शामिल है, लेकिन इस सड़क पर कई लोगों ने अवैध कब्जा कर कई मंजिला दुकानें और मकान बना लिए थे, जिससे सड़क बहुत संकरी हो गई थी. अब प्रशासन ने इस मास्टर प्लान को लागू करना शुरू कर दिया है. नगर निगम और प्रशासन की टीम ने मिलकर पूरे मार्ग का सर्वे किया और अतिक्रमण चिन्हित किए.
कबाड़ी मोहल्ला, विकास कॉलोनी और रसिया मोहल्ले पर भी गाज
शहर के सौंदर्यीकरण और रिवर फ्रंट परियोजना के तहत जय स्तम्भ के पास स्थित कबाड़ी मोहल्ला पर भी प्रशासन की गाज गिरने वाली है. यहां के आधे सैकड़ा से अधिक मकानों को गिराया जाएगा और वहां रहने वाले निवासियों को अन्यत्र स्थान पर विस्थापित किया जाएगा. यह कदम शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
इसके साथ ही, शिल्पी प्लाजा के सामने स्थित विकास कॉलोनी में भी कई मकानों को हटाया जाएगा. ये मकान सरकारी कर्मचारियों को आवंटित किए गए थे, लेकिन इनमें से अधिकांश अब पुरानी और कंडम हालत में हैं. इसी तरह, शिल्पी प्लाजा के समीप वार्ड क्रमांक 18 के अंतर्गत रसिया मोहल्ला के मकान भी आने वाले समय में हटाए जाएंगे, क्योंकि ये नाला के परिक्षेत्र में बने हैं, जिससे अक्सर जलभराव और अन्य समस्याएं बनी रहती हैं.
पुराना बस स्टैंड ट्रांसपोर्ट नगर होगा शिफ्ट
रीवा में यातायात व्यवस्था को और अधिक सुचारु बनाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है. शहर का पुराना यानी रेवांचल बस स्टैंड भी जल्द ही ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट किया जाएगा. इस बदलाव के चलते बस स्टैंड के आसपास की आधा सैकड़ा से अधिक दुकानों को भी स्थानांतरित किया जाएगा. यह कदम शहर के केंद्र से बसों की आवाजाही को कम करेगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या में काफी कमी आएगी.
अस्पताल चौराहा से जय स्तम्भ रोड का चौड़ीकरण
रीवा में सबसे ज्यादा जाम कहां लगता है? अस्पताल चौराहा से जय स्तम्भ चौक के बीच की सड़क पर यातायात का भारी दबाव रहता है, जिसके कारण अक्सर लंबा जाम लग जाता है. सड़क के संकीर्ण होने और अव्यवस्थित व्यवसायों के कारण एम्बुलेंस के आवागमन में भी बाधा आती है. साथ ही, यह शहर का मुख्य बाजार होने के चलते दिनभर भीड़भाड़ रहती है. इस सड़क के चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी तैयार है, जिससे यहां की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा और बाजार में आने वाले लोगों को भी सुविधा होगी. इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य रीवा को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर बनाना है.
अमहिया रोड को लेकर नगर निगम आयुक्त डॉ. सौरभ संजय सोनवड़े ने बताया कि यह रीवा की सबसे व्यस्त सड़क है. इस मार्ग पर मेडिकल कॉलेज, संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थित हैं. इन अस्पतालों के कारण एम्बुलेंस का आना-जाना लगातार होता रहता है, लेकिन सड़क संकरी होने और भारी जाम के कारण कई बार मरीज और डॉक्टर समय पर नहीं पहुंच पाते. इस वजह से मरीजों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है. सड़क चौड़ी होने से ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और अस्पताल पहुंचने में कोई बाधा नहीं होगी. यह कार्रवाई न केवल शहर के सौंदर्य के लिए, बल्कि मरीजों के जीवन को बचाने के लिए भी बेहद जरूरी है.