मृतक हाजिर हों! रीवा के शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब कारनामा, 1500 शिक्षकों को हाजिरी न लगाने की नोटिस भेजा; 3 दिवंगत हो चुके

रीवा में ई-अटेंडेंस सिस्टम के तहत 1500 से अधिक शिक्षकों को नोटिस भेजे गए। इसमें तीन मृत शिक्षकों के नाम भी शामिल रहे। विभाग ने इसे तकनीकी गलती बताया और सुधार का आश्वासन दिया।;

Update: 2025-11-19 11:34 GMT

Highlights – Rewa E-Attendance Notice Issue

  • रीवा में ई-अटेंडेंस सिस्टम के तहत 1500 से अधिक शिक्षकों को नोटिस जारी
  • नोटिस सूची में तीन मृत शिक्षकों के नाम भी शामिल
  • विभाग ने गलती को डेटा अपडेट की त्रुटि बताया
  • नोटिस में जवाब न देने पर वेतन काटने की चेतावनी दी गई थी

रीवा। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए गए ई-अटेंडेंस सिस्टम के चलते एक बड़ा मामला सामने आया है। रीवा जिले में विभाग ने कार्रवाई करते हुए 1500 से ज्यादा शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया, जिसमें पूछा गया कि वे एप पर रोजाना हाजिरी क्यों नहीं लगा रहे। लेकिन इस सूची में तीन ऐसे शिक्षकों के नाम भी शामिल थे, जिनकी मृत्यु को कई महीने या साल बीत चुके हैं। इससे विभाग की कार्यप्रणाली और डेटा अपडेट सिस्टम पर कई सवाल उठ रहे हैं।

नोटिस में स्पष्ट लिखा गया था कि संबंधित शिक्षक यदि तीन दिन में जवाब नहीं देते हैं, तो उनके वेतन से कटौती की जाएगी। इस तरह की भाषा मृत शिक्षकों के परिवारों तक पहुँचने पर लोगों में हैरानी और नाराजगी दोनों देखने को मिली।

ई-अटेंडेंस सिस्टम— विरोध के बाद अब कड़ाई

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कुछ समय पहले ई-अटेंडेंस ऐप को लागू किया गया था। शुरुआत में शिक्षकों ने इस व्यवस्था का विरोध किया था, क्योंकि कई ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या और तकनीकी दिक्कतें सामने आई थीं। विरोध के बावजूद विभाग ने इसे अनिवार्य किया और अब लगातार कड़ाई बरती जा रही है। इसी कड़ाई का परिणाम यह नोटिस अभियान रहा, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों को पत्र भेजे गए।

 

नोटिस सूची में मृत शिक्षकों के नाम— बड़ी लापरवाही उजागर

जिले में जारी नोटिस सूची में तीन ऐसे शिक्षक भी शामिल पाए गए जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इनमें शामिल हैं—

  • देवतादीन कोल – वर्ष 2023 में निधन
  • छोटेलाल साकेत – वर्ष 2025 में निधन
  • रामगरीब दीपांकर – निधन की पुष्टि, वर्ष पुराना मामला

इन तीनों शिक्षकों को विभाग ने नोटिस भेजकर पूछा कि वे एप पर हाजिरी क्यों नहीं लगा रहे और तीन दिन में जवाब न देने पर वेतन काटने की धमकी भी दी गई। विभाग की इस गड़बड़ी से शिक्षा विभाग का डेटा मैनेजमेंट सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है।

विभाग बोले— "डेटा अपडेट में गलती हुई"

मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने इसे मानवीय और तकनीकी त्रुटि बताया है। जिला शिक्षा अधिकारी राम राज मिश्रा ने कहा कि यह गलती डेटा अपडेट के दौरान हुई है और नोटिस लिस्ट तैयार करते समय मृत शिक्षकों के रिकॉर्ड अपडेट नहीं थे।

उन्होंने कहा— "यह भूलवश हुआ है। पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं थी, जिसे अब तुरंत ठीक किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति न बने।"

परिवारों में रोष— “मृत व्यक्ति से हाजिरी क्यों मांग रहे?”

मृत शिक्षकों के परिजनों और कई शिक्षकों ने इस गलती पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि विभाग का डेटा समय पर अपडेट नहीं होता, तो ऐसी शर्मनाक स्थितियाँ दोबारा भी सामने आ सकती हैं। कई कर्मचारियों ने कहा कि यह डेटा मैनेजमेंट की बड़ी असफलता है, जिसे गंभीरता से सुधारने की जरूरत है।

ई-अटेंडेंस सिस्टम में अब भी हैं कई दिक्कतें

  • नेटवर्क समस्या
  • लोकेशन एरर
  • लॉगइन गड़बड़ी
  • डेटा सही अपडेट न होना

जैसी समस्याएँ अब भी प्रचलित हैं। कई ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में रोजाना उपस्थिति दर्ज करना तकनीकी रूप से संभव नहीं हो पाता।

क्या कहता है विभाग?— आगे होगी और कड़ाई

विभाग ने साफ किया है कि ई-अटेंडेंस सिस्टम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो शिक्षक समय पर ऐप पर हाजिरी नहीं लगा रहे, उनके खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। हालांकि, मृत शिक्षकों को नोटिस जाने की घटना को सुधारने का आश्वासन दिया गया है।

यह मामला क्यों गंभीर है?

✔️ मृत शिक्षकों के नाम पर नोटिस भेजे जाना सरकारी डेटा सिस्टम की कमजोरी दिखाता है

✔️ विभाग की विश्वसनीयता पर असर

✔️ डिजिटल अपग्रेडेशन की खामियाँ उजागर

✔️ ई-अटेंडेंस सिस्टम की उपयोगिता पर प्रश्न

शिक्षा विभाग को क्या सुधारने की जरूरत?

  • कर्मचारियों का रिकॉर्ड नियमित अपडेट हो
  • मृत स्टाफ की जानकारी तुरंत पोर्टल पर डाली जाए
  • ई-अटेंडेंस ऐप में तकनीकी सुधार किए जाएँ
  • नोटिस जनरेट करने से पहले क्रॉस-वेरिफिकेशन जरूरी हो

ऐसा होने पर भविष्य की गलतियों से बचा जा सकता है।

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FAQs – Rewa E-Attendance Error

ई-अटेंडेंस नोटिस किसको भेजा गया था?

रीवा जिले के 1500 से अधिक शिक्षकों को, जिनमें गलती से तीन मृत शिक्षकों के नाम भी शामिल हो गए।

विभाग ने गलती क्यों मानी?

डेटा अपडेट सही समय पर नहीं होने से मृत शिक्षकों के नाम लिस्ट में रह गए।

क्या आगे कार्रवाई होगी?

विभाग ने कहा है कि ई-अटेंडेंस में लापरवाही पर कार्रवाई जारी रहेगी, लेकिन इस गलती को सुधारा जाएगा।

क्या यह सिस्टम पूरी तरह भरोसेमंद है?

ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या और डेटा अपडेट की कमी के कारण कई दिक्कतें सामने आती हैं।

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