खरगोन कलेक्टर भाव्या मित्तल की फर्जी ID से ठगी का मामला: रीवा के 6 आरोपी सहित दो नाबालिग गिरफ्तार, किराये के खातों से ठगी का नेटवर्क

खरगोन कलेक्टर भाव्या मित्तल की फर्जी ID बनाकर ठगी करने वाले रीवा के साइबर नेटवर्क का पर्दाफाश। 6 आरोपी और 2 नाबालिग गिरफ्तार। एक लाख रुपये बरामद।;

Update: 2025-12-01 08:19 GMT

मुख्य बिंदु (Top Highlights)

  • खरगोन कलेक्टर की फर्जी ID बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का रीवा में भंडाफोड़।
  • 6 आरोपी और 2 नाबालिग पकड़े गए, एक लाख रुपये बरामद।
  • किराये के खातों से साइबर ठगी का पैसा निकालकर सरगना तक भेजते थे।
  • मुख्य आरोपी पंकज पटेल और दीपक पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
  • रीवा के कई युवक और नाबालिग लंबे समय से साइबर नेटवर्क में सक्रिय थे।

रीवा में किराये के खातों से चल रहा था साइबर ठगी का नेटवर्क, खरगोन पुलिस ने 6 आरोपी और 2 नाबालिगों को पकड़ा

रीवा जिले में साइबर ठगी करने वाला एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय था, जो किराये के बैंक खातों का इस्तेमाल कर लाखों रुपये की ठगी को अंजाम दे रहा था। इस साइबर गैंग का खुलासा तब हुआ, जब खरगोन कलेक्टर भाव्या मित्तल की फर्जी ID बनाकर ठगों ने कई लोगों से पैसे मांगे और एक अधिकारी ने एक लाख रुपये तक ट्रांसफर कर दिए। शिकायत मिलने के बाद खरगोन पुलिस ने ट्रांजैक्शन की लोकेशन ट्रेस की, जो सीधे रीवा एटीएम बूथ तक पहुंची।

इसके बाद खरगोन पुलिस की टीम रीवा पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से इस जटिल ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश किया। पुलिस ने 6 आरोपियों समेत 2 नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है, जो गिरोह के सक्रिय सदस्य थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से पूरा एक लाख रुपये भी बरामद किए।

कौन थे गिरोह के मुख्य आरोपी?

  • पंकज पटेल पिता अशोक पटेल, निवासी कस्तरी 78, थाना गोविंदगढ़
  • दीपक पटेल पिता मुरारी पटेल, निवासी दुआरी, थाना गुढ़

दोनों अन्य युवकों और नाबालिगों से किराये पर बैंक खाते लेते थे। ठगी के पैसे उन्हीं खातों में मंगवाए जाते और फिर एटीएम या कियोस्क से निकालकर सरगना द्वारा बताए गए खातों में भेज दिए जाते थे।

किराये के खातों से चलती थी पूरी ठगी

ठगी के इस नेटवर्क का सबसे मजबूत हिस्सा था—“किराये के बैंक खाते”। यह पूरा गिरोह ऐसे लोगों के खाते किराये पर लेता था, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते थे या जिन्हें कमीशन के लालच में फंसाया गया था।

पुलिस के अनुसार, जिन लोगों ने अपने खाते किराये पर दिए थे, उनमें शामिल हैं—

  • शिवांश सिंह यादव पिता ब्रजभान यादव, निवासी रौरा
  • शिवेंद्र वर्मा पिता लल्लन वर्मा, निवासी रौरा
  • रोहित यादव पिता विनोद यादव, निवासी धोबखरा
  • विनीत चौहान पिता विनोद सिंह चौहान, निवासी नवल्या, थाना जमोडी
  • साथ ही दो नाबालिग

कैसे करते थे ठगी? पूरी मॉडस ऑपरेंडी

  • यह गैंग बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था।

  • सबसे पहले अधिकारी, जनप्रतिनिधि या बड़े अफसरों की फर्जी सोशल मीडिया ID बनाई जाती थी।
  • उन ID से लोगों को पैसों की मांग वाले मैसेज भेजे जाते थे।
  • जो भी व्यक्ति झांसे में आकर पैसे भेज देता, वह राशि किराये के खातों में मंगवाई जाती।
  • इसके बाद गैंग के सदस्य एटीएम से पैसे निकालकर सरगना के बताए खाते में जमा कर देते।
  • इसके बदले उन्हें कुल राशि का कमीशन मिलता था।

सबसे बड़ी समस्या यह थी कि पुलिस जब ट्रांजैक्शन ट्रेस करती थी, तो जांच किराये के खाते पर आकर रुक जाती थी। इससे गैंग पर कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता था।

पहले भी हो चुका है ऐसा खुलासा

रीवा में साइबर ठगी कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी समान थाना पुलिस ने करीब दो वर्ष पूर्व ऐसे ही साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया था। उस समय दो बदमाशों के साथ दो व्यक्ति बिहार से भी पकड़े गए थे, जो बैंक खाते उपलब्ध कराते थे।

सरगना के पास भेजते थे पूरा पैसा

पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपी मास्टरमाइंड के लिए “Money Mule” की तरह काम करते थे। वे एटीएम से ठगी की रकम निकालकर उसे सरगना के पास भेज देते थे। इसके लिए उन्हें ठगी की रकम का एक हिस्सा कमीशन के रूप में मिलता था।

अब पुलिस का फोकस: नेटवर्क का मास्टरमाइंड

खरगोन और रीवा पुलिस अब इस ठगी नेटवर्क के मुख्य मास्टरमाइंड का पता लगाने में जुटी है। कई डिजिटल सबूत, मोबाइल चैट्स और बैंक ट्रांजैक्शन सामने आए हैं, जिससे पुलिस को पूरे गिरोह के काम करने का तरीका समझने में मदद मिल रही है।

पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस बड़े ठगी मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।


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FAQs — अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. गिरोह में कुल कितने लोग शामिल थे?

रीवा पुलिस ने 6 आरोपियों और 2 नाबालिगों को पकड़ा है।

2. ठगी का पैसा कैसे निकाला जाता था?

किराये के खातों में पैसे मंगवाकर एटीएम से निकालकर सरगना के खाते में जमा किए जाते थे।

3. मुख्य आरोपी कौन हैं?

गिरोह के दो मुख्य सरगना पंकज पटेल और दीपक पटेल बताए गए हैं।

4. कितना पैसा बरामद हुआ?

पुलिस ने एक लाख रुपये बरामद किए हैं।

5. क्या और गिरफ्तारियां होंगी?

पुलिस का कहना है कि नेटवर्क बड़ा है, आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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