रीवा में महिला ने किया आत्मदाह: जमीनी विवाद में न्याय न मिलने से महिला ने लगाई आग, 6 घंटे तक रोका गया शव
Rewa Chorahata Suicide Case: जमीन विवाद में न्याय न मिलने पर महिला ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह किया। ग्रामीणों का 6 घंटे विरोध, राजस्व अधिकारियों पर आरोप।;
रीवा चोरहटा आत्मदाह कांड: जमीनी विवाद से परेशान महिला ने खुद को लगाई आग, मौत के बाद 6 घंटे तक चला हंगामा
✔ मौके पर ही मौत, ग्रामीणों ने 6 घंटे तक शव उठाने नहीं दिया
✔ पटवारी और RI पर पीड़िता के परिवार का गंभीर आरोप
✔ 2010 से लंबित विवाद—कलेक्टर के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं
रीवा न्यूज। चोरहटा थाना क्षेत्र के जोन्हि गाँव में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां जमीनी विवाद में न्याय न मिलने से आहत एक महिला ने अपने घर के बाहर खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। घटना में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। मृतका की पहचान उमा त्रिपाठी के रूप में हुई है।
घटना के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर पुलिस को घेर लिया और लगातार 6 घंटे तक शव को उठाने नहीं दिया। मृतका के परिजनों ने राजस्व अधिकारियों, पटवारी और आरआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे 14 साल से मामले को दबाए हुए हैं और पीड़ित परिवार पर उल्टा दबाव बना रहे थे।
2010 से चल रहा था जमीन का विवाद
परिजनों के मुताबिक विवाद की शुरुआत साल 2010 में हुई थी, जब उमा त्रिपाठी की जमीन पर रिश्तेदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया था। लगातार शिकायतों के बाद भी मामला प्रशासन स्तर पर लंबित रहा।
साल 2011 में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कब्जा हटाने के आदेश भी जारी हुए, लेकिन न तो पटवारी ने, न ही राजस्व निरीक्षक (RI) ने कार्रवाई की। परिजनों के अनुसार, मामले को बार-बार टालकर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया।
“अधिकारियों ने उल्टा हम पर दबाव बनाया” — बेटा
मृतका के बेटे ने बताया कि उनकी मां पिछले कई वर्षों से न्याय न मिलने के कारण मानसिक तनाव से गुजर रही थी। बेटे का बयान बेहद दर्दनाक है:
"पटवारी, RI और कुछ अधिकारी मामले को जानबूझकर लटकाते रहे। हमने हर जगह चक्कर लगाए, लेकिन किसी ने हमारी सुनवाई नहीं की। उल्टा हम पर ही दबाव बनाया जा रहा था। मेरी मां इस अन्याय से टूट चुकी थी।"
परिवार का कहना है कि राजस्व कर्मियों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी ने महिला को इतना आहत किया कि उसने आत्मदाह जैसा कदम उठा लिया।
घटना वाली रात क्या हुआ?
मृतका का बेटा एक वैवाहिक कार्यक्रम में गया हुआ था। घर पर अकेली उमा त्रिपाठी ने देर रात पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। आग लगते ही आसपास के लोग चीख सुनकर बाहर आए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना के कुछ ही मिनटों में महिला की मौत हो गई। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन देखते ही देखते मामला उग्र हो गया।
गुस्साए ग्रामीणों ने किया चक्का जाम जैसा माहौल
आत्मदाह की खबर फैलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। परिजनों और ग्रामीणों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस को शव उठाने नहीं दिया।
करीब 6 घंटे तक पुलिस और राजस्व अधिकारी ग्रामीणों से बातचीत करते रहे। गांव में तनाव का माहौल रहा और पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
अस्पताल में भी हंगामा, परिजनों का रोष
कई घंटों बाद जब पुलिस शव को गांव से उठाकर पोस्टमॉर्टम के लिए लेकर गई, तो अस्पताल में भी परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा किया। उनका कहना था कि:
"जब तक दोषी पटवारी, आरआई और राजस्व अधिकारी निलंबित नहीं किए जाते, हम शांत नहीं बैठेंगे।"
राजस्व विभाग ने आरोपों को बताया निराधार
वहीं राजस्व विभाग ने परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया। उनका कहना है कि कार्रवाई नियमों के अनुसार चल रही थी और लापरवाही का दावा गलत है।
पुलिस का बयान — “जांच जारी है, कार्रवाई होगी”
सीएसपी रितु उपाध्याय ने बताया कि मामला संवेदनशील है और महिला ने जमीन विवाद के तनाव में आत्मदाह किया। उन्होंने कहा:
"पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।"
फिलहाल पुलिस परिजनों को शांत कराने में जुटी हुई है और मामला आगे बढ़ाने के लिए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।
Join WhatsApp Channel for Latest Rewa Updates
FAQs — रीवा चोरहटा आत्मदाह केस
1. महिला ने आत्मदाह क्यों किया?
जमीन विवाद में 14 साल से न्याय न मिलने और अधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण।
2. क्या आरोपियों पर कार्रवाई हुई?
जांच जारी है। परिजनों ने पटवारी, आरआई और राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
3. ग्रामीणों ने शव उठाने से क्यों रोका?
वे प्रशासन से तुरंत कार्रवाई और न्याय की मांग कर रहे थे।
4. विवाद कब से चल रहा था?
साल 2010 से।
5. पुलिस का क्या बयान है?
पुलिस ने कहा कि जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।