रीवा में तीन दिवसीय अखिल भारतीय साहित्य परिषद अधिवेशन का भव्य आगाज, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया उद्घाटन; 20 पद्म अवार्डी, 1200 साहित्यकार शामिल
रीवा में तीन दिवसीय अखिल भारतीय साहित्य परिषद अधिवेशन की शुरुआत। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देशभर के 1200+ साहित्यकार हुए शामिल।;
रीवा में साहित्य का महामहोत्सव: पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने किया अधिवेशन का शुभारंभ
मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर रीवा में शुक्रवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य आरंभ हुआ। इस अधिवेशन का उद्घाटन देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। यह आयोजन कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में हो रहा है, जिसमें 1200 से अधिक प्रख्यात साहित्यकार, कवि, लेखकों, चिंतकों और विद्वानों ने भाग लिया है।
कोविंद का रीवा आगमन और उद्घाटन सत्र
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे रीवा एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से उनका काफिला सीधे अधिवेशन स्थल पहुँचा, जहाँ उन्होंने समारोह का औपचारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र में उन्होंने भारतीय साहित्य की परंपरा, भाषा, ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर पर विस्तृत विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुशील चंद्र त्रिवेदी 'मधुपेश' ने की, जबकि उद्घाटनकर्ता के रूप में विख्यात मराठी उपन्यासकार विश्वास महीपति पाटिल शामिल हुए। मंच पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. ऋषि कुमार मिश्र, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर एवं राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. पवनपुत्र बादल भी उपस्थित रहे।
देशभर से आए 20+ पद्म सम्मानित साहित्यकार
इस आयोजन की विशेषता यह है कि इसमें 20 से अधिक पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री प्राप्त साहित्यिक विभूतियाँ हिस्सा ले रही हैं। यह अधिवेशन रीवा के साहित्यिक इतिहास के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पहली बार अखिल भारतीय स्तर का साहित्यिक सम्मेलन यहाँ आयोजित किया गया है।
तीन दिनों तक चलेंगे सत्र और साहित्य संवाद
अधिवेशन के दौरान 8 से 9 नवंबर तक विभिन्न सत्र आयोजित होंगे, जिनमें साहित्य, भाषा विकास, कविता, उपन्यास, नाटक, इतिहास, भारतीय चिंतन, संस्कृति संरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा और विचार-मंथन होगा।
8 नवंबर रात 9 बजे सर्वभाषा कवि सम्मेलन भी आयोजित होगा, जिसमें भारत के विभिन्न भाषाई क्षेत्रों से कवि प्रस्तुति देंगे। 9 नवंबर दोपहर 2:30 बजे समापन सत्र के साथ अधिवेशन समाप्त होगा।
रीवा में इस आयोजन का महत्व
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत रखने वाला विन्ध्य क्षेत्र सदियों से साहित्य, संगीत और कला का केंद्र रहा है। रीवा में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित यह अधिवेशन न केवल साहित्यिक जगत के लिए अहम है, बल्कि यह क्षेत्र के लिए प्रतिष्ठा और गौरव का अवसर भी है।
इस आयोजन से विन्ध्य के सांस्कृतिक महत्व को नई पहचान मिलने और भविष्य में बड़े राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन की राह खुलने की संभावना बढ़ी है।
साहित्य ही समाज की चेतना है: कोविंद
उद्घाटन सत्र के दौरान पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि साहित्य समाज की सामूहिक चेतना है। साहित्य मनुष्य को मनुष्य से जोड़ता है, और विचारों को संस्कारित करता है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे भारतीय भाषाओं के साहित्य का अध्ययन करें।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
Q1. यह अधिवेशन कहाँ आयोजित हो रहा है?
रीवा के कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में।
Q2. मुख्य अतिथि कौन थे?
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद।
Q3. इस अधिवेशन में कितने साहित्यकार शामिल हुए?
देशभर से 1200 से अधिक साहित्यकार, विद्वान और चिंतक शामिल हुए।
Q4. यह कार्यक्रम कितने दिनों तक चलेगा?
तीन दिन — 7, 8 और 9 नवंबर।