REWA : नेशनल लोक अदालत में 44 खण्डपीठों में सुनवाई कर आपसी सुलह से किया गया प्रकरणों का निराकरण

रीवा। जिला न्यायालय परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित इस नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने किया। लोक अदालत में 44 खण्डपीठों में प्रकरणों की सुनवाई करके आपसी सुलह से प्रकरणों का निराकरण किया गया।

Update: 2021-07-10 23:56 GMT

रीवा। जिला न्यायालय परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित इस नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने किया। लोक अदालत में 44 खण्डपीठों में प्रकरणों की सुनवाई करके आपसी सुलह से प्रकरणों का निराकरण किया गया।

लोक अदालत में कुल एक हजार 581 प्रकरणों का आपसी सुलह से निराकरण किया गया। इन प्रकरणों में 10 करोड़ 55 लाख 48 हजार 493 रुपये की समझौता राशि मंजूर की गई। नेशनल लोक अदालत में 42 दाण्डिक प्रकरणों में तीन लाख 65 हजार रुपये चेक बाउंस के 120 प्रकरणों में दो करोड़ 74 लाख 13 हजार 728 रुपये की समझौता राशि मंजूर की गई।

लोक अदालत में मोटर क्लेम प्रकरण के 234 मामलों में 5 करोड़ 74 लाख 26 हजार रुपये सिविल के 38 मामलों में 17 लाख 92 हजार 480 रुपये तथा पारिवारिक विवाद के 16 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 5 लाख रूपये की समझौता राशि मंजूर की गई।

बिजली विभाग से जुड़े 174 प्रकरणों में 51 लाख 87 हजार 546 रुपये, श्रम के 7 प्रकरणों में 36 लाख 43 हजार 280 रुपयेए विद्युत प्रिलिटिगेशन के 115 मामलों में 15 लाख 2 हजार 999 रुपये तथा बैंक के प्रिलिटिगेशन के 472 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 63 लाख 63 हजार 740 रुपये की समझौता राशि मंजूर की गई। जल कर के 236 प्रकरणों में 5 लाख 91 हजार 67 रुपये तथा अन्य प्रिलिटिगेशन के 103 प्रकरणों में 67 हजार 49 रुपये एवं अन्य लंबित 24 प्रकरणों में 6 लाख 95 हजार 604 रुपये की समझौता राशि मंजूर की गई।

नेशनल लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने लंबे समय से चल रहे भरण-पोषण के प्रकरण का आपसी सुलह से समझौता कराया। इसमें 81 वर्षीय वृद्ध महिला ने अपने पुत्रों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराया था। पीठासीन न्यायाधीश की समझाइश के बाद वृद्ध महिला के पुत्र के दोनों पुत्रों ने हर माह अपनी माता को भरण.पोषण की राशि देने के लिये सहमत हुये। आपसी सुलह से प्रकरण का निराकरण किया गया।

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