रीवा शहर में रहस्यमयी बीमारी का कहर: एक ही परिवार के 4 लोगों की 24 घंटे में दर्दनाक मौत, 5 की हालत गंभीर, इलाके में दहशत

मध्य प्रदेश के रीवा शहर के निराला नगर (वार्ड नंबर 9) में उल्टी-दस्त के अज्ञात प्रकोप से 24 घंटे के भीतर एक ही परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जिसमें एक डेढ़ साल का मासूम भी शामिल है। 5 अन्य लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।;

Update: 2025-06-12 19:52 GMT

मध्य प्रदेश के रीवा शहर के निराला नगर (वार्ड नंबर 9) में उल्टी-दस्त के एक रहस्यमयी और जानलेवा प्रकोप ने एक ही परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। यहां महज 24 घंटे के भीतर एक ही परिवार के 4 सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पास-पड़ोस के 5 अन्य लोगों की भी हालत गंभीर बनी हुई है। सभी गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और लोग किसी अज्ञात बीमारी के डर से अपने घरों में कैद हो गए हैं।

क्या है पूरा मामला और कैसे हुईं मौतें?

यह दुखद सिलसिला तब शुरू हुआ जब निराला नगर निवासी कोल परिवार के सदस्यों को एक-एक कर उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। कुछ ही घंटों के भीतर उनकी स्थिति तेजी से बिगड़ती चली गई और देखते ही देखते 24 घंटे के भीतर परिवार के चार लोगों ने दम तोड़ दिया।

मृतकों की पहचान: पीड़ित परिवार के सदस्य, ददन कोल, ने बिलखते हुए बताया कि उनके घर में छुटनी प्रसाद कोल (65 वर्ष), देवराती कोल (70 वर्ष), ज्योति कोल (18 वर्ष) और बेटू कोल (डेढ़ साल) की एक के बाद एक मौत हो गई।

गंभीर मरीजों की सूची: इस घटना के बाद गंभीर रूप से बीमार हुए पांच अन्य लोगों में मोलिया कोल, राजकुमारी कोल, बुटना कोल समेत दो अन्य शामिल हैं, जिनका संजय गांधी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

घटना की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम जांच करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए पीड़ित परिवार के घर पहुंची, तो वहां फर्श पर बैठी एक महिला अचानक गिरी और उसने टीम के सामने ही दम तोड़ दिया। इस दृश्य ने वहां मौजूद सभी को स्तब्ध और भयभीत कर दिया।

पीड़ित परिवार ने स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार

पीड़ित परिवार ने स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था पर इलाज में गंभीर अनदेखी और लापरवाही का आरोप लगाया है। परिवार के सदस्य ददन कोल ने कहा कि यदि उनके परिजनों को समय पर सही और त्वरित इलाज मिल जाता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस भीषण त्रासदी के बाद प्रशासन की ओर से उन्हें अंतिम संस्कार के लिए भी कोई तत्काल सहायता राशि प्रदान नहीं की गई, जिससे उन्हें और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

दुखी और आक्रोशित परिवार और स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और रीवा के स्थानीय विधायक राजेंद्र शुक्ल से तत्काल हस्तक्षेप करने और मदद की गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि स्थानीय सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है और तत्काल प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई और जांच, सैंपल भेजे गए

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम गांव पहुंच गई है और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य अधिकारी संजीव शुक्ला ने बताया, "उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद चार लोगों की मौत होने की सूचना प्राप्त हुई है। कुछ अन्य लोगों की हालत भी गंभीर है, जिनका इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम तुरंत रवाना की गई है।"

उन्होंने बताया कि बीमार लोगों और उनके परिजनों के रक्त के नमूने (ब्लड सैंपल), घर में उपयोग हो रहे पानी के नमूने (वाटर सैंपल) और यदि संभव हो तो भोजन के नमूने (फ़ूड सैंपल) भी एकत्र किए जा रहे हैं। इन सभी सैंपलों को विस्तृत जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारण का पता चल सकेगा, कि यह कोई संक्रामक बीमारी है, फूड पॉइजनिंग है या फिर दूषित पानी का मामला है।

पूरे इलाके में दहशत का माहौल, घरों में कैद हुए लोग

एक ही परिवार में चार मौतों की खबर फैलते ही निराला नगर और उसके आसपास के करीब एक किलोमीटर के दायरे में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। लोग किसी अज्ञात और जानलेवा बीमारी के डर से अपने घरों से बाहर निकलने में भी कतरा रहे हैं और कई परिवार एहतियातन अपने घरों में ही कैद हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को शांत रहने और किसी भी तरह के लक्षण (उल्टी, दस्त, पेट दर्द) दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने की अपील कर रही हैं।

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