रीवा में किसान बना हैवान: गाय को गाड़ी से बांधकर कई किलोमीटर तक घसीटा, एक तरफ की चमड़ी उधड़ गई

रीवा में पशु क्रूरता का मामला: एमपी के रीवा में जिले में गोवंशों पर अत्यचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. किसान हैवान बन रहा है

Update: 2022-07-28 08:47 GMT

Rewa Riyasat News

MP Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पशु क्रूरता की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.  जिले के गढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत गाँव बर्रेही में इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना को अंजाम दिया गया है. जहां एक किसान अपनी फसल बचाने के लिए हैवान बन गया. अटरिया निवासी आरोपी 'गड्ढा' और उसके अन्य साथियों ने एक गाय को अपनी गाड़ी से बंधा और उसे घसीटते हुए पूर्व सरपंच के घर के पास लाकर छोड़ दिया।  जब आसपास के लोगों ने उसे ऐसा करते देखा तो वह फरार हो गया. 

किसान बना हैवान 

गाय को कई किलोमीटर तक घसीटा गया, बेजुबान को यह पता ही नहीं था कि उसे आखिर किस गुनाह की सज़ा मिल रही है. गाय के शरीर की एक तरफ की चमड़ी इस कदर उघड़ गई कि उसकी हड्डियां दिखाई देने लगीं। पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया. बेजुबान असहनीय पीड़ा में तड़प रही थी. 

कलेक्टर से शिकायत मगर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला 

इस घटना की जानकरी ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्त्ता शिवानंद द्विवेदी तक पहुंचाई, जिन्होंने रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प, जिला पंचायत CEO स्वप्निल वानखड़े की और और गढ़ के वेटेरनरी सर्जन विवेक मिश्रा सहित पशु चिकित्सा के डिप्टी डायरेक्टर राजेश मिश्रा को इसकी जानकारी दी. 

लेकिन रीवा के प्रशानिक अधकारियों का रवैया भी उतना ही निर्दई रहा जितना उस गाय को घसीटने वाले आरोपी की मानसिकता। गाय को तुरंत इलाज की जरूरत थी लेकिन बदहाल पशु चिकिस्ता सेवा से एक वाहन नहीं नहीं मंगवाया जा सका और ना ही जिले के आला अधिकारीयों को दर्द से तड़प रही गाय के बारे में सोच कर दया आई. कोई अधिकारी एक गाय के लिए इतना टेंशन क्यों लेता? जानवर है मरने दो वाला हाल है. अलबत्ता पीड़ित गाय को वहीं पर प्राथमिक उपचार दिया गया. 

इस घटना के बाद जब रीवा के तथाकथित पशुसेवकों ने पीड़ित गाय की मदद करने की बात पर हाथ खड़े कर दिए तब शहडोल क्षेत्र के अटल कामधेनु गौ सेवा संस्थान से भी संपर्क किया गया. है जिन्होंने गाय का इलाज करने हेतु अपनी सहमति व्यक्त की, लेकिन यहां भी समस्या वही है गाय को शहडोल कैसे पहुँचाया जाए. 

गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग  

शिवानंद द्विवेदी ने बताया  कि उन्होंने संबंधित लालगांव चौकी प्रभारी संजीव शर्मा को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम एवं मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम सहित आईपीसी की धारा 429 के तहत मामला दर्ज करने के लिए माग की है। परंतु जानकारी के अनुसार अब तक आरोपियों के विरुद्ध FIR तक दर्ज नहीं हुई है। गाय को जिस प्रकार अमानवीय ढंग से गाड़ी में बांधकर घसीटकर उसे  निर्दयता पूर्वक छोड़ दिया गया है उससे समाज में गोवंशों के प्रति श्रद्धा रखने वाले और आस्था रखने वाले लोगों के मन में गहरा आघात लगा है और सभी ने ऐसे अपराधियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

कहां है गाय के नामपर लोगों को ज्ञान देने वाले दल? 

एरा प्रथा को समाप्त करने के लिए सरकार जो कर रही है या नहीं कर रही है उस बात को किनारे करो, जो गाय ने जबतक दूध दिया तो माँ और बाँझ हो गई तो सिर्फ एक जानवर? जो लोग गोवंशों की पीड़ा सिर्फ धर्म के आधार पर देखते हैं उन्हें गोसेवक होने या खुद को धार्मिक कहने का कोई अधिकार नहीं है. गाय सड़कों में मर रहीं हैं, उन्हें पहाड़ों से फेंका जा रहा है, लावारिस छोड़ा जा रहा है यहां तक की उनका कत्ल करने के लिए उन्हें नहरों में फेंक दिया जाता है. तब वो तथाकथित गोसेवक कहाँ मर जाते हैं? जो गाय के नामपर राजनीति करते हैं और लोगों को पीटते हैं? गढ़ में गाय को घसीटने का कोई पहला मामला नहीं है रीवा जिले में हर रोज़ ना जाने कितनी दर्जनों गायों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया जाता है. यह शर्मनाक है. 

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