DM हो तो ऐसा... तीन पदों का प्रभार, तीनों में एक्टिव रहें हैं रीवा कलेक्टर इलैयाराजा टी, जमकर हो रही तारीफें

रीवा। बहुत ही कम ऐसे प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जिनके कार्यप्रणाली से जनता खुश होती है। उनमें से एक रीवा कलेक्टर के पद पर पदस्थ डॉ इलैयाराजा टी भी हैं। इलैयाराजा टी की कार्यप्रणाली रीवा की जनता को काफी पसंद आ रही है। आए भी क्यों नहीं, तेज तर्रार युवा आईएएस और उनका काम करने का जोशीला अंदाज़ जो है। 

Update: 2021-03-14 12:21 GMT

रीवा। बहुत ही कम ऐसे प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जिनके कार्यप्रणाली से जनता खुश होती है। उनमें से एक रीवा कलेक्टर के पद पर पदस्थ डॉ इलैयाराजा टी भी हैं। इलैयाराजा टी की कार्यप्रणाली रीवा की जनता को काफी पसंद आ रही है। आए भी क्यों नहीं, तेज तर्रार युवा आईएएस और उनका काम करने का जोशीला अंदाज़ जो है। 

तीन पदों का प्रभार, फिर भी बाखूबी कर रहें अपने दायित्वों का निर्वहन 

2020 में कोरोना काल के दौरान रीवा में पदस्थ हुए डीएम इलैयाराजा टी के पास वर्तमान में तीन पदों का प्रभार है। कलेक्टर होने के साथ साथ वे नगर निगम के प्रशासक और प्रभारी संभागायुक्त भी रहें हैं। तीनों पदों का दायित्व का बाखूबी निर्वहन भी किया। 

काम बोलता है

आईएएस इलैयाराजा टी ने कोरोना काल के दौरान रीवा कलेक्टर का कार्यभार सम्हाला था। डीएम के रूप में उनका काम जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। रीवा में जिस अंदाज में वे काम कर रहें हैं, बहुत ही कम ऐसे आईएएस रीवा की जनता ने देखा है। वे कार्यालय में बैठकर काम निपटाने की बजाय जमीनी स्तर पर कामों का निपटारा करना बाखूबी जानते हैं। हाल ही में उनके द्वारा लिए गए एक्शन उनकी कार्यप्रणाली के गवाह है। 

अवैध निर्माणों, अतिक्रमणकारियों पर शिकंजा 

शिवराज सरकार ने प्रदेश भर में एंटी माफिया अभियान चलाया है। उसका असर रीवा में भी दिख रहा है। रीवा कलेक्टर नगर निगम के प्रशासक भी हैं, लिहाजा कलेक्टर इलैयाराजा टी, निगमायुक्त मृणाल मीणा और जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेड़े की टीम इस मुहीम में रंग लाती दिख रही है। तीनों अफसरों ने रीवा में अतिक्रमणकारियों और माफियाओं की नींद हराम कर दी है। सालों से किए हुए कई अवैध अतिक्रमण ढहा दिए गए, तो कई ढहाने की तैयारी में हैं। ऐसे अतिक्रमणकारी बड़े रसूकदार और राजनितिक पकड़ वाले होते हैं। जिनकी आँखों में कहीं न कहीं ये अफसर खटक भी रहें हैं। हांलाकि खुद सीएम के आदेश होने के कारण कोई राजनैतिक हस्तक्षेप प्रशासनिक कार्यवाही पर नहीं होती है, बावजूद अतिक्रमणकारी और माफिया अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़तें। 

अस्पताल की काया बदल दी

रीवा कलेक्टर इलैयाराजा को संभागायुक्त राजेश जैन के रिटायर होने के बाद कमिश्नर का भी प्रभार मिला है। इस पद में भी वे काफी एक्टिव दिख रहें हैं। कलेक्टर इलैयाराजा शुरू से ही जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरस्त करने के प्रयास में रहते थें। कमिश्नर के प्रभार की वजह से उन्होंने यह कर भी दिखाया, कलेक्टर रोजाना किसी भी समय संजय गाँधी अस्पताल, गाँधी मेमोरियल अस्पताल और जिला अस्पताल की विजिट लेते हैं। लोगों की परेशानियां सुनते हैं, अस्पताल प्रशासन को सुविधा और व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश देते हैं। अस्पताल की साफ़ सफाई और इलाज व्यवस्था पर उनका विशेष निर्देश होता है, जो धरातल में दिख भी रहा है। तीनों ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था और डॉक्टरों की उपस्थिति दिख रही है। 

आखों में खटक रहें इलैयाराजा टी 

जब इलैयाराजा टी को रीवा भेजा गया तो जनता को भरोसा था एक बेहतर आईएएस आ रहा है, जो रीवा की प्रशासनिक व्यवस्था को दुरस्त कर देगा। कुछ समय तो वे कोरोना के चलते व्यस्त रह गए। लेकिन जब उनका काम शुरू हुआ तो एक तेज तर्रार अफसर लोगों को दिखने लगा। किसी भी समय वे कहीं पर भी निरीक्षण के लिए पहुँच जाते हैं। अधिकारियों कर्मचारियों से बात करने के पहले वे हितग्राहियों से मिलते हैं उनकी समस्या सुनते हैं और उसका निदान करने की कोशिश करते हैं। इसके चलते वे प्रशासन को अपनी जेब में रखने की बात करने वालों को खटक भी रहें हैं। जिसमें विभागों के अधिकारियों समेत अतिक्रमणकारी, माफिया भी शामिल हैं। फिलहाल जनता का सेवक तो ऐसे लोगों को खटकता ही है, चाहे वह जनप्रतिनिधि हो, नेता हो या फिर कोई अधिकारी-कर्मचारी। 

अभी बहुत काम करने है

प्रशासनिक कार्य तो काबिलेतारीफ है। लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे काम हैं जिनमें सुधार की आवश्यकता है। शहर की ही बात की जाय तो सीवर लाइन निर्माण कंपनियां या फिर अन्य एजेंसियां कार्य के चलते सड़क की खुदाई तो कर देती हैं, लेकिन काम के बाद सड़क को वैसा ही या फिर मिटटी डालकर छोड़ देते हैं, जिसके चलते राहगीरों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था 

शहर में रहवासियों का घनत्व लगातार बढ़ रहा है। वाहनों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस वजह से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट हो चुकी है। शहर में पार्किंग की सुविधा नहीं है। साथ ही वाहन चालक कहीं भी अपने वाहन खड़े कर निकल जाते हैं, जिसकी वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है। इस पर यातायात और जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा ऑटो रिक्शा भी जाम की बड़ी वजह बनते हैं। 

नशे की लत 

जिले में नशे की लत और नशे के कारोबारी तेजी से बढ़ रहें हैं। युवा नशे में लिप्त होते जा रहें हैं। प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन रोजाना नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रहें हैं। बावजूद इसके नशीली दवाओं को युवाओं की पहुँच से बाहर नहीं रख पा रहें हैं। हालात ऐसे हैं कि रीवा जिले की युवा पीढ़ी नशे में लिप्त होकर रोजाना कोई न कोई वारदात को अंजाम दे रही है। 

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