रीवा में नौकरी का झांसा देकर 1.24 लाख की ठगी, न्यायालय का लिपिक गिरफ्तार

रीवा जिले में सेमरिया के युवक से सरकारी नौकरी के नाम पर 1.24 लाख की ठगी करने वाले कोर्ट लिपिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी 8 महीने से फरार था। अब उसे जेल भेज दिया गया।;

Update: 2025-11-05 04:58 GMT
  • सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 1.24 लाख की ठगी।
  • आरोपी न्यायालय का लिपिक, जो आरोपी 8 माह से फरार था।
  • पीड़ित युवक ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
  • आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया

रीवा (मध्यप्रदेश) – सरकारी नौकरी का लालच देकर एक युवक से 1.24 लाख रुपये की ठगी करने वाले न्यायालय कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिछले करीब आठ महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ने के बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

नौकरी दिलाने का दिया था झांसा

थाना पुलिस के अनुसार, अजीत कुशवाहा निवासी सेमरिया ने शिकायत की थी कि न्यायालय में लिपिक के पद पर कार्यरत मुनेंद्रनाथ त्रिपाठी ने उसे मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर में तामीलकर्ता और भृत्य के पद पर नौकरी दिलाने का वादा किया था। इस वादे के बदले उसने युवक से 1 लाख 24 हजार रुपये ले लिए।

पैसे लेने के बाद भी नहीं मिली नौकरी

नौकरी का इंतजार करते-करते पीड़ित युवक कई महीनों तक लिपिक के चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसे कोई नियुक्ति पत्र नहीं मिला। जब बात साफ हो गई कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है, तब उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया था।

8 महीने से फरार था लिपिक, आखिरकार गिरफ्त में आया

मामला दर्ज होने के बाद आरोपी लिपिक लगातार फरार था। पुलिस उसकी तलाश में दबिश देती रही और अंततः उसे पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश जारी किए गए।

पुलिस ने कहा – आगे भी होंगे खुलासे

थाना प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आएंगे, आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी और यह भी जांच की जा रही है कि क्या आरोपी ने और किसी से इसी तरह की ठगी की है।

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