विधानसभा चुनाव 2023: रीवा जिले की 8 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी, कहां से किसे टिकट मिली; 2018 में क्या स्थिति थी?

भाजपा और कांग्रेस ने रीवा जिले की आठों विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं.

Update: 2023-10-22 06:58 GMT

रीवा जिले में आठ विधानसभा सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में जिले की सभी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। अब 2023 के लिए भी राज्य के दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशी के नाम घोषित कर दिए हैं। तो सबसे पहले जानते हैं किसे कहाँ से टिकट दी गई है... 

विस क्रमांकविधानसभा क्षेत्रभाजपा प्रत्याशीकांग्रेस प्रत्याशी
68सिरमौरदिव्यराज सिंहरामगरीब कोल
69सेमरियाकेपी त्रिपाठीअभय मिश्रा
70त्योंथरसिद्धार्थ तिवारी 'राज'रमाशंकर सिंह पटेल
71मऊगंजप्रदीप पटेलसुखेन्द्र सिंह बन्ना
72देवतालाबगिरीश गौतमपद्मेश गौतम
73मनगवांनरेंद्र प्रजापतिबबिता साकेत
74रीवाराजेंद्र शुक्लराजेंद्र शर्मा
75गुढ़नागेंद्र सिंहकपिध्वज सिंह

सेमरिया से अभय बनाम केपी

11 अगस्त को कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए और इसके ठीक दो माह बाद 18 अक्टूबर को भाजपा के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पूर्व विधायक अभय मिश्रा को सेमरिया से टिकट दी गई है। कांग्रेस प्रत्याशी अभय 2018 में भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र शुक्ल से 18089 वोटों के अंतर से हारे थे। अब उन्हे सेमरिया से टिकट मिली है। 2008 में पहली बार मिश्रा सेमरिया से ही भाजपा विधायक चुनकर आए थे। इसके बाद 2013 में उनकी पत्नी नीलम मिश्रा यहाँ से विधायक रही हैं। सेमरिया से कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा के सामने 2018 में निर्वाचित भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी होंगे। इस सीट से बहुजन समाज पार्टी के पंकज पटेल भी चुनावी मैदान पर हैं। त्रिकोणीय और जबर्दस्त मुक़ाबला देखने को मिल सकता है।

सिरमौर में रामगरीब कोल को मौका, भाजपा को दिव्यराज पर भरोसा

इधर, सिरमौर में दो बार के भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने रामगरीब कोल को मौका दिया है। पूर्व विधायक रामगरीब कोल यहाँ से विधायक भी रह चुके हैं। अब वे कांग्रेस में हैं। 2018 में सिरमौर से भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुणा विवेक तिवारी को 13401 वोटों के अंतर से हराया था। 2023 में भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा सिरमौर से बसपा के वीडी पांडे और सपा के लक्ष्मण तिवारी भी चुनावी मैदान में हैं।

रीवा में राजेन्द्र बनाम राजेन्द्र

रीवा से कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा विधायक राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ राजेन्द्र शर्मा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। शर्मा 2008 में भी शुक्ला के सामने कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ चुके हैं। तीसरे स्थान पर रहें। इस बार फिर पार्टी ने राजेन्द्र शर्मा को मौका दिया है। 2018 में राजेन्द्र शुक्ल ने पूर्व विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा को 18089 वोटों से हराया था।

देवतालाब में चाचा के सामने भतीजा

देवतालाब में चाचा भतीजे आमने सामने होंगे। कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में देवतालाब से पदमेश गौतम को प्रत्याशी बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भाजपा से और उनके भतीजे पदमेश गौतम कांग्रेस से आमने सामने होंगे। 2018 में भाजपा के गिरीश गौतम और बसपा प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह के बीच कांटे की टक्कर रही। यह चुनाव गौतम ने 1080 वोटों के अंतर से जीता था।

मऊगंज से सुखेन्द्र सिंह ‘बन्ना’ - प्रदीप पटेल फिर आमने सामने

कांग्रेस ने मऊगंज से पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना पर भरोसा जताया है। उन्होंने विधानसभा चुनाव 2014 में इस सीट पर कांग्रेस से विधायक रहें हैं, 2018 में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप पटेल से 11092 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। वहीं, भाजपा ने प्रदीप पटेल को ही मैदान में उतारा है। दोनों एक बार फिर आमने सामने होंगे। 

त्योंथर से सिद्धार्थ बनाम रमाशंकर 

कांग्रेस ने त्योंथर विधानसभा सीट से एक बार फिर रमाशंकर सिंह पटेल को टिकट दिया है। रमाशंकर सिंह 2018 में भाजपा के श्यामलाल द्विवेदी से 5343 वोटों के अंतर से हारे थे। लेकिन इस बार भाजपा ने प्रत्याशी में बदलाव किया है। हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए सिद्धार्थ तिवारी राज को त्योंथर से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। राज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं। इनके अलावा भाजपा नेता देवेंद्र सिंह ने बगावती तेवर दिखाते हुए त्योंथर से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, वे बसपा से चुनाव लड़ रहें हैं।

मनगवां से बबिता साकेत को फिर मौका, भाजपा ने प्रत्याशी बदला

जिले की एससी आरक्षित सीट मनगवां विधानसभा से 2018 में चुनाव लड़ी बबिता साकेत को फिर से कांग्रेस ने टिकट दिया है। इस सीट से 2018 विधानसभा चुनाव में बबिता भाजपा विधायक पंचूलाल प्रजापति से 18530 वोटों के अंतर से हारी थी। जबकि इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी का बदलाव किया है। भाजपा ने नरेंद्र प्रजापति को मैदान में उतारा है। नरेंद्र पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। 

गुढ़ से फिर नागेंद्र बनाम कपिध्वज

2018 में सपा के साइकल चुनाव चिन्ह से रनर-अप रहें गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान कांग्रेस नेता कपिध्वज सिंह को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। वे भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह से 7828 वोटों के अंतर से हारे थे। इस सीट पर भाजपा ने एक बार फिर नागेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर भी मुक़ाबला दिलचस्प होने वाला है।

रीवा के सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी

 

2018 में रीवा की आठों सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा

विधानसभा चुनाव 2018 में रीवा जिले की आठों पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत का स्वाद चखा था। मनगवां भाजपा प्रत्याशी पंचूलाल प्रजापति सबसे ज्यादा अंतर 18530 तो देवतालाब BJP प्रत्याशी गिरीश गौतम सबसे कम 1080 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थें।  

  1. रीवा विधानसभा से शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने पूर्व विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा को 18089 वोटों से हराया था।
  2. मनगवां से भाजपा विधायक पंचूलाल प्रजापति ने कांग्रेस प्रत्याशी बबीता साकेत को 18530 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी।
  3. सिरमौर से भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुणा विवेक तिवारी को 13401 वोटों के अंतर से हराया था।
  4. सेमरिया सीट पर भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी ने कांग्रेस प्रत्याशी त्रियुगी नारायण को 7776 वोटों से हराकर पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था।
  5. त्योंथर सीट पर भाजपा प्रत्याशी श्यामलाल द्विवेदी कांग्रेस प्रत्याशी रमाशंकर सिंह पटेल को 5343 मतों के अंतर से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे।
  6. मऊगंज अब जिला बन चुका है। इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप पटेल ने पूर्व विधायक सूखेंद्र सिंह बन्ना को 11092 वोटों से हराया था, इस बार फिर दोनों आमने सामने हैं।
  7. देवतालाब विधानसभा क्षेत्र भी अब मऊगंज जिले में आने लगा है। यहां से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम विधायक हैं, 2018 में भाजपा के गिरीश गौतम और बसपा प्रत्याशी सीमा जयवीर सिंह के बीच कांटे की टक्कर रही। यह चुनाव गौतम ने 1080 वोटों के अंतर से जीता था।
  8. गुढ़ में नागेंद्र सिंह भाजपा से विधायक हैं। नागेंद्र सिंह ने सपा उम्मीदवार रहे कपिध्वज सिंह को 7828 वोटों के अंतर से हराया था। 2014 में इस क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक रहें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी के पुत्र एवं कांग्रेस प्रत्याशी सुंदरलाल तिवारी (दिवंगत) तीसरे स्थान पर रहें। इस बार इस सीट पर समीकरण अलग ही चल रहें हैं। सपा प्रत्याशी कपिध्वज सिंह अब कांग्रेस में हैं और उन्हे गुढ़ से कांग्रेस ने टिकट भी दे दी है पर अभी भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

रीवा विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 (Rewa Assembly Election Result 2018)

विस क्रमांकविधानसभा क्षेत्रजीतहारजीत का अंतर
68सिरमौरदिव्यराज सिंह (BJP)अरुणा विवेक तिवारी (INC)13401
69सेमरियाकेपी त्रिपाठी (BJP)त्रियुगी नारायण शुक्ल (INC)7776
70त्योंथरश्यामलाल द्विवेदी (BJP)रमाशंकर पटेल (INC)5343
71मऊगंजप्रदीप कुमार पटेल (BJP)सुखेन्द्र सिंह बन्ना (INC)11092
72देवतालाबगिरीश गौतम (BJP)सीमा जयवीर सिंह सेंगर (BSP)1080
73मनगवांपंचुलाल प्रजापति (BJP)बबिता साकेत (INC)18530
74रीवाराजेंद्र शुक्ल (BJP)अभय मिश्रा (INC)18089
75गुढ़नागेंद्र सिंह (BJP)कपिध्वज सिंह (SP)7828

2018 में रीवा जिले की आठों विधानसभा में भाजपा के उम्मीदवार जीतकर आए हैं। इनमें से 6 विधानसभा सीटों में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही है। जबकि एक सीट में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और एक में समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार निकटतम प्रतिद्वंदी रहें हैं। 

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