एमपी के रीवा से हर वर्ष पन्ना पहुंचाते हैं अजयपाल बाबा की मूर्ति, साल में एक बार खुलता है मंदिर का पट

मध्यप्रदेश के पन्ना जिला अंतर्गत अजयगढ़ में अजयपाल बाबा का मंदिर स्थित है। जहां के पट वर्ष भर में केवल एक बार ही लोगों के लिए खोले जाते हैं।

Update: 2023-01-15 11:09 GMT

मध्यप्रदेश के पन्ना जिला अंतर्गत अजयगढ़ में अजयपाल बाबा का मंदिर स्थित है। जहां के पट वर्ष भर में केवल एक बार ही लोगों के लिए खोले जाते हैं। इस दौरान यहां पहुंचने वाले भक्तों को केवल 48 घंटे ही भगवान के दर्शन मिल पाते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां पर भगवान अजयपाल बाबा का दर्शन करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बरकरार रहती है।

मकर संक्रांति के दिन विराजते हैं बाबा

अजयपाल बाबा का मंदिर अजयगढ़ किला में ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भक्तों के बीच अलग ही है। यहां भक्तों को वर्ष भर में केवल एक बार बाबा के दर्शन मिलते हैं। बताया गया है कि मकर संक्रांति के दिन यहां मेले का आयोजन होता है इसी दिन अजयपाल बाबा को विराजमान किया जाता है। 48 घंटे के लिए मंदिर के पट खुले रहते हैं। अजयपाल नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा वर्ष में केवल एक बार होती है। मंदिर में विराजमान करने के लिए मूर्ति को हर वर्ष रीवा से लाया जाता है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों पर यह जिम्मेदारी है जिसके चलते वह हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन अजयपाल बाबा को यहां पहुंचाते हैं।

35 वर्ष पूर्व चोरी हो गई थी मूर्ति

लोगों का कहना है कि मंदिर से 35 वर्ष पूर्व अजयपाल बाबा की मूर्ति चोरी कर ली गई थी। जिसको चोरों द्वारा बेचने की तैयारी की जा रही थी। इस दौरान दिल्ली से पुलिस द्वारा मूर्ति बरामद कर ली गई थी। जिसको वापस पन्ना लाया गया और न्यायालय में पेश किया गया। जहां से मूर्ति को पुरातत्व विभाग रीवा के सुपुर्द कर दिया गया। तभी से मकर संक्रांति के दिन पूजा के लिए पुरातत्व विभाग की सुरक्षा में मूर्ति को अजयगढ़ मंदिर लाया जाता है और 48 घंटे तक यहां रखने के बाद वापस पुरातत्व संग्रहालय रीवा में रखवा दी जाती है।

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