आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण का शिलान्यास करेंगे PM मोदी, इन 9 जिलों को होगा सबसे ज्यादा फायदा

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Update: 2021-02-16 05:57 GMT

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में दो सबसे ज्यादा चर्चित यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के बाद एक बार फिर एक नया हाईवे चर्चा का विषय बना हुआ है. जिसे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है. उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने वाला है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ जिले के चंदसराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के जिला गाज़ीपुर के हैदरिया तक बनेगा. जानकारी के मुताबिक, इसको इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के मोड पर विकसित किया जाएगा. इसके निर्माण से उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को काफी फायदा होगा.

बसपा सुप्रीमो मायावती के शासनकाल के दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव ने अपने राज में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का निर्माण करवाकर लोगों का सफर आसान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (14 जुलाई) को योगी सरकार के दौरान बनने वाले देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे.

इस योजना में उत्तर प्रदेश के 9 जिले लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमागढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाजीपुर शामिल होंगे. इन पूर्वांचल जिलों के साथ सड़क मार्ग से बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए भी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे काफी सहायक होगा. मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक विशाल औद्योगिक गलियारा बन जाएगा. ये पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी सीमा से जोड़ देगा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के समग्र विकास होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अयोध्या, इलाहाबाद, वाराणसी और गोरखपुर से लिंक रोड से जोड़ा जाएगा.

पूर्वांचल हाईवे पूरी तरह कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होगा. इसके बनने के बाद दुर्घटनाओं में कमी के साथ प्रदूषण स्तर, ईंधन की बचत तो होगी ही. साथ ही यात्रियों के समय का भी बचाव होगा. इस एक्सप्रेस-वे के बनने से नौ जिलों के साथ-साथ उन लोगों को भी फायदा होगा. जो इन जिलों की सीमा के आस-पास आते हैं. एक्सप्रेस-वे के बनने से इसके आस-पास नए शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान आदि का निर्माण हो सकता है, जो पूर्वांचल के लोगों को राहत के साथ रोजगार भी देंगे.

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