ऑपरेशन शिवशक्ति: पुंछ में LoC पर सेना ने 2 आतंकी किए ढेर, 3 दिन में कश्मीर में 5 आतंकी मारे गए
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में LoC के पास सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया. 'ऑपरेशन शिवशक्ति' के तहत हुई इस कार्रवाई से पहले 3 आतंकी दाचीगाम में ढेर हुए थे, कुल 5 आतंकी मारे गए.;
'ऑपरेशन शिवशक्ति' की सफलता, पुंछ में LoC पर सेना ने दो आतंकी किए ढेर: जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी कामयाबी मिली है. पुंछ जिले में LoC के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को सेना ने मार गिराया है. अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार देर रात देगवार सेक्टर के मालदीवलन इलाके में सीमा पर तैनात जवानों ने कुछ संदिग्ध गतिविधि देखी. जिसके बाद जवानों ने तुरंत कार्रवाई की और आतंकवादियों को घेर लिया, जिसके परिणामस्वरूप मुठभेड़ शुरू हो गई. इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन शिवशक्ति' नाम दिया गया है. सेना ने मुठभेड़ स्थल से 3 हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया है, जो दर्शाता है कि आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे.
तीन दिन में जम्मू-कश्मीर में 5 आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर में सेना ने कितने आतंकी मारे हैं? पिछले तीन दिनों में सेना का यह दूसरा बड़ा एनकाउंटर है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में कुल 5 आतंकवादियों को मार गिराया गया है. यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है और इससे क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
पहला एनकाउंटर: 28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान इलाके में सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर किया था. इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन महादेव' नाम दिया गया था.
दूसरा एनकाउंटर (आज): पुंछ के देगवार सेक्टर में LoC के पास 'ऑपरेशन शिवशक्ति' के तहत दो आतंकियों को मार गिराया गया.
पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड भी मारा गया था
28 जुलाई को दाचीगाम में मारे गए तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों में पहलगाम हमले का मुख्य आरोपी सुलेमान भी शामिल था. सुलेमान का एक और नाम हाशिम मूसा भी था. पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद से सुरक्षाबल उसकी तलाश में थे. अन्य दो आतंकियों की पहचान जिबरान और हमजा अफगानी के रूप में हुई थी. जिबरान 2024 के सोनमर्ग सुरंग प्रोजेक्ट पर हुए हमले में भी शामिल था, जो क्षेत्र में उसकी सक्रियता को दर्शाता है. दाचीगाम ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के पास से अमेरिकी M4 कार्बाइन, AK-47 और 17 ग्रेनेड जैसे अत्याधुनिक हथियार भी बरामद हुए थे.
ऑपरेशन महादेव की सफलता: सैटेलाइट फोन के सिग्नल से मिला था सुराग
'ऑपरेशन महादेव' की सफलता के पीछे सुरक्षाबलों की सटीक खुफिया जानकारी और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल था. एक हफ्ते पहले सुरक्षाबलों को श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी. खास बात यह थी कि इन आतंकियों ने एक चाइनीज अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को फिर से एक्टिवेट किया था, जिसका उपयोग उन्होंने पहलगाम हमले के बाद पहली बार किया था. उसी सैटेलाइट फोन के सिग्नल को सुरक्षाबलों ने ट्रेस किया, जिससे उनकी सटीक लोकेशन का पता चला.
सिग्नल मिलने के बाद, सुरक्षाबलों ने आतंकियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया. 28 जुलाई की सुबह लगभग 11:30 बजे, 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा यूनिट के जवानों की एक टुकड़ी ने एडवांस गैजेट्स का इस्तेमाल करके आतंकियों का लोकेशन पता लगाया और घेराबंदी कर तीनों आतंकियों को मार गिराया. यह दिखाता है कि तकनीक और मजबूत रणनीति कैसे आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम कर सकती है.