दावा : लॉकडाउन के कारण चली जाएगी कई लोगो की नौकरी

दावा : लॉकडाउन के कारण चली जाएगी कई लोगो की नौकरी Coronavirus: जनवरी-मार्च व अप्रैल-जून तिमाही में अधिकांश कंपनियों की आय 10

Update: 2021-02-16 06:18 GMT

दावा : लॉकडाउन के कारण चली जाएगी कई लोगो की नौकरी

Coronavirus: जनवरी-मार्च व अप्रैल-जून तिमाही में अधिकांश कंपनियों की आय 10 फीसद घटने की आशंका नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था और रोजगार पर काफी गहरा असर होने जा रहा है। इसकी वजह से मांग काफी घट गई है और कंपनियों की आय में गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में आधी से ज्यादा नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर लोगों ने नौकरियां जाने की आशंका जताई है।

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सीआईआई ने करीब 200 सीईओ (कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के बीच 'सीआईआई सीईओ स्नैप पोल' के नाम से एक ऑनलाइन सर्वे करवाया था। इसकी रिपोर्ट के अनुसार मांग तेजी से घटने की वजह से ज्यादातर कंपनियों की आय में कमी आई है। इससे नौकरियां जाने का अंदेशा है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है, 'चालू तिमाही (अप्रैल-जून) और पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान अधिकांश कंपनियों की आय में 10 फीसद से अधिक कमी होने की आशंका है।

इससे दोनों तिमाहियों में कंपनियों का लाभ पांच फीसद से अधिक घट सकता है।' सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'उद्योगों को राहत देने के लिए सरकार एक पैकेज की घोषणा कर सकती है और इसको फास्ट ट्रैक मोड में लागू भी कर सकती है। इसकी वजह यह है कि अचानक लॉकडाउन की घोषणा होने से उद्योगों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फिलहाल इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता कि हालात कब तक सामान्य हो जाएंगं।'

आर्थिक वृद्धि पर होगा गंभीर असर

सीआईआई के मुताबिक घरेलू कंपनियों की आय और मुनाफा दोनों में तेज गिरावट का असर देश की आर्थिक वृद्धि दर पर होगा। रोजगार के स्तर पर इनसे संबंधित क्षेत्रों में 52 फीसद तक तक नौकरियां कम हो सकती हैं।' सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन खत्म होने के बाद 47 प्रतिशत कंपनियों में 15 प्रतिशत से कम नौकरियां जाने की संभावना है। 32 प्रतिशत कंपनियों में नौकरियां जाने की दर 15-30 प्रतिशत हो सकती है।

-लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को करीब 120 अरब डॉलर का नुकसान होगा, जो जीडीपी का चार फीसदी है

- 90 अरब डॉलर का नुकसान देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने पर होगा, जिसकी आशंका जताई जा रही है

- मांग घटने से मैन्युफैक्चरिंग में भारी कमी आएगी, जिसकी वजह से कंपनियों की आय में गिरावट आएगी

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर होने जा रहा है। ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा था कि उसने भारत को लेकर आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर दो फीसद (वित्त वर्ष 2020-21 में) कर दिया है। यदि वाकई ऐसा हुआ तो यह 30 सालों का न्यूनतम स्तर होगा।

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