कश्मीर में 3 पाकिस्तानी आतंकी ढेर: पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी मारा गया, सेना ने चलाया था ऑपरेशन महादेव
जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया. इनमें पहलगाम हमले का मुख्य आरोपी हाशिम मूसा भी शामिल है. सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत यह कार्रवाई की.;
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 3 पाकिस्तानी आतंकी ढेर: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया है. सोमवार को श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान इलाके में हुई मुठभेड़ में इन आतंकियों को ढेर किया गया. इनमें पहलगाम हमले का मुख्य आरोपी हाशिम मूसा भी शामिल है. सेना ने इस सफल कार्रवाई को 'ऑपरेशन महादेव' के तहत अंजाम दिया, जिसने आतंकी नेटवर्क को एक बड़ा झटका दिया है. मारे गए अन्य दो आतंकियों की पहचान जिबरान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है. जिबरान 2024 में हुए सोनमर्ग सुरंग प्रोजेक्ट पर हुए हमले में भी शामिल था.
पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी मारा गया: 'ऑपरेशन महादेव' की सफलता
ऑपरेशन महादेव क्या है? हाशिम मूसा की मौत इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है. हाशिम मूसा को 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का मुख्य आरोपी माना जाता है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. आतंकियों ने इस हमले में पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर चुन-चुनकर निशाना बनाया था. यह घटना पहलगाम शहर से 6 किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में हुई थी. इस हमले के बाद से सुरक्षाबल हाशिम मूसा की तलाश में थे. उसकी मौत से पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी पाकिस्तानी आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की और सेना, पुलिस व इस ऑपरेशन में शामिल सभी लोगों को बधाई दी.
आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद: अमेरिकी M4 कार्बाइन भी मिली
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों को भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है. मारे गए आतंकियों के पास से अमेरिकी M4 कार्बाइन, AK-47 राइफल और 17 ग्रेनेड मिले हैं. इसके अलावा, कुछ और संदिग्ध सामान भी बरामद हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है. इन हथियारों की बरामदगी से पता चलता है कि आतंकी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. अमेरिकी हथियारों की मौजूदगी भी जांच का विषय है कि ये हथियार आतंकियों तक कैसे पहुंचे. सेना मंगलवार को 'ऑपरेशन महादेव' के बारे में और विस्तृत जानकारी साझा कर सकती है.
कैसे चला 'ऑपरेशन महादेव'? सैटेलाइट फोन के सिग्नल से मिली जानकारी
ऑपरेशन महादेव कैसे पूरा हुआ? रक्षा सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को लगभग एक हफ्ते पहले श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी. खास बात यह थी कि इन आतंकियों ने हमले के बाद पहली बार एक चाइनीज अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को फिर से एक्टिवेट किया था. उसी सैटेलाइट फोन के सिग्नल को सुरक्षाबलों ने ट्रैक किया, जिससे उनकी लोकेशन का पता चला.
सिग्नल मिलने के बाद, सुरक्षाबलों ने आतंकियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया. ऑपरेशन महादेव की टाइमलाइन कुछ इस तरह थी:
28 जुलाई 2025, रात 2 बजे: आतंकियों ने T82 अल्ट्रासेट कम्युनिकेशन डिवाइस एक्टिवेट की.
सुबह 8 बजे: आतंकवादियों को देखने के लिए एक ड्रोन लॉन्च किया गया.
सुबह 9:30 बजे: जम्मू-कश्मीर में सेना की एंटी टेररिस्ट फोर्स और राष्ट्रीय राइफल्स (RR) ने ड्रोन लॉन्च किया.
सुबह 10 बजे: RR के जवानों के साथ पैरा कमांडो महादेव पहाड़ी पर चढ़े.
सुबह 11 बजे: फायरिंग शुरू हुई और पहले ही राउंड में तीनों आतंकवादियों को गोलियां लगीं.
सुबह 11:45 बजे: एक घायल आतंकवादी ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे मार गिराया गया.
दोपहर 12:45 बजे: आतंकवादियों के शवों की पहचान की गई और उनकी तस्वीरें ली गईं.
पहलगाम हमला: 26 लोगों की मौत और पर्यटकों को बनाया गया था निशाना
पहलगाम में आतंकी हमला कब हुआ था? 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था. इस हमले में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ले ली थी और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. यह घटना पहलगाम शहर से 6 किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में हुई थी.
जांच में तीन आतंकियों के नाम सामने आए थे: अनंतनाग का आदिल हुसैन ठोकर, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली उर्फ तल्हा भाई. मूसा और अली पाकिस्तानी नागरिक थे, और हाशिम मूसा तो पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप में कमांडो भी रह चुका था. इन तीनों पर 20-20 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था. फिलहाल यह साफ नहीं हुआ है कि NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उन्होंने इन्हीं तीन आतंकियों के नाम उजागर किए या किन्हीं और आतंकियों के.