ISRO पृथ्वी की जुड़वा बहन कहे जाने वाले शुक्र ग्रह पर ऑर्बिटल भेजने की तैयारी कर रहा है

ISRO is preparing to send an orbital to the planet Venus: चन्द्रमा और मंगलग्रह में अपना ऑर्बिटल भेजने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (ISRO) शुक्र ग्रह के मिशन में जुट गया है

Update: 2022-05-09 13:14 GMT

ISRO is preparing to send an orbital to the planet Venus: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी के Indian Space Research Organization (IRSO) चंद्रयान-3 और गगनयान के बाद शुक्र ग्रह तक पहुंचने के मिशन में जुट गया है. मंगल और चन्द्रमा में सफल मिशन के बाद ISRO एक बार फिर से मील का पत्थर रखने की कवायद कर रहा है. 

ISRO के चेयरमैन एस सोमनाथ (S Somnath) का कहना है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के पास कम लागत और कम समय में अंतरिक्ष यान बनाने की क्षमता है, अब हम शुक्र ग्रह को जीनते के मिशन में जुट गए हैं. NASA  और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) के बाद शुक्रग्रह के लिए यह दुनिया का तीसरा मिशन है. जहां 400 डिग्री सेल्सियस से भी ज़्यादा तापमान वाले ग्रह के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इसरो प्रयास कर रहा है. 

शुक्र ग्रह को पृथ्वी की जुड़वा बहन क्यों कहा जाता है 


Venus यानी की शुक्र ग्रह को पृथ्वी की जुड़वा बहन कहा जाता है, क्योंकि ऐसा मानना है कि करोड़ों साल पहले यहां जीवन की संभावनाएं थी क्योंकि यहां पृथ्वी की तरह पानी का भंडार था. इसे पृथ्वी की जुड़वा बहन इस लिए कहा जाता है क्योंकि इसका द्रवमान पृथ्वी की तरह है. हालांकि यहां का तापमान 475 डिग्री सेल्सिस है जो अपने करीब आने वाली हर एक चीज़ को जला कर राख कर सकता है. शुक्र ग्रह अपने सौरमंडल का सबसे गगर्म ग्रह है. 

इसरो शुक्र ग्रह मिशन क्यों लॉन्च कर रहा है 

इसरो वीनस की ऑर्बिटर सतह की प्रक्रियाओं की जांच करेगा, यह ग्रह के जिओलॉजिकल और रिसर्फेसिंग  के इतिहास को समझने, प्रभाव प्रक्रियाओं को समझने और सतह पर दबे हुए प्रभाव क्रेटर का पता लगाने की कोशिश करेगा। जांच का उद्देश्य वातावरण की संरचना और गतिशीलता का अध्ययन करने के साथ-साथ सतह की स्ट्रक्चर बनाना होगा।  इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि शुक्र मिशन की कल्पना की गई है, परियोजना रिपोर्ट बनाई गई है. और इसमें होने वाले खर्च का आंकलन किया जा रहा है। ISRO ने इस मिशन को शुक्रयान-1  (Shukrayaan-1) नाम दिया है 

अंतरिक्ष यान शुक्र ग्रह के आयनमंडल (Ionosphere) के साथ सौर हवा की की भी जांच करेगा, जो ग्रह के वातावरण पर प्लाज्मा तरंगों और गतिशीलता का पता लगाएगा। अंतरिक्ष यान पर एक प्रमुख उपकरण शुक्र की सतह की जांच करने के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन सिंथेटिक एपर्चर रडार (high-resolution synthetic aperture radar) होगा। 

Shukrayaan मिशन कब लॉन्च होगा  

Shukrayaan mission launch: इसरो वीनस में तब अपना मिशन लॉन्च करना चाहता है जब दोनों ग्रह एक दूसरे से बेहद करीब से गुजरें, ऐसा दिसम्बर 2024 में होगा, और अगर इस वक़्त इसरो अपना मिशन लॉन्च नहीं कर पाटा है तो ऐसा मौका फिर 2031 में ही मिलेगा 

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