इजराइल-ईरान वार: सुप्रीम लीडर खामेनेई ने किया जंग का ऐलान, इजराइल पर दागीं 25 मिसाइलें; कहा- हम आतंकी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देंगे

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने जंग का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद इजराइल पर 25 मिसाइलें दागी गईं। 5 दिनों से जारी संघर्ष अब आधिकारिक युद्ध में बदल गया है।;

Update: 2025-06-18 03:58 GMT

ईरान और इजराइल के बीच 5 दिनों से चल रहा संघर्ष अब एक खतरनाक मोड़ ले चुका है। मंगलवार देर रात, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट के जरिए जंग का खुला ऐलान कर दिया। उन्होंने लिखा, "जंग शुरू होती है। हम आतंकी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देंगे और कोई दया नहीं दिखाएंगे।" इस ऐलान के तुरंत बाद ईरान ने इजराइल की ओर 25 मिसाइलें दाग दीं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुँच गया है।

अमेरिका में बढ़ी हलचल

इस घटनाक्रम के बाद वैश्विक चिंताएं भी बढ़ गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कनाडा दौरे से लौटते ही व्हाइट हाउस में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। बैठक के बाद अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अतिरिक्त फाइटर जेट्स भेजने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर सेंटर पर 'बंकर-बस्टर' बमों से हमला करने की योजना पर भी विचार कर रहा है, ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

5 दिनों के युद्ध का अब तक का अपडेट

13 जून: इजराइल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत 200 फाइटर जेट से ईरान पर हमला किया, जिसमें कई ईरानी वैज्ञानिक और सैन्य कमांडर मारे गए।

14 जून: ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजराइली रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया और तीन F-35 फाइटर जेट मार गिराने का दावा किया।

15 जून: इजराइल ने ईरान के तेल-गैस ठिकानों पर हमला किया, जबकि ईरान ने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की।

16 जून: ईरान ने इजराइल पर बड़ा हमला किया, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई। जवाब में इजराइल ने ईरानी विदेश मंत्रालय पर हमला बोला।

17 जून: ईरान ने तेल अवीव में मोसाद मुख्यालय पर हमला किया। बिगड़ते हालात के बीच 600 से ज्यादा विदेशियों को ईरान से निकाला गया।

अमेरिकी जनता नहीं चाहती युद्ध में शामिल होना

अमेरिका में हुए एक सर्वे के मुताबिक, लगभग 60% अमेरिकी नागरिक नहीं चाहते कि उनका देश ईरान-इजराइल की इस जंग में शामिल हो। केवल 16% लोगों ने सैन्य हस्तक्षेप का समर्थन किया। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन, दोनों ही पार्टियों के ज्यादातर समर्थक युद्ध से दूर रहने के पक्ष में हैं।

व्हाट्सऐप पर लोकेशन ट्रैकिंग का आरोप

इस बीच, ईरान सरकार ने अपने नागरिकों को व्हाट्सऐप जैसे ऐप्स इस्तेमाल न करने की सलाह दी, यह दावा करते हुए कि इजराइल इनके जरिए लोगों की लोकेशन ट्रैक करके उन्हें निशाना बना रहा है। इसके जवाब में व्हाट्सऐप ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को गलत बताया। कंपनी ने साफ किया कि वह किसी की लोकेशन ट्रैक नहीं करती और सभी मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं, जिन्हें कोई तीसरा व्यक्ति नहीं पढ़ सकता।

🟧 इजराइल की खुफिया एजेंसियां

  1. मोसाद
  2. शिन बेट
  3. अमन

📍 कहां काम करती हैं

  • मोसाद - इजराइल की विदेश में काम करने वाली खुफिया एजेंसी।
  • शिन बेट - इजराइल और फिलिस्तीन के कब्जे वाले इलाकों में।
  • अमन - इजराइल की सेना (IDF) की खुफिया शाखा।

🎯 मुख्य कार्य

  • मोसाद - विदेशों में जासूसी और दुश्मन देशों में खुफिया मिशन चलाना।
  • शिन बेट - आतंकी हमलों की रोकथाम के लिए देश के अंदर निगरानी, गिरफ्तारियां और पूछताछ करना।
  • अमन - दुश्मन सेनाओं और हथियारों की जानकारी जुटाकर सेना की मदद करना।

🔍 काम का तरीका

  • मोसाद - जासूसी, साइबर हमले, ह्यूमन इंटेलिजेंस (HUMINT)।
  • शिन बेट - निगरानी, गिरफ्तारियां, पूछताछ और मुखबिरों का नेटवर्क।
  • अमन - सैटेलाइट, सिग्नल इंटरसेप्ट (SIGINT), यूनिट 8200 जैसी साइबर इकाइयाँ।

🧾 किसे रिपोर्ट करती हैं

मोसाद - प्रधानमंत्री

शिन बेट - प्रधानमंत्री

अमन - सेना प्रमुख

🛰️ ईरान संघर्ष में रोल

  • मोसाद - जून 2025 में ईरान में ड्रोन अटैक और हथियारों की तस्करी।
  • शिन बेट - ईरान के लिए जासूसी कर रहे दो इजराइली नागरिकों की गिरफ्तारी।
  • अमन - यूनिट 8200 के जरिए साइबर ऑपरेशन और सैन्य हमलों के लिए खुफिया सहयोग।
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