सुरक्षा से कोई समझौता नहीं; भारत अपनी जमीन से वार कर सकता है, जरूरत पड़ी तो दूसरों की जमीन में घुसकर भी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज के कार्यक्रम में बोल रहे थे.

Update: 2021-08-29 14:28 GMT

भारत अपनी जमीन से वार कर सकता है, जरूरत पड़ी तो दूसरों की जमीन में घुसकर भी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

चेन्नई. पाकिस्तान का नाम लिए बिना भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister of India Rajnath Singh) ने पाक को खरी खोटी सुनाई है. पाकिस्तान जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहा है. खासकर कि जब से अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हुआ है. पाकिस्तान का मानना है कि तालिबान में इतनी ताकत है कि वह कश्मीर जीतकर उन्हें सौप सकता है. 

भारत के रक्षा मंत्री रविवार को तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (Defense Service Staff College) के कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिए उसे उसकी औकात दिखाई है. रक्षा मंत्री ने कहा कि एक देश आतंकवाद का सहारा ले रहा है.

पाकिस्तान की जमीन में घुसकर टेररिज्म ख़त्म करेंगे 

उन्होंने कहा कि भारत कभी भी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा. भारत अपनी जमीन से वार करने में सक्षम है और जरूरत पड़ी तो हम उनकी जमीन में घुसकर भी आतंकवाद (Terrorism) को ख़त्म करेंगे, इस पर भी भारत कभी पीछे नहीं हटेगा. हमारे भारत में वह क्षमता है की हम अपनी जमीन से वार करेंगे और उसकी जमीन में घुसकर भी वार करेंगे. 

सीजफायर को लेकर उन्होंने कहा की अगर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर सफल हुआ है तो वह भारत की ताकत की वजह से हुआ है. 2016 में पाकिस्तान की क्रॉस बॉर्डर स्ट्राइक्स की वजह से ही हमारा रवैया प्रतिक्रिया देने की बजाय आक्रामक हो चुका है. 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) से इसे मजबूती मिली है.

अफगानिस्तान के हालात पर रक्षामंत्री ने क्या कहा 

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनौतीपूर्ण बताया है. उन्होने कहा की अफगानिस्तान की नई परिस्थितियों ने हमारी रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. हम QUAD का गठन कर रहें हैं, और रणनीति भी बदलने वाले हैं. 

राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सीमाओं पर मौजूद चुनौतियों के बावजूद देश के नागरिक इस बात को लेकर सुनिश्चित हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के साथ कोई समझौता नहीं होगा. देश के पूर्वोत्तर में चीन की तरफ से भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की गई थी, वहां भी हमने नए उत्साह से साथ चुनौती का सामना किया.

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