किसानों के लिए खुशखबरी! अब भारत में पैदा होने वाला मोटा अनाज जायेगा विदेश, मिलेगी मोटी रकम

भारत में पैदा होने वाला मोटा अनाज विदेश निर्यात किया जायेगा, जिससे किसानो को अच्छा प्रॉफिट होगा।

Update: 2022-03-23 14:15 GMT

जिस मोटे अनाज (fat grain) को गांव से लेकर शहर में रहने वाले लोगों ने नकार दिया था। अब उसके दिन भी फिर गये है। संयुक्त राष्ट्र संघ ओर से वर्ष 2023 को इंटरनेशनल इयर आफ मिलेट्स (UN Year Of Millets 2022) के रूप में घोषित किया गया है। अब देश में पैदा होने वाल मोटा अनाज (fat grain) विदेश जायेगा। जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी तो वहीं देश के लोग भी इसे खाकर अपने स्वास्थ्य की देखभाल करेंगे। आज मोटे अनाज को सुपरफूड कहा जाता है। मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए इंडियन काउंसिल आफ रिसर्च आईसीएआर नई वैराइटी तैयारने में जुटा हुआ है।

सुपरफूट हैं मोटे अनाज

चावल और गेहूं खाकर देश के लोग बीमार हे रहे हैं। ऐसे में अगर मोटा अनाज भोजन में शामिल किया जाय तो कई तरह के रोगों से अपने को बचाया जा सकता है। आज मोटे अनाज को सुपरफूड कहा जाता है।

सरकार की तैयारी

संयुक्त राष्ट्र संघ ओर से वर्ष 2023 को इंटरनेशनल इयर आफ मिलेट्स के रूप में घोषित किया गया है। इसमें भारत सरकार की अहम भूमिका रही है। माना जा रहा है कि देश में मोटो अनाजों का पर्याप्त उत्पादन होने से निर्यात बढेगा हिजससे देश के किसानो को लाभ होगा।

पाये जाते हैं उच्च पोषक तत्व

जिन मोटो अनाजो को देखकर लोग नाक चढ़ाते थे आज वही मोटे अनाज सुपरफूड बन गये है। हालत यह है कि देश ही नही विदेशों में भी मोटे अनाजों की मांग बढ़ी हुई है। इनमें कीटो का प्रभाव कम होता है और राशासनिक खाद के बिना भी पर्याप्त उत्पादन देते हैं।

मध्यान्ह भोजन में होगा शामिल

वहीं सरकार की योजना है कि अब इन मोटे अनाजों को मध्यान्ह भोजन में शामिल किया जाय जिससे देश का भविष्य कहलाने वाले बच्चे चुस्त दुरूस्त और निरोगी रहे।

उत्पादन बढ़ाने लगा आईसीएआर

केन्द्र सरकार मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए इंडियन काउंसिल आफ रिसर्च आईसीएआर नई वैराइटी तैयार करने में जुटी हुई है। देश के कृषि एवं किसान कन्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में जानकारी देते हुए यह सारी जानकारी दी है।

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