Ayodhya Verdict : मध्‍यप्रदेश में बीस साल पुराने आपराधिक तत्वों पर भी नजर रखने के निर्देश

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Update: 2021-02-16 06:10 GMT

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या को लेकर सुनाए जाने वाले फैसले के मद्देनजर प्रदेश सरकार काफी एहतियात बरत रही है। शुक्रवार को दिल्ली से लौटते ही मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने कमिश्नर और कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कानून व्यवस्था को लेकर फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि बीस साल पहले जो व्यक्ति दंगा या आपराधिक मामलों में लिप्त था, उस पर नजर रखी जाए। ऐसे लोग माहौल खराब करने की परदे के पीछे कोशिश कर सकते हैं। पुलिस सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों में डीजल पूरा भरा रहे। बिजली, सड़क, पानी, दवा सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति का पूरा इंतजाम रखा जाए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि जिलों में 144 धारा प्रभावी रहे। कानून व्यवस्था के मद्देनजर जरूरी ड्रिल हो। पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर रखा जाए। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाए। किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलने पाए, इसके लिए निगरानी तंत्र को चुस्त रखें। जरूरी सभी सामग्रियों का इंतजाम रहे।

उन्‍होंने कहा कि वाहनों में डीजल पूरा भराकर रखें। संवेदनशील इलाकों की बराबर निगरानी हो। ऐसे व्यक्ति, जो आदतन अपराधी हैं, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। ऐसे व्यक्ति भले ही खुद कुछ न करें पर माहौल बिगाड़ने वालों की मदद कर सकते हैं। इस दौरान गृह सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

रतलाम कलेक्टर ने वाहन पर बत्ती लगाने की मांगी अनुमति बैठक के दौरान रतलाम कलेक्टर ने वाहनों पर बत्ती लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तहसीलदार से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारी मैदानी दौरे पर रहते हैं। इस दौरान वाहन पर बत्ती न होने से काफी तकलीफ होती है। उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार ने भी समर्थन करते हुए कहा कि कई मौकों पर प्राइवेट नंबर की गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।

गनमैन साथ न हो तो जनता पहचान ही नहीं पाती है कि कोई अधिकारी पहुंचा है। इसकी वजह से परेशानी होती है। वहीं, अनूपपुर कलेक्टर ललित कुमार दाहिमा ने डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार की कमी की बात उठाई। सागर कलेक्टर ने वाहनों में पब्लिक स्पीकिंग सिस्टम लगाने की इजाजत मांगी। पहले तहसीलदार के वाहनों में यह लगा होता था। मुख्य सचिव ने इन सभी मुद्दों पर विचार करने की बात कही।

दिल्ली से लौटते ही बुलाई वीडियो कांफ्रेंस मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती शुक्रवार को सुबह साढ़े 11 बजे दिल्ली से सीधे मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को कमिश्नर और कलेक्टरों की वीडियो कांफ्रेंस बारह बजे बुलाने के निर्देश दिए। आनन-फानन में सभी को संदेश किया गया। भोपाल कलेक्टर तरुण पिथौड़े कार्यालय में नहीं थे, लिहाजा सूचना मिलने पर वे दौरे से वापस लौटे और बैठक में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री करेंगे वीडियो कांफ्रेसिंग मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को सभी कमिश्नर और कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बात करेंगे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री जनकल्याण कार्यक्रम में शिकायतों की सुनवाई करने के बाद अधिकारियों से कानून व्यवस्था को लेकर फीडबैक लिया जाएगा।

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