अहमदाबाद प्लेन क्रैश: इकलौते जीवित यात्री रमेश विश्वास कुमार ने सुनाई आंखोंदेखी- 'आंखों के सामने सब कुछ जल रहा था', PM मोदी ने जाना हाल

अहमदाबाद विमान हादसे में चमत्कारिक रूप से बचे एकमात्र यात्री, रमेश विश्वास कुमार, ने उस तबाही के मंजर को बयां किया है जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। उन्होंने कहा- 'मेरी आंखों के सामने सब कुछ जल रहा था'। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अस्पताल में उनसे मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।;

Update: 2025-06-13 07:45 GMT

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में चमत्कारिक रूप से बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार से शुक्रवार, 13 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की। रमेश फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर रमेश का हालचाल जाना, उन्हें सांत्वना दी और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद रमेश ने उस खौफनाक मंजर को बयां किया है, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते।

'आंखों के सामने सब कुछ जल रहा था': रमेश की जुबानी, तबाही का वो मंजर

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में डीडी न्यूज से बातचीत करते हुए रमेश विश्वास कुमार ने हादसे के उन चंद मिनटों को याद किया, जो किसी भयावह सपने से कम नहीं थे।

  • टेक-ऑफ के तुरंत बाद क्या हुआ?: रमेश ने बताया, "सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ। मुझे ठीक-ठीक पता नहीं कि यह कैसे हुआ, लेकिन प्लेन के टेक-ऑफ होते ही पांच-दस सेकेंड के अंदर ही ऐसा लगा कि जैसे वह रुक गया हो। फिर केबिन में अचानक हरी और सफेद लाइटें जलने लगीं। इसके बाद जैसे ही पायलट ने फिर से विमान की स्पीड बढ़ाई, उसी समय विमान नीचे की ओर गिरा और एक जोरदार धमाका हो गया।"
  • कैसे जिंदा बचा?: उन्होंने भावुक होकर कहा, "मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि मैं इतने बड़े हादसे में कैसे जिंदा बाहर निकल आया। एक पल के लिए तो मुझे लगा था कि मैं भी अब मरने वाला हूं। जब धमाके के बाद मेरी आंख खुली तो मुझे एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं। मैंने सोचा कि मैं यहां से निकल सकता हूं, और मैं बस निकल गया।"
  • कैसे निकले मलबे से बाहर?: रमेश ने अपने बचने की कहानी बताते हुए कहा, "शायद विमान का दरवाजा धमाके से टूट गया था और मैं अपनी सीट समेत ही नीचे गिर गया था। ऐसा लगता है कि प्लेन का जिस हिस्से में मेरी सीट (11-A) थी, वह शायद बिल्डिंग के निचले हिस्से से टकराया होगा, जबकि प्लेन का ऊपरी हिस्सा आग की चपेट में आ गया था और कई लोग वहीं फंसे रह गए थे। मुझे अपने सामने कुछ खाली जगह दिखी, तो मैंने उसी तरफ से निकलने की कोशिश की। दूसरी तरफ एक दीवार थी, वहां से शायद कोई भी बाहर नहीं निकल सका।"
  • खौफनाक और दर्दनाक दृश्य: रमेश ने कांपती हुई आवाज में कहा, "वह दृश्य मैं कभी नहीं भूल सकता। मेरी आंखों के सामने ही दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और बाकी सब कुछ बुरी तरह जल रहा था।" उन्होंने यह भी बताया कि इस सदमे के बावजूद वह घटनास्थल से खुद पैदल चलकर बाहर सुरक्षित स्थान तक पहुंचे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल पहुंचकर जाना हालचाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे और सबसे पहले घटनास्थल का दौरा किया। इसके बाद वे सीधे सिविल अस्पताल गए, जहां उन्होंने इस हादसे के एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार से मुलाकात की। रमेश ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अत्यंत संवेदनशीलता के साथ उनका हालचाल जाना और पूछा कि यह दर्दनाक हादसा कैसे हुआ था। प्रधानमंत्री ने उन्हें सर्वोत्तम इलाज और हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

अहमदाबाद विमान हादसा: एक नजर में अब तक की जानकारी

उड़ान: एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन), जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी।

हादसा: गुरुवार, 12 जून, 2025 को दोपहर करीब 1:40 बजे, उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गई।

सवार लोग: विमान में 12 क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोग सवार थे।

हताहत: इस हादसे में 241 लोगों की दुखद मौत हो गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। केवल एक यात्री (रमेश विश्वास कुमार) ही जीवित बचे हैं।

यात्री: विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शिशु शामिल थे।

टकराव: विमान एयरपोर्ट के पास स्थित सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स की एक रिहायशी बिल्डिंग से टकराया था, जिससे जमीन पर भी 15 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और कई मेडिकल छात्रों की भी मौत हो गई थी।

पहचान: हादसे की जगह से मिले ज्यादातर शव इतनी बुरी तरह से झुलस गए हैं कि उनकी पहचान के लिए अब DNA टेस्टिंग की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

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