कश्मीरी पंडितो की 302 एकड़ जमीन हुई कब्जामुक्त, तहसीलदार की सुरक्षा में रखी जाएगी जमीन

जम्मू कश्मीर प्रशासन कश्मीर पंडितों की जमीनों पर कब्जे की 8000 शिकायतों पर कार्रवाई की है.

Update: 2022-08-30 05:03 GMT

Jammu And Kashmiri Pandits News: जम्मू कश्मीर प्रशासन कश्मीर पंडितों की जमीनों पर कब्जे की 8000 शिकायतों पर कार्रवाई की है 1990 में आतंकवाद के पैसे पलायन करने वाले पंडितों की जमीन है उनके पड़ोसियों ने ही हड़प ली थी 32 साल बाद ऐसी 2414 कनाल यानी 300 एकड़ जमीन कब्जा मुक्त कराई गई है.

सरकार ने जमीन तो खाली करा दी लेकिन एक परेशानी यह है कि इन जमीनों के असल मालिक सामने नहीं आ रहे हैं और ना ही कब्जा देने के लिए तैयार है. कब्जा हटाने की मुहिम 1 साल पहले जब शुरू हुई थी. इसके विरोध में आतंकी संगठनों ने पंडितों के टारगेट किलिंग शुरू पर दहशत का माहौल पैदा करने की पूरी कोशिश की लेकिन सरकार ने कब्जे छुड़ाने की मुहीम जारी रखी.

अत्याचार के चलते घर छोड़ने को मजबूर हुए पंडित तीन दशक से कब्जे छुड़ाने की लड़ाई लड़ रहे थे 1997 में उन्हें उनकी संपत्ति के संरक्षण और सुरक्षा के लिए जम्मू और कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति अधिनियम 1997 को पारित किया गया. लेकिन यह प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो सका कश्मीर से कोसों दूर बैठे पंडित परिवार शिकायतें तो दर्ज कराते रहें लेकिन उनकी जमीनों से कब्जे नहीं हटाए गए. इसलिए साल भर पहले प्रशासन ने कब से छुड़ाने के लिए विशेष पोर्टल लांच किया इस पर कोई कार्रवाई हुई इस दौरान पड़ोसी ही थे.

मालिक के तहसीलदार की सुरक्षा में रखी जाएगी जमीन

बता दे की कब्जाधारी नोटिस मिलने पर खुद जमीन छोड़ते हैं तो ठीक वरना पुलिस अतिक्रमण हटा दी है. जमीन का असली मालिक नहीं आता है तो तहसीलदार देने का निर्देश दिया जाता है. इस जमीन को तब तक सुरक्षित रखा जाएगा जब तक कि मारी लौट के ना आए.

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