किराएदारी अधिनियम: मध्यप्रदेश में किराए से कमरा लेने वाले पढ़ ले ये खबर, नहीं तो भरना होगा चार गुना किराया

किराएदारी अधिनियम: मध्यप्रदेश में किराए से कमरा लेने वाले पढ़ ले ये खबर, नहीं तो भरना होगा चार गुना किराया भोपाल. मध्यप्रदेश

Update: 2021-02-16 06:24 GMT

किराएदारी अधिनियम: मध्यप्रदेश में किराए से कमरा लेने वाले पढ़ ले ये खबर, नहीं तो भरना होगा चार गुना किराया

भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब नया किराएदारी अधिनियम 2020 लागू होने जा रहा है. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस एक्ट को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. विभाग ने इस ड्राफ्ट को केंद्र सरकार को सहमति के लिए भेजा है. केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद गजट नोटिफिकेशन किया जाएगा. राज्य सरकार इस नए एक्ट को शुरुआत में नगरीय क्षेत्रों में लागू करेगी. बाद में इस एक्ट को ग्रामीण क्षेत्रों वाले शहरों में भी लागू किया जाएगा. नए एक्ट में कई अ​हम बदलावा किए गए हैं. इसका सीधा असर मकान मालिकों और किरायेदारों पर पड़ेगा.
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका ड्राफ्ट बनाकर सहमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा है। इसमें प्रावधान है कि अनुबंध खत्म होते ही किरायेदार मकान खाली नहीं करता है तो उसे पहले दो माह में दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना किराया देना होगा। ऐसा होने के बाद विवाद पर सिविल कोर्ट में अपील नहीं हो सकेगी। इन्हें एक सदस्यीय किराया ट्रिब्यूनल, किराया प्राधिकारी और रेंट कोर्ट में निपटाया जाएगा।

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बता दें कि किराएदारी एक्ट में बदलावा को लेकर लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी. प्रदेश में फिर से शिवराज सरकार बनने के बाद अब किराएदारी एक्ट 2020 लागू करने का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है.

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जल्द नोटिफिकेशन जारी करेंगे केंद्र सरकार को किराएदारी अधिनियम 2020 का ड्राफ्ट भेज दिया गया है। इसकी सहमति मिलने के बाद गजट नोटिफिकेशन किया जाएगा।
-पी. नरहरि आयुक्त नगरीय प्रशासन अधिनियम की बड़ी बातें
  • जिलों में किराया प्राधिकारी होंगे डिप्टी कलेक्टर, रेंट कोर्ट में अतिरिक्त कलेक्टर व ट्रिब्यूनल में जिला जज नियुक्त होंगे।
  • अनुबंध होने के 60 दिन में किराया प्राधिकारी को बताना होगा। किराया मालिक-किराएदार की सहमति से बढ़ेगा।
  • मालिक- किराएदार का करारनामा उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों पर भी लागू होगा। जबरन घर खाली नहीं करा सकेंगे।
  •  बाहर रहने वाले मकान मालिकों के लिए प्राॅपर्टी मैनेजर व एजेंट काम करेंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन होगा। 
  •  अधिनियम आने के बाद भी सिविल कोर्ट में पेंडिंग मकान विवाद पुराने कानून के अनुसार जारी रहेंगे।
  •  मकान में टूटफूट व मरम्मत से संबंधित उत्तरदायित्व पार्ट ए व पार्ट बी में विधिवत तय किए गए है।
  •  सिविल कोर्ट में अपील या वाद दायर नहीं हो सकेगा। इससे मालिक संपत्ति आसानी से किराए पर दे सकेंगे।
  •  नया अधिनियम अभी नगरीय क्षेत्रों में लागू होगा। बाद में इसे ग्रामीण क्षेत्रों वाले शहरों में लागू करेंगे।
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