67 साल बाद रीवा का विभाजन: मऊगंज अलग होने से 5 जिलों का संभाग हुआ रीवा, जनसंख्या की दृष्टि से सबसे सतना सबसे बड़ा; नवगठित जिले में धार्मिक और पर्यटन स्थलों की भरमार

मऊगंज (Mauganj) के जिला बनने से रीवा में बहुत से बदलाव हुए हैं. पहले रीवा जनसंख्या की दृष्टि से संभाग का सबसे बड़ा जिला था, मऊगंज के अलग होने के बाद अब यह तमगा सतना के पास चला गया है.

Update: 2023-08-14 08:27 GMT

15 अगस्त को नए जिले मऊगंज में बड़ी धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस का समारोह मनाया जाएगा. 

रीवा से विभाजित होकर नवगठित जिले मऊगंज (Newly Formed District Mauganj) को जिला बनाने की मांग चार दशक पुरानी है. नए जिले के रूप में मऊगंज को देखने की मांग विधानसभा तक गूंज चुकी थी. जिले के निर्माण के लिए 16 साल पहले संघर्ष परिषद का गठन हुआ था. यहां तक कि मुख्यमंत्री ने चार बार मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की, लेकिन सीएम शिवराज की 2023 में मऊगंज की धरती में की गई घोषणा रंग लाई. अब जाकर 13 अगस्त 2023 को ‘मऊगंज’ मध्यप्रदेश के 53वें जिले के रूप में अस्तित्व पर आ गया है. 15 अगस्त को नए जिले मऊगंज में बड़ी धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस का समारोह मनाया जाएगा. नवगठित जिले के अस्तित्व में आते ही रीवा संभाग में अब पांच जिले शामिल हो गए हैं. 

मऊगंज के जिले बनने से रीवा में बदलाव

मऊगंज के जिला बनने से रीवा में बहुत से बदलाव हुए हैं. पहले रीवा जनसंख्या की दृष्टि से संभाग का सबसे बड़ा जिला था, मऊगंज के अलग होने के बाद अब यह तमगा सतना के पास चला गया है. वहीं रीवा जिले की तीन तहसीलें और हजारों 1070 गांव, 1,86,688 हेक्टेयर क्षेत्रफल नवगठित जिले में चला गया है.

इन सबके अलावा मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा और देश का 17वां सबसे अधिक ऊंचाई वाला जल प्रपात ‘बहुती’ अब मऊगंज जिले के अंतर्गत आ गया है. मऊगंज में 3 विख्यात धार्मिक स्थल हैं. देवतालाब, अष्टभुजी और हाटेश्वर नाथ धाम. देवतालाब भगवान भोलेनाथ की प्राचीनतम नगरी है. भगवान विश्वकर्मा ने यहां के मंदिर का निर्माण किया था. यह देव स्थान अब तक रीवा जिले में आता था. 15 अगस्त से यह मऊगंज जिले में शामिल हो जाएगा. नईगढ़ी स्थित माता अष्टभुजी स्थल भी प्रसिद्ध है. मां देवी के दर्शन के लिए लाखों भक्तों की भीड़ नवरात्र और अन्य त्योहारों में पहुंचती है. हनुमना तहसील के ग्राम हाटा में हाटेश्वरनाथ धाम मौजूद है.

8 विधानसभाओं वाला रीवा अब 6 का हो गया

रीवा जिले की 8 विधानसभा विधानसभा हुआ करती थी. मऊगंज जिला बनने के बाद अब रीवा में 6 विधानसभाएँ रह जाएंगी. रीवा, सेमरिया, सिरमौर, मनगवां, त्योंथर और गुढ़ विधानसभाएं रीवा जिले में जबकि मऊगंज और देवतालाब विधानसभा क्षेत्र मऊगंज जिले में होंगी. 2018 के विधानसभा चुनाव में सभी आठों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक प्रत्याशी जीते थे. असेंबली स्पीकर गिरीश गौतम की विधानसभा सीट ‘देवतालाब’ भी अब मऊगंज जिले के अंतर्गत आ गई है.

मंत्री विहीन हुआ रीवा

मऊगंज के अलग हो जाने से रीवा अब मंत्री विहीन हो गया है. रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल लंबे समय तक मध्यप्रदेश के अलग-अलग विभागों के मंत्री रहें हैं, इस बार उन्हे मंत्री पद से समझौता करना पड़ा. देवतालाब विधायक गिरीश गौतम मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल राज्यमंत्री. अब ये दोनों ही नए जिले के अंतर्गत हैं.

एक नजर में जानें नवगठित जिला मऊगंज के बारे में

  • जनसंख्या: 6,16,645
  • क्षेत्रफलः 1,86,688 हेक्टेयर
  • गांव: 1070 (नईगढ़ी 383.. मऊगंज 344, हनुमना 343)
  • ग्राम पंचायत: 256
  • पटवारी हल्का: 264
  • राजस्व सर्किल: 12
  • तहसील: मऊगंज, हनुमना, देवतालाब, नईगढ़ी.
  • राजस्व अनुभागः मऊगंज, हनुमना
  • विकासखंड मऊगंज: नईगढ़ी, हनुमना.
  • विधानसभा क्षेत्र: मऊगंज और देवतालाब के साथ मनगवां का कुछ हिस्सा.

मऊगंज अलग होने के बाद रीवा जिले का वर्तमान स्वरूप

  • जनसंख्या: 1748461
  • क्षेत्रफल: 442057 हेक्टेयर
  • गांव: 1747
  • ग्राम पंचायत: 564 पटवारी हल्का 593
  • राजस्व सर्किल: 28
  • तहसील: हुजूर शहर, हुजूर ग्रामीण रायपुर कर्चुलियान, गुढ़ मनगवां, त्योंथर, जवा सिरमौर, सेमरिया
  • राजस्व अनुभाग: हुजूर, गुढ़, सिरमौर, त्योंथर, मनगवां
  • विकासखंड: रीवा, रायपुर कर्चुलियान, सिरमौर त्योंथर जवा, गंगेव
  • विधानसभा क्षेत्रः रीवा, गुढ़, मनगवां, त्योंथर, सिरमौर, सेमरिया

रीवा संभाग में हुए 5 जिले

नए जिला मऊगंज के अस्तित्व में आते ही रीवा संभाग में 5 जिले हो गए हैं. मऊगंज का जिला मुख्यालय ‘मऊगंज शहर’ को बनाया गया है.

  1. रीवा
  2. मऊगंज
  3. सतना
  4. सीधी
  5. सिंगरौली

राजनीतिक, जनसंख्या, राजस्व के मामले में अब सतना सबसे बड़ा जिला...

सबसे अधिक विधानसभा सीटें अब सतना में

अब राजनीतिक और जनसंख्या दोनों की दृष्टि से सतना संभाग का सबसे बड़ा जिला बन गया है. मऊगंज अलग होने के बाद रीवा में 6 विधानसभा सीटें बची हैं. सतना में वर्तमान में 7 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें चित्रकूट, रैगांव, सतना, नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बाघेलान शामिल हैं.

अब जनसंख्या में सतना सबसे बड़ा जिला

2011 की जनगणना के मान से आज के परिदृश्य में रीवा जिले की आबादी सतना जिले से डेढ़ लाख ज्यादा रही है. 2011 के अनुपात में 2023 की अनुमानित जनसंख्या रीवा जिले की 27.68 लाख रही है वहीं सतना जिले की 26.08 लाख लगभग आंकलित की गई है. मऊगंज जिले के गठन के बाद लगभग 6.50 लाख की जनसंख्या रीवा से कट कर मऊगंज में शामिल हो गई है. ऐसे में रीवा जिले की आबादी घट कर 21 लाख हो गई. सतना जिला संभाग में अब सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला हो गया है.

राजस्व में भी सतना सबसे कमाऊ 

राजस्व के नजरिए से देखें तो रीवा जिला 12 तहसीलों के साथ सबसे ज्यादा तहसील वाला जिला था, लेकिन 3 तहसीलों के नए जिले में शामिल होने से रीवा जिले में 9 तहसीलें बची. सतना जिले में 11 तहसीलें हैं. ऐसे में संभाग में सबसे ज्यादा तहसीलों वाला जिला सतना हो गया है.

सतना जिले का प्रशासनिक कद बढ़ा

रीवा जिले को संभागीय जिला मुख्यालय के साथ राजस्व, राजनीतिक और विधानसभा की संख्यात्मक बढ़त के कारण जिला प्रशासन के नजरिए से राजधानी से थोड़ी बढ़त मिली थी. विभाजन के बाद जिला प्रशासन के नजरिए से अब सतना का कद अब बढ़ गया है.

अब जानते हैं नवगठित जिले मऊगंज के बारे में कुछ ख़ास बातें...

मऊगंज जिले का नक्शा 

13 अगस्त 2023 को ‘मऊगंज’ अधिकारी तौर पर जिले के रूप में अस्तित्व पर आ गया है.

 

कलेक्टर, एसपी समेत प्रशासनिक पदस्थापना

नवगठित जिले मऊगंज के पहले कलेक्टर 'अजय श्रीवास्तव' होंगे, जबकि वीरेंद्र जैन को जिले का पहला पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. इसके साथ ही जिले में आधा सैकड़ा से अधिक अलग-अलग पदों में प्रशासनिक अमला की तैनाती की गई है. 

1982 में ही होनी थी जिला बनाने की घोषणा

क्षेत्र के लोग लंबे समय से जिला गठन की मांग कर रहे थे. इसलिए वह अपनी जीत मान रहे हैं. जिला गठन की मांग में कई जनप्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों के लोग भी शामिल रहे हैं. सबसे पहले यह मांग मऊगंज के विधायक रहे रामधनी मिश्रा की ओर से की गई थी. उन्होंने जिला गठन के लिए कई जनसभाएं की थीं और मुख्यमंत्री से भी मिलकर मांग रखी थी. 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को घोषणा करनी थी. उस दौरान महाराजा मार्तण्ड सिंह ने रीवा का बंटवारा किए बिना ही क्षेत्र का विकास करने की बात कही. इसके चलते नए जिले की घोषणा रुक गई और कई वर्षों तक मांग भी नहीं हुई.

मऊगंज में आजादी के पहले से है अदालत

मऊगंज का ऐतिहासिक महत्व भी रहा है. रीवा रियासत स्थापित होने के पहले से यह क्षेत्र आबाद रहा है. ईसा के 500 वर्ष पूर्व की मूर्तियों के अवशेष मऊगंज की लोहदा नदी के किनारे मिले थे, जो अब दिल्ली के जेएनयू संग्रहालय में रखे हैं. साथ ही आजादी के पहले 1935 से मऊगंज में कोर्ट संचालित है.

Tags:    

Similar News