जन्माष्टमी 2025: व्रत ना करने पर भी इन 4 सब्जियों से दूर रहें | Janmashtami food rules
Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत ना रखने वाले भी इन 4 सब्जियों और तामसिक भोजनों से दूर रहें, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण;
जन्माष्टमी 2025 पर इन 4 सब्जियों को भूलकर भी ना खाएं
कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख और पवित्र त्योहार है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, मंदिर सजाते हैं और रात में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो व्रत तो नहीं रखते, पर धार्मिक नियमों का पालन करना चाहते हैं। मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन अशुभ माना जाता है, जो घर में नकारात्मक ऊर्जा और रोग-दोष ला सकते हैं।
जन्माष्टमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
-जन्माष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त 2025, रात 11:51 बजे
-जन्माष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त 2025, रात 9:35 बजे
-उदय तिथि अनुसार पर्व: 16 अगस्त 2025 (शनिवार)
व्रत ना रखने वाले भी क्यों मानें ये नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत ना रखने वाले भी अगर कुछ आहार नियमों का पालन करते हैं, तो उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक प्रभाव दूर रहते हैं। यह सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
जन्माष्टमी के दिन वर्जित 4 सब्जियां
1. लौकी (Bottle Gourd)
- धार्मिक कारण: इसे तामसिक प्रभाव वाला माना जाता है, जिससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है।
- स्वास्थ्य कारण: गर्मियों में लौकी जल्दी खराब हो सकती है और शरीर में वात-पित्त-कफ का संतुलन बिगाड़ सकती है।
2. गाजर (Carrot)
- धार्मिक कारण: इसे गर्मियों में खाना मना है क्योंकि यह मौसम के अनुकूल नहीं है।
- स्वास्थ्य कारण: गर्मी के मौसम में इसमें बैक्टीरिया और कीड़े लगने की संभावना रहती है।
3. चुकंदर (Beetroot)
- धार्मिक कारण: जन्माष्टमी पर इसे अशुभ माना जाता है।
- स्वास्थ्य कारण: यह सर्दियों की सब्जी है और गर्मियों में इसका सेवन पाचन समस्या पैदा कर सकता है।
4. मूली (Radish)
- धार्मिक कारण: मूली को तामसिक माना जाता है और यह पूजा के पवित्र वातावरण को प्रभावित कर सकती है।
- स्वास्थ्य कारण: पाचन में गैस, एसिडिटी और बदबू की समस्या हो सकती है।
तामसिक भोजन से क्यों बचना चाहिए
तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा, मदिरा, मसूर दाल आदि इस दिन पूरी तरह वर्जित हैं। ऐसे भोजन से मानसिक शांति कम होती है और भक्ति भाव में कमी आती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन नियमों का महत्व
इन आहार नियमों के पीछे केवल धार्मिक कारण नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार भी है। मौसम के अनुसार भोजन करना, संक्रमण से बचना और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना इन नियमों का मुख्य उद्देश्य है।
जन्माष्टमी के दिन क्या खाएं
- फलाहार जैसे केला, सेव, अनार, अंगूर
- सूखे मेवे
- साबूदाना खिचड़ी
- दूध और पनीर से बने व्यंजन
- मीठा जैसे माखन मिश्री
भक्तिमय माहौल बनाए रखने के उपाय
- घर में भजन-कीर्तन करें
- भगवान कृष्ण की झांकी सजाएं
- रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव मनाएं
- गरीबों में प्रसाद बांटें