Bharti Singh का बच्चे की बंद नाक खोलने का आसान नुस्खा | Ajwain Clove Remedy
Bharti Singh ने बताया बच्चे की बंद नाक खोलने का असरदार घरेलू नुस्खा, Ajwain और Clove से बनी पोटली से मिलती है रातभर राहत।;
Bharti Singh का बच्चे की बंद नाक खोलने का असरदार नुस्खा
सर्दियों के मौसम में या मौसम बदलने के दौरान छोटे बच्चों की सेहत को लेकर माता-पिता अक्सर परेशान रहते हैं। खासकर, सर्दी-जुकाम और बंद नाक की समस्या बच्चों में बहुत आम होती है। जब बच्चे की नाक बंद हो जाती है, तो उसे सांस लेने में तकलीफ होती है, रातभर नींद नहीं आती और बेचैनी बढ़ जाती है। इसी समस्या का एक आसान और असरदार घरेलू उपाय मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह ने अपने यूट्यूब पॉडकास्ट में साझा किया है।
Bharti Singh ने बताया आसान और असरदार नुस्खा
भारती सिंह ने बताया कि उनके बच्चे की जब भी नाक बंद होती है, तो वे एक बेहद सरल घरेलू नुस्खा अपनाती हैं। इस नुस्खे में केवल दो चीजें लगती हैं — अजवाइन और लौंग। इन दोनों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण न केवल नाक खोलने में मदद करते हैं बल्कि जुकाम में भी राहत देते हैं।
पोटली तैयार करने का तरीका
जरूरी सामग्री
- 1 चम्मच अजवाइन
- 5–7 लौंग
- मलमल का कपड़ा
- तवा
बनाने की विधि
-एक तवे को हल्का गरम करें।
-उस पर अजवाइन और लौंग डालकर हल्का-सा भून लें।
-ध्यान रखें कि इन्हें ज्यादा न जलाएं, बस खुशबू आने तक ही भूनें।
-अब इन्हें मलमल के कपड़े में डालकर पोटली बना लें।
-यह पोटली बच्चे के सोने की जगह के पास रखें, ताकि इसकी गर्माहट और सुगंध बच्चे को रातभर राहत देती रहे।
कैसे काम करती है अजवाइन और लौंग की पोटली?
-अजवाइन में थाइमोल होता है, जो नेचुरल एंटीसेप्टिक है।
-लौंग में यूजेनॉल होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और पेन रिलीवर है।
-गर्म पोटली से निकलने वाली खुशबू बच्चे की सांस लेने की प्रक्रिया को आसान करती है और बलगम को ढीला करती है।
सावधानियां जो जरूरी हैं
-पोटली को हमेशा बच्चे की पहुंच से दूर रखें।
-पोटली का तापमान हल्का गरम ही होना चाहिए।
अगर बच्चे को एलर्जी है तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अजवाइन और लौंग के अन्य फायदे
- सर्दी-जुकाम में राहत
- पेट दर्द में आराम
- खांसी में कमी
- इम्युनिटी बढ़ाना
कब अपनाएं यह नुस्खा?
- जब बच्चे की नाक बंद हो
- सर्दी-जुकाम के शुरुआती लक्षण हों
- मौसम बदलने पर रोकथाम के लिए
विशेषज्ञ की राय
हालांकि यह नुस्खा सुरक्षित है, लेकिन अगर बच्चे को लंबे समय तक राहत न मिले, सांस लेने में अधिक तकलीफ हो या बुखार आ जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।