गांठ, रसौली और सिस्ट में फायदेमंद आयुर्वेदिक जूस | Ayurvedic Juice

आचार्य मनीष का देसी नुस्खा, गांठ, रसौली, ट्यूमर और सिस्ट में लाभकारी आयुर्वेदिक जूस, जानें बनाने की विधि और सेवन का तरीका।;

Update: 2025-08-13 13:18 GMT

1. परिचय – बदलती जीवनशैली और सेहत पर असर

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी जीवनशैली इतनी बदल गई है कि उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है। मिलावटी भोजन, बढ़ता प्रदूषण और असंतुलित दिनचर्या से कई गंभीर बीमारियां जन्म ले रही हैं। इन बीमारियों में शरीर में गांठ, रसौली, सिस्ट या ट्यूमर जैसी समस्याएं प्रमुख हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इनके इलाज के लिए अक्सर ऑपरेशन की सलाह दी जाती है, लेकिन आयुर्वेद में इनसे निपटने के प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय मौजूद हैं।

2. आचार्य मनीष जी का आयुर्वेदिक सुझाव

आयुर्वेदिक और नेचुरल लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने वाले आचार्य मनीष जी का कहना है कि ऑपरेशन का विकल्प चुनने से पहले एक बार इस विशेष हर्बल जूस को आजमाना चाहिए। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट @chikitsaguru पर इस जूस की रेसिपी शेयर की है, जो गांठ, रसौली, सिस्ट और ट्यूमर जैसी समस्याओं में फायदेमंद है।

3. आयुर्वेदिक जूस बनाने की विधि

इस जूस को बनाना बेहद आसान है और इसके लिए घर में मौजूद हरी पत्तेदार सब्जियों और जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। यह जूस शरीर को डिटॉक्स करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

4. आवश्यक सामग्री की पूरी लिस्ट

  1. अमरूद के 2 पत्ते
  2. पीपल के 2 पत्ते
  3. बरगद के 2 पत्ते
  4. पान के 4-5 पत्ते
  5. पुदीना के 15-20 पत्ते
  6. धनिया के 15-20 पत्ते
  7. कढ़ी पत्ता के 15-20 पत्ते
  8. पालक, मेथी, बथुआ या चौलाई – 50-70 ग्राम
  9. हल्दी का 1 बड़ा टुकड़ा
  10. अदरक का 1 छोटा टुकड़ा
  11. 1 आंवला

(स्वाद के लिए संतरा, मौसंबी या अनार का रस भी मिला सकते हैं)

5. जूस बनाने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस

-सबसे पहले सभी पत्तों और हरी सब्जियों को साफ पानी से अच्छे से धो लें।

-हल्दी, अदरक और आंवला को छोटे टुकड़ों में काट लें।

-सभी सामग्री को मिक्सर या जूसर में डालें।

-आवश्यकता अनुसार थोड़ा पानी डालकर पीस लें।

-छानकर गिलास में भर लें।

-स्वाद के लिए संतरा, मौसंबी या अनार का रस मिला सकते हैं।

6. सेवन का सही तरीका

-इस जूस का सेवन सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा माना जाता है।

-15-20 दिन तक नियमित सेवन करने पर असर दिखने लगता है।

-सेवन के बाद 30 मिनट तक कुछ न खाएं।

7. जूस के स्वास्थ्य लाभ

  1. गांठ, रसौली और सिस्ट में राहत – इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सूजन और गांठ को कम करते हैं।
  2. डिटॉक्सिफिकेशन – शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
  3. इम्यूनिटी बूस्ट – आंवला, पुदीना और धनिया शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  4. पाचन में सुधार – पुदीना और धनिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।
  5. एंटी-कैंसर गुण – हल्दी और अदरक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकते हैं।

8. गांठ, रसौली और सिस्ट में यह जूस कैसे फायदेमंद है

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में टॉक्सिन्स के जमाव, पाचन की कमजोरी और रक्त की अशुद्धता से गांठ और रसौली जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह जूस शरीर को शुद्ध करता है, खून को साफ करता है और कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है।

9. शरीर डिटॉक्स और इम्यूनिटी बूस्ट में योगदान

हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन A, C, K और मिनरल्स से भरपूर होती हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाती हैं। आंवला विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

10. सावधानियां और डॉक्टर की सलाह

किसी भी हर्बल जूस का सेवन करने से पहले अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।

गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग बिना परामर्श सेवन न करें।

किसी भी सामग्री से एलर्जी हो तो उसका उपयोग न करें।

Similar News